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ठिकाने ग़म भी मिरा अब मिरे सिवाय लगे।। मैं चाहता भी यही हूँ कि तेरी हाय लगे।। – दाग़ अलीगढ़ी की चंद ग़ज़लें पढ़िये!
दाग़ अलीगढ़ी ============= आह में बदलती हैं सिसकियाँ भी खुलती हैं।। देखना दिसम्बर में सर्दियाँ भी खुलती हैं।। रफ़्ता रफ़्ता बनता है इश्क़ कीमती मोती, चाहतों की चोटों से सीपियाँ भी खुलती हैं।। जब सियासी रक़्क़सा हुक़्म दे तो क़दमों में, तख्तों-ताज गिरते हैं पगड़ियाँ भी खुलती हैं।। राज़ भी बहुत दिन तक राज़ रह […]
न जाने क्या हुआ उसको वो देखता ही नही…काशिफ अहसन क़ाश कन्नौजी की एक #ग़ज़ल!
काशिफ अहसन काश कन्नौजी ====================== ___________💐💐 #ग़ज़ल // #غزل 💐💐_________ जो कोहरा ग़ैर शनासी का था छटा ही नही न जाने क्या हुआ उसको वो देखता ही नही جو کہرا غیر شناسی کا تھا چھٹا ہی نہیں نہ جانے کیا ہوا اس کو وہ دیکھتا ہی نہیں हज़ार बार मै धोया हूँ आंसुओं से उसे […]
ख़ौफ़ के साये में….*लघु कहानी*….. लेखिका-साधना कृष्ण
साधना कृष्ण Lives in Lalganj, Bihār, India From Muzaffarpur ============== खौफ के साये में (लघु कहानी ) …………… आजतक तुमने किया क्या है? बस खाना बनाकर खिला देते हो और किताब लेकर बैठ जाते हो । बड़ा आये हो पढ़ने वाले। अरे सब पता है ।तुम हमारी आँखों में धूल झोंकते हो। सही ढंग से […]