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जर्मनी में पिछले एक दशक के दौरान सबसे कम जन्म दर दर्ज हुई

जर्मनी में पिछले एक दशक के दौरान सबसे कम जन्म दर दर्ज हुई है. सामाजिक बदलाव, करियर और आधुनिक जीवनशैली की मुश्किलों के बीच बच्चों की पैदाइश कम होती जा रही है.

साल 2022 में जर्मनी में 739,000 बच्चों को जन्म हुआ. यानी 2021 के मुकाबले 56,673 कम बच्चे पैदा हुए. यह 2019 से 2021 के बीच औसत जन्मदर से 5.6 फीसदी कम रही.1997 के बाद 2021 वह साल था जब सबसे 795,492 बच्चों का जन्म रिकॉर्ड हुआ.

सरकारी सांख्यिकीय कार्यालय डिस्टाटिस के मुताबिक साल 2023 की शुरूआत में भी बच्चों की पैदाइश की दर धीमी बनी रही. पहली तिमाही में 162,000 बच्चे पैदा हुए जो 2022 की पहली तिमाही से 4.8 प्रतिशत कम है जिसमें 170,000 बच्चे पैदा हुए थे. जन्म दर में गिरावट का यही हाल 2006 से 2013 के बीच भी था.

करोना बेबीज

साल 2021 में इतने ज्यादा बच्चों की पैदाइश करोना की वजह से मानी जाती है. महामारी के दौरान गर्भ में आए और जन्मे इन बच्चों को करोना बेबीज कहा जाता है लेकिन वह वक्त बीत चुका है. 2022 में जर्मनी में एक हजार लोगों की आबादी में औसतन 1.46 बच्चों का जन्म हुआ. यह 2013 के बाद सबसे कम रहा है जबकि 2021 में करोना के दौरान यह जन्म दर 1.58 पर पहुंच गई थी.

जर्मनी में प्रवासियों के आने से जनसंख्या पर साफ असर हुआ है. देश में रहने वालों की संख्या पिछले साल बढ़कर 8.4 करोड़ पहुंच गई लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जर्मनी में जन्म दर और बूढ़ी होती जनता की दिक्कतें यूं ही सुलझ जाएंगी. प्रवासियों की मौजूदगी के बिना किसी विकसित देश की जनसंख्या को बढ़ाने के लिए जरूरी है कि जन्म दर 2.1 शिशु प्रति महिला की दर से बच्चों की पैदाइश होती रहे. यानी एक सतत प्रक्रिया अहम है ना कि प्रवासियों की आमद या महामारी के दौरान आया उछाल.

जन्म दर में क्षेत्रीय अंतर
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक देश अलग-अलग इलाकों में इस दर में भिन्नता है. जन्म दर में कमी पूरे जर्मनी के 16 राज्यों में देखी गई है लेकिन हैम्बर्ग और बर्लिन के आंकड़ों में बाकी इलाकों के मुकाबले ज्यादा अंतर मिला है. इन दोनों शहरों में जन्म दर में 10 फीसदी की गिरावट है. देश के उत्तरी हिस्से में ब्रेमेन में स्थिति थोड़ी बेहतर रही जहां जन्म दर में 4 प्रतिशत की गिरावट रही. इसके विपरीत पश्चिमी राज्यों जैसे नॉर्थ राइन वेस्टफालिया और लोअर सैक्सनी में औसत जन्म दर 1.52 रही जो बाकियों से काफी बेहतर है.

2017 से ही कम जन्म दर रिकॉर्ड करने वाले शहरी इलाका बर्लिन अब भी 1.25 की दर के साथ सबसे ज्यादा पिछड़ा है. वहीं पश्चिमी जर्मनी में भी जन्म दर 1.60 से गिर कर 1.48 पर आ गई जबकि पूर्वी जर्मनी में यह 1.54 से गिरकर 1.43 दर्ज की गई है.

कम जन्म दर की मुख्य वजहें
जनसंख्या में युवाओं की संख्या कम होना इसका एक सीधा और बहुत बड़ा कारण तो है ही लेकिन कुछ और बातों का भी गहरा असर है. महामारी के दौरान ज्यादा बच्चे पैदा हुए लेकिन उसी वजह से पैदा हुई सामाजिक और आर्थिक दिक्कतों ने विवाहितों को इस बात के लिए मजबूर भी किया कि वह किसी नई जिंदगी को इस दुनिया में फिलहाल ना लाएं. भयंकर महामारी के दौरान अनिश्चितता के माहौल ने शायद लोगों के परिवार बढ़ाने के फैसले पर नकारात्मक असर डाला. शादियों में भी कमी आई.

कम बच्चों की पैदाइश की एक वजह यह भी हो सकती है कि 20 से 30 साल की उम्र की महिलाओं, जिसमें ज्यादातर महिलाएं मां बनती हैं, उनकी संख्या कम है. इसका सबसे ज्यादा असर पूर्वी जर्मनी के इलाकों में ज्यादा दिखता है जो शहरी क्षेत्र नहीं हैं. इन इलाकों में 1980-90 के दौरान पैदा हुई महिलाओं की संख्या काफी कम है. जहां तक शहरों की बात है, पढ़ी लिखी औरतों के बच्चे कम हैं. ऐसा सिर्फ जर्मनी में ही नहीं बाकी यूरोप में देखा जाता है क्योंकि महिलाओं की जिंदगी में परिवार ही एकमात्र विकल्प नहीं रह जाता. जर्मनी में हर पांच में से एक महिला जिसकी उम्र 45 से 54 साल के बीच है, उसके बच्चे नहीं हैं. इनमें ज्यादातर कामकाजी महिलाएं हैं जिन्होंने अपना करियर बनाने में भरपूर वक्त लगाया है.

एसबी/एनआर (एएफपी, रॉयटर्स, एपी)