लखनऊ – जमीअत उलेमा उत्तर प्रदेश द्वारा लखनऊ के झूले लाल पार्क में तहफ्फुज़ मुल्क व मिल्लत कान्फ्रेंस शीर्षक से अधिवेशन आयोजित हुआ, इस इज्लास में विभिन्न धर्मों के रहनुमा और दलित सामाजिक नेता शरीक हुए दूसरी तरफ हजारों उलेमा और बड़ी संख्या में पूरे प्रदेश से आये लोग शरीक हुए। इस इज्लास में, मुल्क और मिल्लत की वर्तमान स्थिति में कई महत्वपूर्ण हस्तियां शामिल हुईं। जिनमें विशेष रूप से दलित मुस्लिम संयुक्त खान-पान और उनके साथ सार्वजनिक रूप से एकजुटता व्यक्त करने के लिए उनके कार्यक्रमों में भाग लेने और उनके राष्ट्रीय पर्वा के स्वागत की घोषणा की गयी।
धर्म, संप्रदाय और ज़ात समुदाय आधारित राजनीतिक सफ बंदी के खिलाफ सभी देशवासियों समेत मुसमलमानों को एक होने की अपील की गई। जमीअत ने साम्प्रदायिक चरमपंथ और भेदभाव को मुल्क और मिल्लत के लिए कठोर नुकसान करार दिया और सभी पंथों व मसलकों के अनुयायियों से अपील की गई वह वैचारिक मतभेदों को राष्ट्रीय एकता के रास्ते में नहीं आने दें और अपने मसलकों पर रहते हुए राष्ट्रीय और संयुक्त मुद्दों में एकता का प्रदर्शन करें।
इज्लास में मुस्लिम पर्सनल लॉ यानी विवाह , तलाक, खुला, विरासत आदि में किसी भी हस्तक्षेप की कड़ी निंदा की गई और तय किया गया कि जमीअत उलेमा हिंद शरीअत की हिफाज़त के लिए प्रत्येक स्तर पर कार्यवाही करेगी और दीन में हस्तक्षेप कदापि बर्दाश्त नहीं करेंगे, और अंतिम सांस तक, शरीयत इस्लाम के संरक्षण से पीछे नहीं हटेगी।
जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष और कार्यक्रम के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक़ उसामा क़ासमी ने कहा कि एक घर में अगर मतभेद हो जाए तो घर बर्बाद हो जाता, उसी तरह अगर देश में मतभेद हो जाएगा तो देश बर्बाद हो जाएगा, इस देश की शक्ति प्यार , मुहब्बत और मेल मिलाप है। हम जमीअत के इस इज्लास से एक संदेश देना चाहते हैं कि जो लोग नफरत के जहर को घोल रहे हैं, हम उनके खिलाफ लड़ेंगे और देश के इस महान विरासत को बर्बाद नहीं होन देंगे। हम मुसलमानों से अपील करते हैं कि अपने दिलों से भय को निकाल दें और धैर्य के साथ अपना काम करें।
मौलाना हकीमुद्दीन कासमी सचिव जमीअत उलेमा हिंद ने राष्ट्रीय एकजुटता से संबंधित प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि जमीअत उलमा हिंद और उनके बुजुर्गो के कारण ही आज हम अपने देश में सम्मानजनक जीवन जीने के हकदार हैं। उन्होंने कहा कि यह देश हमारा है और इसके लिए हमने बलिदान दिया है। स्वतंत्रता के बाद देश की रक्षा और नवनिर्माण में जमीअत उलेमा हिंद का महत्वपूर्ण योगदान है। जमीअत उलमा हिंद पीड़ित लोगों के लिए हमेशा की तरह सक्रिय है, और इंशाअल्लाह बने रहेंगे।
जमीअत उलमा प0 बंगाल के अध्यक्ष मौलाना सिद्दीकुल्ला चैधरी ने कहा कि जामीअत उलेमा हिंद ने आजादी और इस देश के निर्माण में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है, इसलिए मुल्क के टूटने के समय जमीअत उलमा से अधिक तकलीफ किसे होगी।, इसलिए देश को नुकसान पहुंचाने वालों का पीछा किया जायेगा।
भन्ते अशोक शाक्य भिक्षु जी सचिव बौद्ध मंदिर गया ने एक कहानी के माध्यम से समझाया कि जीवन सभी इंसानों की एकता और दोस्ती के साथ संभव है। उन्होंने कहा कि मुझे युद्ध नहीं बुद्ध चाहिए। श्री भद्र शांति मित्रा जी अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध अनुसंधान संस्थान ने कहा कि आज के स्टेज से हम शांति का मार्ग बनायें, उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया के सभी इंसान समान हैं और सभी को जीने का अधिकार है।