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ज़ायोनी कमांडरों को इस्राईल के बिखर जाने का ख़तरा सता रहा है : रिपोर्ट

इस्राईल के एक अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक़, ज़ायोनी कमांडरों का मानना है कि अगले किसी भी युद्ध में इस्राईल के पतन का गंभीर ख़तरा है।

यिसराइल ह्यूम में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस्राईल के कई वरिष्ठ सैन्य कमांडरों का कहना है कि हिज़्बुल्लाह के साथ तनाव में वृद्धि के बाद, युद्ध का ख़तरा मंडरा रहा है। मौजूदा हालात में कोई भी लड़ाई, इस्राईल के वजूद के लिए ख़तरनाक साबित हो सकती है।

इस अख़बार के सैन्य मामलों के रिपोर्टर ने जानकार सूत्रों के हवाले से बताया है कि युद्ध के लिए सेना की तैयारी को लेकर मतभेद कोई नई बात नहीं है, लेकिन 2006 के युद्ध के बाद से ही छोटे-मोटे अभियानों को छोड़कर इस्राईली सेना कोई बड़ा ऑप्रेशन करने में नाकाम रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक़, आज युद्ध की समाप्ति के लिए ज़ायोनी सेना की क्षमता के बारे में संदेह और अशंकाएं बढ़ गई हैं, दूसरी ओर ज़ायोनी समाज आगामी युद्ध में किसी बड़े ख़तरे या नुक़सान से निपटने के लिए तैयार नहीं है, इसलिए उसके पतन की संभावना बढ़ गई है\

हसन नसरुल्लाह की धमकी के बाद इस्राईली सेना का युद्ध अभ्यास

हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह की हालिया चेतावनी के बाद, इस्राईली सेना ने हिज़्बुल्लाह के ड्रोन विमानों और मिसाइलों का मुक़ाबला करने के लिए युद्ध अभ्यास शुरू कर दिया है।

इस्राईल के एक सुरक्षा सूत्र का कहना है कि ज़ायोनी नौसेना का हालिया युद्ध अभ्यास भी नसरुल्लाह की धमकियों को मद्देनज़र रखकर किया गया है, क्योंकि हिज़्बुल्लाह ने हाल ही में कैरिश गैस फ़ील्ड के ऊपर ड्रोन विमान उड़ाए थे।

ग़ौरतलब है कि अमरीका की मध्यस्थता में लेबनान और इस्राईल के बीच समुद्री सीमाओं को लेकर होने वाली बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है, जिसके बाद कैरिश गैस फ़ील्ड पर इस्राईल के क़ब्ज़े को लेकर तनाव बढ़ गया है।

तनाव के मद्देनज़र, इस्राईल ने एक विशेषज्ञ टीम का गठन किया है, जो कैरिश गैस फ़ील्ड को आज़ाद कराने के लिए हिज़्बुल्लाह की कार्यवाही पर नज़र रखेगी।

सैयद हसन नसरुल्लाह ने हिज़्बुल्लाह के ड्रोन ऑप्रेशन के बाद, इस्राईल को इस गैस फ़ील्ड से क़ब्ज़ा ख़त्म करने के लिए 6 हफ़्तों का वक़्त दिया था, जिसके बाद से इस्राईल ने लाहाव युद्धपोत को इस गैस फ़ील्ड की निगरानी के लिए तैनात कर दिया है।