विशेष

जब दुष्ट शासन करते हैं तब वे धर्मियों को तुच्छ समझते हैं, जब दुष्टों को मिटाया जाता है तब धर्मी अपनी ज़बान खोल पाते हैं!

सुलैमान के नीतिवचनों से बुद्धि
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नीतिवचन 28:28
जब दुष्ट उभड़ते हैं तब मनुष्य आपको छिपाते फिरते हैं; परन्तु जब वे नष्ट होते हैं तब धर्मी बढ़ते हैं।
राजनीतिक चुनाव और सर्वेक्षण झूठे हैं। उनमें घोर पक्षपात किया है। उनके परिणाम बिगाड़ दिए जाते हैं। जब दुष्ट शासन करते हैं, तब वे धर्मियों को तुच्छ समझते हैं। दुष्टों के चले जाने के बाद ही, धर्मी प्रकट होते हैं। जब दुष्ट लोग शासक बन जाते हैं, तब धर्मी छिप जाते हैं; जब दुष्टों को मिटाया जाता है, तब धर्मी अपनी ज़बान खोल पाते हैं। अगर धर्मी को उठाया जाता है और दुष्टों को मिटाया जाता है तो इसका नतीजा एक राष्ट्रीय क्रांति में होता है।

इस नीतिवचन का विश्लेषण करें। इसकी एक समानांतर रचना है, जैसा कि कई नीतिवचनों की है। इसके दोनो खण्डों की विषमताएं वियोगात्मक (वैकल्पिक) संयोजन “परन्तु” से दिखाई गई है। आपको उनमें से किसी एक को भी ठीक ठीक रीति से परिभाषित करने के लिए दोनों खंडों के शब्दों की तुलना और उनमें भेद करना आवश्यक है। नीतिवचन गहरी कहावतें हैं जिन्हें समझने के लिए थोड़ा धैर्य और मेहनत लगती हैं, लेकिन उनकी व्याख्या की जा सकती है और उन्हें समझा जा सकता है (नीतिवचन 1: 6)।

दुष्ट कैसे उभड़ते हैं? उन्हें लोकतांत्रिक शक्ति बनाया जाता है, या फिर उनकी लोकप्रियता बढ़ाई जाती है, जो कि दूसरे खंड में वर्णित “नष्ट” के ठीक विपरीत बात है। कौन-से मनुष्य आपको छिपाते फिरते हैं? धर्मी मनुष्य, जैसा कि दूसरे खंड के शब्द “धर्मी” द्वारा इंगित किया गया है। छिपाते का क्या अर्थ है? इसका अर्थ है अपनी प्रसिद्धि करने से बचना, जिसे ” छिपाते” और “बढ़ते” की तुलना और विषमता से समझा जा सकता है। जब दुष्ट लोग शासक बनते हैं, तब धर्मी सार्वजानिक दृष्टि से ग़ायब हो जाते हैं; परन्तु जब उन दुष्ट लोगों को सत्ता से हटा दिया जाता है, तब धर्मी लोग अपने गुप्त स्थानों से बाहर निकल आते हैं और सबको दिखाई पड़ते हैं।

सबक आसान है। दुष्ट धर्मियों से बैर रखते और उन्हें नाश करना चाहते हैं; धर्मी दुष्ट से घृणा करते और डरते हैं (नीतिवचन 29:27; भजन 139:21-22)। नीतिवचन की पुस्तक का अधिकांश भाग राजा सुलैमान द्वारा अपने बेटे को दी गई राजनीतिक सलाह है। यहां उसने उसे सिखाया कि धर्मी मनुष्यों को सत्ता के पदों पर बिठाना कितना महत्वपूर्ण है। यदि ऐसा किया जाता है, तो इससे समाज और देश की उन्नति में महान और बुद्धिमान मनुष्यों के योगदान में बहुत वृद्धि होगी। परन्तु यदि वह दुष्ट शासकों को चुनता है, तो अच्छे मनुष्य भूमिगत हो जाएंगे (नीतिवचन 11:10; 28:12; 29:2)। जब पाप और पापी लोग व्यापक रूप में बढ़ते और सम्मानित किए जाते हैं, तो सत्य का प्रेम सूख जाता है (मत्ती 24:12)।

अमेरिका के राजनीतिक पंडितों ने छिपे हुए रूढ़िवादियों को “मूक बहुमत” कहा है। एक ने बाद एक आम चुनाओं में चुनावों और सर्वेक्षणों में एक शक्तिशाली मतदाताओं के समूह द्वारा खराब प्रदर्शन ने उन्हें अचम्भित कर दिया है। एक समय अमेरिका उनकी कल्पना से कहीं अधिक रूढ़िवादी हुआ करता था! जब अमेरिका में मसीही-विरोधी नेतृत्व और चलन का उदय हुआ, उस दौरान रूढ़िवादी मसीही छिपे हुए थे। बाइबल का कोई ज्ञान न होने के बावजूद, इन पंडितों और उनके द्वारा पूर्वानुमानित चुनाव परिणामों ने इस नीतिवचन के सत्य को प्रमाणित किया है।

यद्यपि धार्मिकता और सच्चाई के उदारवादी शत्रु स्पष्टवादी हैं – और यद्यपि वे अपने अधर्मी एजेंडे का प्रचार करने के लिए बहुत अधिक खर्च करते हैं, फिर भी वे ऐसे कई मतदाताओं को नज़रन्दाज़ कर देते हैं जो अभी भी कुछ हद तक रूढ़िवादी हैं और जो मूर्खतापूर्ण परिवर्तनों और नेताओं को उन पर थोपे जाने से परेशान हैं। हालाँकि ये कोलाहलपूर्ण उदारवादी अपने आराध्य उम्मीदवार की प्रशंसा करते हैं, लेकिन वह अपने रूढ़िवादी प्रतिद्वंद्वी से हार जाता है, जिसके पास कोई मौका नहीं था – जब तक कि वास्तविक लोगों के खड़े होने का समय नहीं आ जाता।

बेशक, “मूक बहुमत” के आधुनिक दिन के इस उदाहरण में कई झूठी परिभाषाएँ हैं। इसके दो कारण हैं। पहला, कोई भी राजनीतिक पंडित परमेश्वर द्वारा कीं गई सच्चे धर्मी पुरुषों की परिभाषा को नहीं जानता है। बाइबल की सच्ची धार्मिकता और बुद्धि चुनाव में विकल्प नहीं हैं। दूसरा, सच्चे धर्मी पुरुष कभी भी बहुसंख्यकों की नीतियों करीब नहीं रहे हैं और न कभी होंगे!

धर्मी पुरुष और धर्मी स्त्रियाँ आज खुद को भला क्यों उजागर करेंगे? उनके पास सार्वजनिक रूप से जाने के लिए कोई बाइबल-सम्मत आधार नहीं है। वे जानते हैं कि सरकार, शिक्षा व्यवस्था, जनसंचार माध्यम, जनता की राय और मनोरंजन समूह सभी उनके खिलाफ हैं। इनमें से सर्वश्रेष्ठ विद्वान भी परमेश्वर द्वारा सृष्टि की रचना और बन्दर से मानव का उद्विकास, यहोवा और झूठे ईश्वरों, यीशु और गुरु-पैगम्बरों के बीच भेद नहीं कर सकते। इन मूर्खों से बहस क्यों करना? सत्य को उसका मज़ाक बनानेवालों के बीच क्यों बढ़ावा देना? अपना प्रतिशोध लिए जाने का खतरा क्योंकर उठाना? नीतिवचन 23:9; मत्ती 7:6; और 2 थिस्स 3:1-2 पढ़ें। परमेश्वर के सच्चे भक्त आज भी छिपे हुए हैं, जैसे अहाब और ईज़ेबेल के दिनों में परमेश्वर के 7,000 पुरुष छिपे हुए थे (1 राजा19:1-18)।

किसी अगुवे द्वारा व्यक्तिगत क्रांति, क्रांति को जन्म देगी। जब राजा आसा पुरे मन से यहोवा के साथ चला, तो अन्य राष्ट्रों के कई पराए लोग उसके साथ हो लिए (2 इतिहास 15:8-9)। ऐसा ही राजा हिजकिय्याह के शासनकाल में भी हुआ (2 इतिहास 30:17,25-26)। जब फारस में हामान मारा गया, तो कई लोग यहूदी धर्म में परिवर्तित हो गए (एस्तेर 8:17)। जब परमेश्वर ने आरम्भिक कलीसिया के एक शत्रु, हेरोदेस अग्रिप्पा प्रथम को मार डाला, तो सुसमाचार फैल गया (प्रेरितों के काम 12:23-24)। और जब “खुनी मैरी,” के नाम से कुख्यात क्वीन मैरी प्रथम ट्यूडर, 1558 में परमेश्वर की कृपा से मर गई, तो इंग्लैंड में छिपे हुए धर्मी पूरी तरह से सामने आ गए।

बुद्धि का अनुसरण करना आसान है। किसी भी समाज में अच्छे नेता सद्गुणी व्यक्तियों को सामने लाते हैं। एक दुष्ट व्यक्ति को सत्ता में रखो, और ये मूल्यवान लोग बुरे लोगों के प्रति घृणा और उनके द्वारा संभावित उत्पीड़न और निराशा के डर से गायब हो जाएंगे। किसी भी पेशे में जिस हद तक बुद्धिमान पुरुषों को पदोन्नत किया जाता है, बुद्धिमान कर्मचारियों की संख्या में उतनी ही वृद्धि होगी। जिस हद तक एकपास्टर पवित्र और धर्मी है, उतना ही उसका चर्च पवित्र और धर्मी सदस्यों में बढ़ेगा। एक पिता जिस हद तक कुलीन और सदाचारी होता है, उसका परिवार उतना ही कुलीनता और सदाचार में बढ़ता है।

जैसा कि दानिय्येल और यूहन्ना ने भविष्यवाणी की थी (दानिय्येल 7:19-28; प्रकाशितवाक्य 12:12-17) यीशु मसीह की कलीसियाएँ अपने अस्तित्व के अधिकांश समय में दुनिया से छिपी हुई अवस्था में रही हैं। पशु के एक महान साम्राज्य के दो रूपों में अस्तित्व में आई मूर्तिपूजक और पोप द्वारा संचालित रोमी कलीसिया ने क्रमिक रूप से उन्हें नष्ट करने की कोशिश की (प्रक 12:3; 13:1)। परन्तु परमेश्वर ने उन्हें रोम के प्रलय से बचाकर वेल्स के पहाड़ों के छिपे हुए स्थानों में अपनी अनुग्रहपूर्ण देखभाल के द्वारा सुरक्षित रखा। बाद के समय में मसीही और सहिष्णु शासकों के अधीन, ये कलीसिया और पवित्र लोग फुलेंफले और समृद्ध हुए जब तक कि आतंक और सांसारिकता की महामारी का अगला शासनकाल नहीं आया। सच्चे पवित्र लोग आज विरले ही देखे जाते हैं, क्योंकि वे दो शत्रुओं – मूर्तिपूजक सार्वजनिक नीति और सांसारिक मसीहत– से अपने को छिपाते फिरते हैं।

सुलैमान के नीतिवचनों से बुद्धि
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नीतिवचन 30:18
तीन बातें हैं जो मेरे लिये बहुत अद्भुत हैं, वरन चार जिन्हें मैं नहीं जानता।:
चार रहस्यों पर बुद्धिमानी से मनन करें। मानवीय समझ से परे, वे मन को अपने सृष्टिकर्ता पर चिंतन करने के लिए प्रेरित करते हैं जिसने उन रहस्यों के अतुल्य लक्षणों और गुणस्वभाव को बनाया। मनुष्य की समझ या उनकी नकल करने की क्षमता से परे, ये रहस्य मनुष्य की बुद्धि को यह स्वीकार करने के लिए विनम्र कर देते हैं कि उन्हें बुद्धि की कितनी आवश्यकता है।

परमेश्वर-प्रेरित आगूर नबी ने इतिएल और ऊकाल को शिक्षा देने के लिए चार बातों के समूहों का उपयोग किया (नीतिवचन 30:1)। परमेश्वर ने इन वस्तुओं को बड़ी बुद्धि से सृजा, जैसा उसने सारे विश्व को बनाया (नीतिवचन 8:22-31)। मनुष्य उन्हें दूसरों को पूरी तरह से समझा भी नहीं सकता और न उनकी परिभाषा कर सकता है, नक़ल करना तो दूर, इसलिए अवश्य है कि वह नम्र और दीन होकर उनकी प्रशंसा करे, और उन्हें मूल्यवान जाने।

क्या एक शिक्षक को अपनी अज्ञानता स्वीकार करनी चाहिए? आगुर ने पहले ही स्वीकार कर लीं (नीतिवचन 30:2-4), और इस नीतिवचन में उसने फिर एक बार अपनी अज्ञानता मान लीं। यदि उसका उद्देश्य परमेश्वर के ज्ञान की महिमा करना और दूसरों को उनपर चिंतन करने में प्रेरित करना है, तो शिक्षा के लिए यह एक अच्छी तकनीक है। यहाँ, इन चार चीजों को उनके रहस्यमय गुणों के लिए ऊंचा करना ही अगुर का लक्ष्य है।

इस नीतिवचन का सबक क्या है? यह सबक चौथी अद्भुत बात के विषय में है – कन्या के संग पुरुष की चाल। अन्य तीन बातें, जिनका वर्णन प्रकृति के चमत्कार के रूप में किया गया है, चौथी बात की ओर ले जाती हैं। एक पुरुष और उसकी युवावस्था की पत्नी के बीच युवा-प्रेम की महिमा और शक्ति इतनी अनमोल हैं कि उनकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती। उस चौथी बात और उसके व्यावहारिक उपयोग के बारे में अधिक जानकारी के लिए नीतिवचन 30:19 पर मेरी कमेंट्री देखें।

आकाश में उकाब पक्षी का मार्ग शानदार रूप से रहस्यमय है। गर्म हवाओं पर तैरता और फड़फड़ गति से उड़ता उकाब अपने 7-फुट फैलें पंखों से गति के साथ ऊंची उड़ान भर सकता है और चक्कर लगा सकता है। हवा में, जमीन पर, या पानी में बेखबर शिकार को पकड़ने के लिए पृथ्वी की ओर गोता लगाता यह पक्षी, 100 मील प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है! उकाबों के बीच प्रेमालाप के दौरान हम एक मनमोहक नज़ारा देख सकते हैं। प्रेमालाप के दौरान ये पक्षी आकाश में ऊंचाई पर रहते एक-दूसरे के पैरों को पकड़ते हैं और पृथ्वी की ओर गिरते हैं, अपने पंखों और पैरों को फैलाकर कलाबाज़ी करते हैं। इसकी बुद्धिमानीपूर्ण रचना को कौन समझ सकता है?

चट्टान पर सर्प की चाल भी अद्भुत बात है। सर्प के हाथ या पैर नहीं होते हैं। घास या रेत के माध्यम से रेंगना और मुड़ना एक बात है, फिर भी विचार करने योग्य है, लेकिन यही सब वह एक चिकनी चट्टान पर कैसे करता? उसको उत्तोलन की यह शक्ति कहां से मिलती है? यह बिना हाथ या पैर के फिसलन वाली सतह पर आगे और ऊपर कैसे जा सकता है? जब वह क्रोधित या डरा हुआ होता है, तब वह फुर्ती से या तो सीधे दुश्मन की ओर या उससे दूर भाग जाता है। वह किसी पैर की अंगुली का उपयोग नहीं करता है और न अपना मार्ग छोड़ता है, फिर भी वह कुशलता से चलता है। इसकी बुद्धिमानीपूर्ण रचना को कौन समझ सकता है?

समुद्र में जहाज़ की चाल भी अद्भुत बात है। एक जहाज़ में प्रणोदन के दृश्य साधन नहीं होते हैं, फिर भी यह पानी के साथ आसानी से चलता है। इसका विशाल आकार एक बहुत छोटे पतवार और नियंत्रक द्वार चलाया जाता है। वह लहरों पर अपना कोई निशान नहीं छोड़ता है, कि कोई उसका अनुसरण कर सके; यह भारी भारी तूफानों को बिना पलटे संभाल सकता है; और वह अपने गंतव्य पर पहुँचने के लिए बिना किसी चिन्हों के विशाल जलाशयों को पार करता है। और यह पाल के सामने की हवा है जो इसे चलाती है, न कि पाल के पीछे की हवा। इसकी बुद्धिमानीपूर्ण रचना को कौन समझ सकता है?

कन्या के संग पुरुष की चाल अद्भुत और रहस्यमय है। एक कुंवारी लड़की को 14-18 साल तक अच्छी तरह से संरक्षित किया जाता है। वह घर-काम, स्कूल, नौकरी, शौक, प्रकृति का आनंद, सहेलियों, और परिवार के साथ खुशी से संतुष्ट हो सकती है। प्रेम और यौन-संबंधो के ख़याल उसे विरले ही परेशान कर पाते हैं। लेकिन उस परिवर्तन पर विचार करें जब एक पुरुष उसे आकर्षित करता है! वह उस कन्या का अपनी ओर ध्यान खींचकर, अपने शब्दों और वादों के साथ, उसमें एक उग्र प्रतिक्रिया को रोशन करता है जिसका उसने पहले कभी अनुभव नहीं किया। कुछ आलिंगनों और चुंबनों का प्रेम मिलने पर, वह भावनात्मक हो जाती है और शारीरिक रूप से उसे कुछ भी और सब कुछ देने के लिए तैयार हो जाती है। वह बिना किसी डर के, और चेतावनी के बावजूद, उसके पीछे जाने के लिए उत्सुकता से सब कुछ छोड़ देगी। उसकी बुद्धिमानीपूर्ण रचना को कौन समझ सकता है?

उकाब की प्रशंसा करो; साँप का सम्मान करो; जहाज की सराहना करो; और नए नए वैवाहिक जोड़े के बीच भावनात्मक और यौन रोमांस पर विचार करो। परमेश्वर ने सब वस्तुओं को अपने समय और स्थान में अद्‌भुत रीति से बनाया है, परन्तु मनुष्य भक्‍तिहीन आविष्कारों और उनके दुरुपयोग के पीछे लगे हैं (सभोपदेशक 3:1-11; 7:29)। बुद्धि परमेश्वर के बुद्धिमान रचना की सराहना करती है और उसकी इच्छा के अनुसार इसका उपयोग करती है। उद्देश्पूर्ण किये गए या वास्तविक विवाह के बाहर रोमांस या यौन सम्बन्ध के लिए कोई जगह नहीं है।

इन चार बातों से कहीं बड़ी अद्भुत बात है परमेश्वर की बुद्धि और सामर्थ्य जिसमे उसने अपने लोगों को उनके पापों से कुँवारी से जन्मे, अपने एकलौते पुत्र की मृत्यु के द्वारा छुड़ाया (1 कुरिन्थियों 1:17-25; इफि 1:3-14; इब्रानियों 10:1-14). दूसरे आदम, प्रभु यीशु मसीह ने उनके लिए पहले आदम की तुलना में कहीं अधिक उस लक्ष्य को हासिल किया जिसे पहले आदम के पाप ने नष्ट कर दिया था (रोमियों 5:12-19; 1 तीमु 2:15)। बाइबल में उसके पुत्र के बारे में परमेश्वर की गवाही पर विश्वास करें और इस के आश्चर्य का आनंद लें।