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ज़ख़्म तो वो हैं जिन्हें छुपा लिया जाए, जिन्हें दिखा दिया जाए उन्हें ज़ख़्म नहीं तमाशा कहते हैं

Farooque Rasheed Farooquee
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ज़ख़्म तो वो हैं जिन्हें छुपा लिया जाए। जिन्हें दिखा दिया जाए उन्हें ज़ख़्म नहीं तमाशा कहते हैं। बावक़ार इंसान वो होता है जो अपने ग़मों का तज़किरा किसी से नहीं करता। अच्छा इंसान वह है जो किसी भी तकलीफ़ में बंदों से अल्लाह की शिकायत न करे और सबसे अच्छा इंसान वह है जो हर मुसीबत और आज़माइश में अल्लाह के फ़ैसले से राज़ी रहे। अल्लाह के नेक बंदे कभी अल्लाह की शिकायत नहीं करते। वो हर हाल में अल्लाह का शुक्र अदा करते हैं। आपकी मुश्किल सिर्फ़ अल्लाह ही दूर कर सकता है। आपकी मुसीबत का तमाशा देखने वाले बहुत से लोग मिल जाएंगे लेकिन सच्ची हमदर्दी सिर्फ़ अल्लाह की ज़ात से मिलेगी। सुकून तभी आपको मिलेगा जब अल्लाह की मर्ज़ी और अल्लाह की रहमत आप पर होगी। अल्लाह कायनात का रब है। वही दिलों को चैनो-क़रार देता है और ग़मों को ख़ुशी में बदल देता है। माॅंगना हमेशा अल्लाह ही से चाहिए —
कोई शय हो तुझसे ऐ मालिक-ए- हाजात माॅंगी है
समन्दर ने किसी दरिया से कब ख़ैरात माॅंगी है
(फ़ारूक़ रशीद फ़ारूक़ी)

زخم تو وہ ہیں جو چھپا لئے جائیں۔ جنھیں دکھا دیا جائے انہیں تماشا کہتے ہیں۔ باوقار انسان وہ ہوتا ہے جو اپنے غموں کا تذکرہ کسی سے نہیں کرتا۔ اچھا انسان وہ ہوتا ہے جو کسی بھی تکلیف میں بندوں سے اللہ کی شکایت نہ کرے اور سب سے اچھا انسان وہ ہے جو ہر مصیبت اور آزمائش میں میں اللہ کے فیصلے سے راضی رہے۔ اللہ کی نیک بندے کبھی اللہ کی کی شکایت نہیں کرتے۔ وہ ہر حال میں اللہ کا شکر ادا کرتے ہیں۔ آپ کی مشکل صرف اللہ ہی دور کر سکتا ہے۔ آپ کی مصیبت کا تماشہ دیکھنے والے بہت سے لوگ مل جائیں گے لیکن سچی ہمدردی صرف اللہ کی ذات سے ملے گی۔ سکون تبھی آپ کو ملے گا جب اللہ کی مرضی اور اللہ کی رحمت آپ پر ہوگی۔ اللہ کائنات کا مالک ہے۔ ویں اداس دلوں کو چین و فرار دیتا۔ ہے ۔ اور غموں کو خوشی میں بدل دیتا ہے۔ مانگنا ہمیشہ اللہ تعالیٰ سے چاہیے…….
کوئی شے ہو تجھ سے اے مالکِ حاجات مانگی ہے
سمندر نے کسی دریا سے کب خیرات مانگی ہے
(فاروق رشید فاروقی)