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जवानों, सोच-समझकर विवाह करो! झगड़ालू औरत से शादी करने से बेहतर है आप अकेले, निराश रहें!

सुलैमान के नीतिवचनों से बुद्धि
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नीतिवचन 27:15
वर्षा ऋतु में पानी का लगातार बरसना, और झगड़ालू पत्‍नी, दोनों कष्‍टदायक हैं।
बरसात के दिनों में टपकती छतवाले घर की कल्पना करें। आप नहीं जा सकते क्योंकि बाहर बारिश हो रही है; आप घर में भी आराम नहीं रह सकते, क्योंकि अंदर पानी टपक रहा है। आप दुविधा की स्थिति में हैं और पागल होते जा रहे हैं, क्योंकि बारिश का पानी छत से आपके बदन और घर की वस्तुओं पर टपक-टपक की किरकिरी आवाज़ के साथ गिर रहा है। एक स्त्री भी जिसे बहस करना, टोकना, सवाल करना या झगड़ना अच्छा लगता है, वह ऐसे ही टपकती छत के समान होती है। यह चिड़चिड़ी पत्नी वैवाहिक जीवन की आशीष को अपने पति के लिए यातना में बदल देती है।

लंबी बारिशें बुरी नहीं होती। सच देखें तो, ये कृषि समृद्धि के लिए आवश्यक हैं। जहाँ सुखा पड़ा होता है वहां लंबी बारिशें कृषि प्रधान समाज के लिए एक अच्छी बात है, और सुरक्षित घर पर बारिश की लगातार बूंदाबांदी एक सुखद शोर जैसा है जिससे एक सुखद और सुरक्षित वातावरण बनता है। इसलिए, आप लगातार टपकती छत के दर्द को समझ सकते हैं जो बहुत चिड़चिड़ी और परेशान करनेवाली होती है, क्योंकि इससे सिर्फ़ शांति और संपत्ति को नुकसान पहुँचता है (नीतिवचन 19:13)।

झगड़ालू पत्‍नी क्या है? वह जो वाद-विवाद, बहस, लड़ाई-झगड़ा और प्रश्न पूछती रहती है। वह संतुष्ट नहीं है और वह दूसरों को भी संतुष्ट नहीं रहने दे सकती। वह दबाव डालती है, चिड़ा देती है, परेशान करती है और क्रोध दिलाती है। उसे इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं है कि उसकी भूमिका एक मनभावनी और अधिनस्थ सहायक होने की है (उत्पत्ति 2:18; 3:16; 1 कुरिन्थ 11:9)। वह एक ऐसी घिनौनी औरत होती है जिसे दुनिया बर्दाश्त नहीं कर सकती (नीतिवचन 30:21-23)। पुरुष के लिए भला है कि वह इस कष्‍टदायक जीव के साथ रहने की अपेक्षा अकेला ही रहे (नीतिवचन 21:9,19; 25:24)।

लगातार टपकना कुण्ठित करनेवाली, भड़काऊ और विनाशकारी बात है। आप शोर से बचना चाहते हैं, लेकिन आप जा भी कहाँ सकते हैं? आप जानते हैं कि यह आपके मानसिक सन्तुलन और संपत्ति को नष्ट कर रहा है, लेकिन यह रुकेगा नहीं। एक झगड़ालू पत्‍नी ऐसी ही होती है। आपने उससे विवाह करके अपने प्राण और भविष्य को अभिशाप दिया है; अब आप इस चुड़ैल से बच नहीं सकते; वह आपके साथ एक ही मेज पर बैठकर खाना खाती है और आपके बिस्तर पर सोती है! यदि वह आपको किसी कमज़ोर क्षण में धूप की एक किरण देती भी है, तौभी वह जल्द ही कर्कश बारिश में बदल जाती है। यदि आप उसे सुधारना चाहते हैं, तो फिर आप उस रिछ्नी को भी समझाने में सफ़ल हो सकते हैं जिसके शावकों को चुरा लिया गया है।

कुछ औरतें इतनी घिनौनी क्यों होती हैं? वे जन्म से ही मूर्ख और विवेकरहित होती हैं; यह भी सम्भव है कि उनकी माँ खुद भी एक घिनौनी औरत रही हो; वे इस झूठ पर विश्वास करती हैं कि विवाह उनके लिए बनाया गया था; या ऐसा सोचती हैं कि पुरुषों ने कभी उन्हें उचित स्थान नहीं दिया है। जब वे इस प्रकार का कोई नीतिवचन पढ़ती हैं, तो उन्हें पता ही नहीं चलता कि यह उनका ही वर्णन है। उनमें दो फरीसियों की तुलना में कही अधिक आत्म-धार्मिकता और हठ है। यदि आप स्पष्टीकरण मांगते हैं, तो वे चिल्लाती हैं, “मैं केवल मदद करने की कोशिश कर रही हूं। अगर मैं उसकी अगुवाई नहीं करुँगी, तो वह किसी काम का नहीं। इसलिए ज़रूरी हैं कि मैं उसे हर बात याद दिलाऊ।”

ख्रिश्चन जवानों, सोच-समझकर विवाह करो! ऐसी औरत से शादी करने से बेहतर है आप अकेले, निराश रहें। केवल परमेश्वर का भय मानते हुए लड़की का चुनाव करें, क्योंकि घृणित स्त्रियाँ पुरुषों को धोखा देकर उनसे विवाह कर सकती हैं और बाद में उनकी ज़िन्दगी दर्दनाक बना देती हैं (नीतिवचन 30:21-23; 31:30)। एक युवा स्त्री जो परमेश्वर से डरती है वह अपना स्थान जानती है (उत्पत्ति 2:18), अपने पति की आज्ञा का पालन करती है (इफि 5:22-24), उसका आदर करती है (इफि 5:33), अपने सच्चे प्यार से उसे मोह लेती है (नीतिवचन 5:19; 1 कुरिन्थ 7:1- 5), वह आत्मा में नम्र और सुशील होती है (1 पतरस 3:3-4), और उसकी सेवा करती है (नीतिवचन 31:10-27; तीतुस 2:3-5)। यदि आप मूर्खतापूर्वक विवाह करते हैं, तो आपके दोस्तों को यह पता चल जाएगा, क्योंकि आप उनसे उसे छिपाकर नहीं रख सकते (नीतिवचन 27:16)।

ख्रिश्चन युवा स्त्रियों, आज महिलाओं की भूमिका के बारे में जो तरह तरह के झूठ फैलाए जा रहे हैं उनका शिकार होने से खुद को बचाएं। आपके चहते टीवी प्रचारक जोएल ओस्टीन, मैडोना, या जेम्स डॉब्सन चाहे कुछ भी कहें, परमेश्वर ने इस मामले को पहले ही सुलझा लिया है। आप अपने पति के लिए बनी हैं (1 कुरिन्थ 11:9), और उसकी इच्छाएँ आपकी इच्छाएँ हैं (उत्पत्ति 3:16)। विवाह कोई साझेदारी नहीं है, जहां सब मामलों में आपकी बराबर की हिस्सेदारी होती है। एक सच्ची अनुग्रहपूर्ण महिला की सुंदरता को जानें और उस अनन्त सुन्दरता को प्राप्त करें जो सभी अच्छे पुरुष, महिलायें, और उसके परिवार के लोग उसमें देखना चाहते हैं (नीतिवचन 11:16; 31:28-31)।

दुखी और परेशान ख्रिश्चन पुरुषों, यदि आप पहले ही ऐसी महिला के साथ यातनापूर्ण विवाह में फंस गए हैं, तो अब आपके पास सीमित विकल्प हैं। अवश्य है, आप प्रार्थना, उदाहरण और उलाहना देने में परिश्रम करें और उसे परमेश्वर का भय मानना सिखाएं (भजन 34:11; 1 कुरिन्थ 7:16)। आप उसे बाइबल-प्रचार करने वाले चर्च में ले जाएँ, जहां परमेश्वर का पूरा वचन सिखाया जाता है, जिसमें स्त्रियों की भूमिका भी शामिल है, और वह भी ऐसा चर्च जहाँ परमेश्वर जन वचन से शिक्षा देता है और जो आपके लिए मेहनत करेगा (प्रेरितों 20:20,27)। और फिर आपको बुद्धिमानी से, अनुग्रह से, और बलपूर्वक अपनी पत्नी के लिए परमेश्वर के वचन की शिक्षा अपने घर में भी देनी है।

ख्रिश्चन पिताओं, आपको अपने भोले-भाले और जवानी की अभिलाषा में अधें हो चुके बेटों को उस सुअरी से बचाना है जो उसके नथुनों में सोने की थूथनी तो देख लेते है, परन्तु जिसने उसे पहना रखा है उस की बदबू की परवाह नहीं करते (नीतिवचन 11:22)। उनकी जांच और परीक्षण करें; उनकी मां के साथ समय बिताएं। एक अनुभवी पति होने के नाते, आप घिनौनी भावना की दुर्गंध को आसानी से महसूस कर सकते हैं। उसके गुणों के विषय में वह जो भी मूर्खतापूर्ण और प्रेमपूर्ण टिप्पणियां करता है उन पर ध्यान न दें, क्योंकि वह न तो उसके बारें में और न विवाह के बारे में कुछ जानता है; उसने संभवतः उसे अपने जाल में फसाया है (नीतिवचन 30:21-23; 31:30)। अपने बेटों के लिए एक ऐसी लड़की को छोड़ किसी को भी बहू स्वीकार न करें जो खुलकर अपने पूरे मन से परमेश्वर का भय नहीं मानती हो और सभी की प्रशंसा के लायक दयालु न हो। ऐसी युवा स्त्रियाँ बेहद दुर्लभ हैं, फिर भी कुछ हैं जिन्हें आपको ही ढूँढना है।

ख्रिश्चन माताओं, यह आपका कर्तव्य है कि आप अपनी बेटियों को धर्मपरायण, अनुग्रहपूर्ण, विनम्र और श्रद्धालु पत्नियाँ बनना सिखाएँ जैसा कि परमेश्वर उनसे अपेक्षा करता है (तीतुस 2:3-5)। आप उन्हें खुद एक उदाहरण बनकर और शिक्षा देकर एक अनुग्रहपूर्ण स्त्री के लक्षण सिखा सकती हैं। उन्हें दिल से प्रेम करना, कम शब्दों में बोलना, बुराई करने की बजाय तारीफ करना, सेवा करवाने की बजाय सेवा करना, बहस करने की बजाय सहमत होना, लड़ने की बजाय समर्पण करना, आँखें दिखाने के बजाय मुस्कुराना, पति को इनकार करने के बजाय रोमांस करना, खरीदारी करने की बजाय घर के काम करना, डांटने के बजाय खुद ज़िम्मेदारी लेना, गलतियाँ निकालने के बजाय प्रशंसा करना, शिकायत करने के बजाय धन्यवाद देना, रोने के बजाय चुंबन लेना, और बदला लेने के बजाय माफ़ करना सिखाएं।

झगड़ालू औरतों, अपनी जिद्दी और अवज्ञाकारी भावना का संज्ञान लें और परमेश्वर, अपने पति और उस प्रत्येक व्यक्ति के सामने जिनका आपने दिल दुखाया है अपना पाप स्वीकार करें। प्रभु दयालु है, और तुम्हारा पति भी दयालु है, बस यदि तुम नम्रता से पश्चाताप करोगी। आप उस भूमिका का उल्लंघन कर रही हैं जो परमेश्वर ने आपको दी है, और यदि आप विवाद के शैतानी रास्ते पर चलती रहोगी तो आप कभी सुखी नहीं होंगी। आपका सबसे बड़ा सुख और आनन्द केवल वह सद्गुणी स्त्री बनने में ही हैं जिसका वर्णन नीतिवचन 11:16 और नीतिवचन 31:10-31 में किया गया है।

परमेश्वर के न्याय का वह भयानक दिन आ रहा है (सभो 12:14; 2 कुरिन्थ 5:9; प्रकाशितवाक्य 20:11-15), और आपको यह अभी से सोचकर रखना ज़रूरी कि आप अपने पति के जीवन को बर्बाद करने के लिए परमेश्वर को कैसे जवाब दोंगी, जिसकी सहायक बनने और जिसे सुख देने के लिए आप बनाई गई थीं। आपके अस्तित्व का सांसारिक उद्देश्य आपका पति है, और आपने कभी नशा नहीं किया, या कभी मूर्तियों की पूजा नहीं की इसकी परमेश्वर कोई परवाह नहीं करेगा। वह इस बात का हिसाब लेगा कि आपने अपने पति के साथ कितना अच्छा व्यवहार किया, और परिणाम गंभीर होंगे।

ख्रिश्चन धर्म के सबसे बड़े प्रमाणों में से एक कार्यात्मक और खुशहाल घर होता है, जहां पति राजा होता है, और उसकी पत्नी एक आकर्षक, कृपालु और विनम्र रानी होती है, और आज इसी की कमी है। चिड़चिड़ी, झगड़ालू और अवज्ञाकारी पत्नियाँ ही परमेश्वर के वचन की निन्दा का कारण बनती हैं, क्योंकि मूर्तिपूजक भी जानते हैं कि एक पत्नी को अपने पति की सहायता और सेवा करनी चाहिए, न कि उसे निराशा और दुःख में डालना चाहिए (तीतुस 2:5; 1 तीमु 5:14; एस्तेर 1:16-20)। जो स्त्रियाँ अपने पिता परमेश्वर को जानती हैं वे संसार को दोषी ठहराए और सत्य को ऊँचा उठाएँ।