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जर्मनी ने ग़ज़्ज़ा में संघर्ष विराम का किया विरोध : ज़ायोनियों की हिंसक कार्यवाहियों को रुकवाने में राष्ट्रसंघ भी बेबस : रिपोर्ट

ग़ज़्ज़ा मेंं फ़िलिस्तीनी बच्चों की सुरक्षा के यूनीसेफ के प्रस्ताव को जर्मनी ने ठुकरा दिया है।

संयुक्त राष्ट्रसंघ की बालकोष संस्था यूनीसेफ की ओर से ग़ज़्ज़ा में संघर्ष विराम का जर्मनी ने समर्थन नहीं किया।

यूनीसेफ ने शुक्रवार को ग़ज़्ज़ा में मानवता के आधार पर एक कारीडोर या गलियारा बनवाने और संघर्ष विराम का प्रस्ताव दिया था जिसका जर्मनी से विरोध किया। हालांकि यूनेस्को प्रवक्ता कहते हैं कि इस समय ग़ज़्ज़ा की पट्टी में बच्चों को हमलों से सुरक्षित रखने के लिए तत्काल संघर्ष विराम कराने और एक सुरक्षा गलियारा बनाने जाने की ज़रूरत है।

जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का यह कहना है कि अवैध ज़ायोनी शासन को अपनी सुरक्षा का अधिकार है। क्रिस्टन वागनर ने इस प्रश्न का भी कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया कि ग़ज़्ज़ा में इस्राईल द्वारा फासफोरस बमों के प्रयोग की अन्तर्राष्ट्रीय जांच करवाई जाए।

इससे पहले गुरूवार को जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोलत्ज़ ने इस देश की संसद में इस्राईल के खुले समर्थन की घोषणा की थी।

ज्ञात रहे कि ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल की ओर से लगातार हमले किये जा रहे हैं जिनमें अधिकतर आम लोग मारे जा रहे हैं। मृतकों में सबसे बड़ी संख्या बच्चों और औरतों की है। ग़ज़्ज़ा में जहां पर निर्दोष फ़िलिस्तीनी मारे जा रहे हैं वहीं पर मानवाधिकारों का समर्थन करने का दावा करने वालों ने फिलहाल इस मुद्दे पर मौन धारण कर लिया है।

ज़ायोनियों की हिंसक कार्यवाहियों को रुकवाने में राष्ट्रसंघ भी बेबस

फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध इस्राईल की हिंसक कार्यवाहियों को रुकवाने में अब अन्तर्राष्ट्रीय संस्था थी बेबस सी दिखाई दे रही है।

ग़ज़्ज़ा संकट को लेकर सुरक्षा परिषद की दूसरी बैठक भी बेनतीजा समाप्त हो गई।

इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार की शाम संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद की बैठक हुई जो ग़ज़्ज़ा संकट को लेकर आयोजित की गई थी। बंद दरवाज़ों के बीच होने वाली यह बैठक बिना किसी परिणाम से समाप्त हो गई। ग़ज़्ज़ा संकट को लेकर सुरक्षा परिषद की यह दूसरी बैठक थी।

इस बैठक में राष्ट्रसंघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि क्षेत्र में तनाव कम करने के उद्देश्य से वे संघर्षरत पक्षों और बहुत से देशों के साथ संपर्क में हैं। अवैध ज़ायोनी शासन की ओर से ग़ज्ज़ा को ख़ाली कराए जाने के अल्टीमेटम के संदर्भ में राष्ट्रसंघ के महासचिव का कहना था कि इस शासन की यह कार्यवाही, एक गंभीर मानवीय त्रासदी को जन्म दे सकती है। गुटेरस के अनुसार ग़ज्ज़ा के लिए मानवीय आधार पर सहायता पहुंचाने में किसी भी प्रकार का गतिरोध नहीं होना चाहिए।

इसी बीच रूस के स्थाई प्रतनिधि वाइसली ने प्रस्ताव दिया है कि पहले ग़ज़्ज़ा में युद्ध विराम करवाया जाए। पिछले आठ दिनों के भीतर सुरक्षा परिषद की यह दूसरी बैठक है। इससे पहले भी ग़ज़्ज़ा के मुद्दे पर एक बेनतीजा बैठक हो चुकी है।

मस्जिदुल अक़सा में ज़ायोनियों की हिंसक कार्यवाही के जवाब में फ़िलिस्तीनियों ने पिछले शनिवार को अवैध ज़ायोनी शासन में एक आपरेशन शुरू किया था जिसका सिलसिला अभी ख़त्म नहीं हुआ है।