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जनमत पर डाका डाला जा रहा है, 19 लाख ग़ायब EVM कहा हैं? इस चुनावआयोग और इन EVM के रहते NDA 880 सीट भी जीत सकता है? !!रिपोर्ट!!

देश में लोक सभा के चुनाव हो रहे हैं पांच चरण के चुनाव हो चुके हैं और दो चरण के होना बाक़ी रह गए हैं, चुनाव आयोग की तरफ से जो मत प्रतिशत का डाटा जारी किया जा रहा है उसमे बड़ा अंतर देखने को मिला है, चार चरण के चुनावों का जो डाटा चुनाव आयोग ने जारी किया है उसमे शुरू में बताये गए आंकड़ों और अंतिम आंकड़ों में एक करोड़, सात लाख वोट बढ़ कर बताये गए हैं, जानकारी के मुताबिक हर सीट पर तक़रीबन 28000 हज़ार वोट बढ़ा कर बताये गए हैं, वहीँ EVM को लेकर पहले ही तमाम तरह की ख़बरें और शंकाएं मौजूद हैं, बस्ती में एक सभा को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 4 जून को विपक्ष EVM पर ठीकरा फोड़ेगा, अब सवाल पैदा होता है कि प्रधानमंत्री EVM की बात क्यों कर रहे हैं, क्या चुनावों में खेल किया जा रहा है, क्या चुनाव आयोग डाटा के ज़रिये खेल कर रहा है, और जो 19 लाख EVM पहले से ही ग़ायब बतायी जाती हैं, उनका भी कहीं कोई इस्तेमाल चुनाव में हो रहा है? सवाल तमाम तरहके पैदा हो रहे हैं, इनके जवाब जनता जानना चाहती है मगर चुनाव आयोग इन पर कह देता है कि ‘आल-इज़-वैल’, देश का भविष्य ख़तरे में है, लोकतंत्र ख़तरे में है, जनता के सामने सच्चाई नहीं लायी जाती है, इस तरह से मनमाने तरीके से काम किया जाता है तो लगता है कि जनमत पर डाका डाला जा रहा है

2 साल में गायब हुईं 19 लाख EVM! शशि थरूर ने मांगा चुनाव आयोग से जवाब

https://www.aajtak
2022-03-30

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ईवीएम अनियमितताओं से जुड़ी शिकायतों पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा है. दरअसल, हाल ही में कर्नाटक हाईकोर्ट में ईवीएम गायब होने का मुद्दा उठा था. कांग्रेस विधायक ने आरटीआई के हवाले से सदन में कहा था कि 2016 से 2018 तक देश में 19 लाख ईवीएम गायब हुई हैं. 

शशि थरूर ने टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट को ट्वीट किया है. खबर के मुताबिक, कर्नाटक में कांग्रेस विधायक एचके पाटिल ने आरटीआई का हवाला देते हुए विधानसभा में बताया कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा सप्लाई की गईं 9.6 लाख ईवीएम और इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा सप्लाई की गईं 9.6 लाख ईवीएम और इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा सप्लाई की गईं 9.3 लाख ईवीएम 2016 से 2018 के बीच में गायब हो गईं. लेकिन इस मामले चुनाव आयोग द्वारा अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया.   

कर्नाटक विधानसभा में स्पीकर विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने कहा कि वे इस मामले में चुनाव आयोग से उनका पक्ष जानने की कोशिश करेंगे

शशि थरूर ने कहा, आम तौर पर मैं साजिशों से सावधान रहता हूं. लेकिन ईवीएम के संचालन में अनियमितताओं के बारे में बढ़ती चिंताओं पर चुनाव आयोग की प्रतिक्रियकी जरूरत है. लापता ईवीएम की आधिकारिक पुष्टि सवाल उठाती है कि आखिर ये किसके पास हैं और इनका क्या हो रहा है?

 

RTI से फिर उठा EVM पर सवाल- कहां गायब हो गईं 19 लाख मशीनें

आईएएनएस
APRIL 10, 2018

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की खरीदारी में बड़ी धांधली उजागर हुई है. सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी में ईवीएम सप्लाई करने वाली दो कंपनियों और चुनाव आयोग के आंकड़ों में बड़ी असमानता सामने आई है. आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक कंपनियों ने जितनी मशीनों की आपूर्ति की है और चुनाव आयोग को जितनी मशीनें मिली हैं उनमें करीब 19 लाख का अंतर है.

चुनाव आयोग (EC) दो सार्वजनिक क्षेत्र के ईवीएम आपूर्तिकर्ताओं इलेक्ट्रानिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL), हैदराबाद और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), बेंगलुरु से ईवीएम खरीदता है. हालांकि दोनों कंपनियों और ईसी द्वारा RTI में दिए गए आंकड़े में बड़ा अंतर सामने आया है.

यह आरटीआई मुंबई के एस रॉय ने लगाई थी. इसके जवाब में जो जानकारी उन्हें मिली उसमें ईवीएम की खरीद-फरोख्त में गंभीर बेमेल देखने को मिला है, इससे पता चलता है कि यह एक बड़ी गुत्थी है, जो उलझती जा रही है. रॉय ने बॉम्बे हाईकोर्ट से पूरे मामले की जांच की मांग की है.

रॉय ने बताया कि 1989-1990 से 2014-2015 तक के आंकड़ों पर गौर करें तो चुनाव आयोग का कहना है कि उन्हें बीईएल से 10 लाख 5 हजार 662 EVM प्राप्त हुए. वहीं बीईएल का कहना है कि उसने 19 लाख 69 हजार 932 मशीनों की आपूर्ति की. दोनों के आंकड़ों में 9 लाख 64 हजार 270 का अंतर है.

ठीक यही स्थिति ECIL के साथ भी रही, जिसने 1989 से 1990 और 2016 से 2017 के बीच 19 लाख 44 हजार 593 ईवीएम की आपूर्ति की. लेकिन चुनाव आयोग ने कहा कि उन्हें केवल 10 लाख 14 हजार 644 मशीनें ही प्राप्त हुईं. यहां 9 लाख 29 हजार 949 का अंतर रहा.

ईवीएम पर खर्च के आंकड़ों में भी बड़ा अंतर
पहले की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि चुनाव आयोग के अनुसार, BEL से ईवीएम की खरीद पर 536.02 करोड़ रुपये का कुल खर्च हुआ है, जबकि BEL ने कहा कि उन्हें 652.56 करोड़ रुपये मिले हैं. यहां ईवीएम के खर्च में भी बड़ा अंतर है. ईसीआईएल से ईवीएम मंगाने पर चुनाव आयोग के खर्च की जानकारी उपलब्ध नहीं है.

दिलचस्प बात यह है कि ईसीआईएल ने बताया कि उसने 2013-2017 से 2013-2014 के बीच किसी भी राज्य में एक भी ईवीएम की आपूर्ति नहीं की थी. फिर भी ईसीआईएल को चुनाव आयोग के माध्यम से मार्च से अक्टूबर 2012 के बीच महाराष्ट्र सरकार से 50.64 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई.

रॉय का सवाल है कि आखिरकार ईवीएम की दो कंपनियों से मिले आंकड़ों में इतना बड़ा अंतर क्यों है. बीईएल और ईसीआईएल द्वारा आपूर्ति की जाने वाली अतिरिक्त मशीनें वास्तव में कहां गईं? यह गड़बड़ी ईवीएम पर हुए खर्च में मिली है.

पुरानी ईवीएम नष्ट करने के सवाल भी स्पष्ट नहीं है. 21 जुलाई, 2017 को चुनाव आयोग ने कहा कि उसने कोई भी ईवीएम रद्दी में नहीं बेचा है. वहीं, ऐसा माना जाता है कि 1989-1990 की ईवीएम को निर्माताओं द्वारा स्वयं नष्ट कर दिया गया था. चुनाव आयोग ने कहा है कि 2000-2005 के बीच उन्हें मिली (पुरानी/ खराब/अपूर्ण) ईवीएम को नष्ट करने की प्रक्रिया अभी भी विचाराधीन है. यानी इससे साफ होता है कि सभी मशीनें अब भी चुनाव आयोग के कब्जे में हैं.

सोर्स : https://hindi.news18.com/

19 लाख EVM मशीन गायब, चुनाव आयोग जवाब नहीं दे रहा, बीजेपी को घेरते हुए जानिए क्या बोलीं अनुमा आचार्य

Edited By – खुशेंद्र तिवारी
18 Feb 2024

उदयपुर : राजस्थान के उदयपुर में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कमांडर अनुमा आचार्य ने बीजेपी को जमकर आड़े हाथ लिया। उन्होंने कांग्रेस के नेताओं के बीजेपी में शामिल होने को लेकर कहा कि जो नेता बीजेपी में जा रहे हैं, उनसे ज्यादा दोष लोकतंत्र की हत्या करने वालों का है। अनुमा आचार्य ने मीडिया से बातचीत के दौरान बीजेपी पर जमकर हमले किए।

लोकतंत्र की हत्या करने वालों का अधिक दोष हैं
उदयपुर आई कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता कमांडर अनुमा आचार्य मीडिया से मुखातिब हो रही थी। इस दौरान एक सवाल के जवाब पर उन्होंने बीजेपी पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी में जाने वाले नेता सोचते हैं कि वहां जाएंगे तो उनको पद मिल जाएगा, पावर मिल जाएगी। लेकिन जो व्यक्ति विचारधारा से जुड़ा है। वह कांग्रेस छोड़कर नहीं जाएगा। उन्होंने केंद्र के बीजेपी नेताओं को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस छोड़कर जा रहे नेताओं से ज्यादा दोष लोकतंत्र की हत्या करने वालों का है।

अनुमा आचार्य ने चुनाव आयोग पर भी साधा निशान
मीडिया से बातचीत के दौरान अनुमा आचार्य ने चुनाव आयोग पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि साढे 19 लाख ईवीएम मशीन गायब है। लेकिन आज तक चुनाव आयोग इसका जवाब नहीं दे सका है। इस मामले में जांच तक नहीं हो रही है। उन्होंने हमला करते हुए कहा कि चुनाव आयोग को केंचुआ कहा जाता है। क्योंकि उनका व्यवहार ही ऐसा है। उन्होंने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि वह आचार संहिता का उल्लंघन करते हैं तो, चुनाव आयोग कुछ नहीं करता। उन्होंने चुनाव आयोग की चयन प्रक्रिया को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए।

देश के धरोहर खत्म हो रही है
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखे हमले बोले। उन्होंने कहा कि आज हम सबके सामने देश के धरोहर खत्म हो रही है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी का मुद्दा बहुत बड़ा है। इससे हमारे देश के साथ सबसे बड़ा अन्याय हो रहा है। उन्होंने निशान साधते हुए कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए जो पैसा खर्च हो रहा है। उसमें बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ कार्यक्रम के तहत 80% खर्चा केवल प्रचार प्रचार में किया जा रहा है। इससे पहले उनके डबोक एयरपोर्ट पर पहुंचने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव प्रवक्ता पंकज कुमार शर्मा, उदयपुर शहर एवं देहात जिला कमेटी के अध्यक्ष फतेह सिंह राठौड़, कचरू लाल चौधरी, पार्षद अरुण टांक, कांग्रेस प्रवक्ता पंकज पा लीवाल समेत नेताओं ने उनका स्वागत किया।

लेखक के बारे में
खुशेंद्र तिवारी
नवभारत टाइम्स डिजिटल में राजस्थान के लिए काम करता हूं। पत्रकारिता की शुरुआत प्रिंट माध्यम से की। राजस्थान पत्रिका जयपुर में शिक्षा , कला , एंटरटेनमेंट और पॉजिटिव खबरों को लेकर काम किया। गुलाबी नगरी (जयपुर) का वासी, राजनीति और कला में विशेष रुचि।

कांग्रेस के पूर्व मंत्री का आरोप, कर्नाटक से 19 लाख ईवीएम गायब

Apr 1, 2022

बेंगलुरु : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महाराष्ट्र प्रभारी सचिव और पूर्व मंत्री एचके पाटिल ने विधान सभा में विशेष बहस के दौरान दावा किया कि 2016 और 2018 के बीच 19 लाख से अधिक ईवीएम गायब हो गए थे. इसका संज्ञान लेते हुए कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने कहा कि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के बारे में विधायकों द्वारा उठाए गए संदेह का जवाब देने के लिए भारत के चुनाव आयोग (ईसी) के अधिकारियों को तलब करेंगे. साथ ही मैंने आरोप लगाने वाले सदस्य से भी स्पष्टीकरण मांगा है कि उन्होंने किस आधार यह आरोप लगाया. यह स्पष्ट होने के बाद ही मैं चुनाव आयोग को एक पत्र लिखूंगा.

विधानसभा में चुनावी सुधारों पर विशेष बहस के दौरान अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महाराष्ट्र प्रभारी सचिव एचके पाटिल ने दावा किया कि 2016 और 2018 के बीच 19 लाख से अधिक ईवीएम गायब हो गए थे. विधानसभा में चुनावी सुधार पर बहस के दौरान सभी सदस्यों ने व्यवस्था में भ्रष्टाचार और चुनावी अनियमितताओं पर अपने विचार व्यक्त किए. लेकिन कांग्रेसी एच के पाटिल ने चुनावी सुधार पर बहस शुरू की उनका कहना है कि व्यवस्था को बदलने की जरूरत है.

कुछ दिन पहले पांच राज्यों के चुनाव हुए थे. लोगों ने एक पार्टी को बड़ा समर्थन दिया है. उन्होंने कैबिनेट भी बनाया जिनमें 22 मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. लोग इस बारे में क्या सोचेंगे?. EVM को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने इस संदेह को कम करने का अभी तक कोई प्रयास नहीं किया है. विधानसभा में पाटिल ने कहा कि गायब ईवीएम की संख्या चौंकाने वाली है. चुनाव आयोग को इन आरोपों का जवाब देना चाहिए. इन लापता ईवीएम के दुरुपयोग की संभावना से कोई कैसे इंकार कर सकता है? पाटिल ने दोहराया कि यदि चुनाव आयोग इस सवाल का जवाब नहीं देता है, तो ईवीएम में गड़बड़ी पर हमारा संदेह और मजबूत होगा.

पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी: इस मामले पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी कहा कि चुनावी व्यवस्था खराब हो गई है. इसके लिए लोग और पार्टियां ही जिम्मेदार है. कुमारस्वामी ने इस मामले पर बैठक में बोरियत जाहिर की. वह बुधवार को चुनाव प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर एक विशेष बहस में बोल रहे थे. पहले लोग चुनाव के लिए उम्मीदवारों को भुगतान कर रहे थे लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है. मंगलवार को एच के पाटिल ने चुनाव आयोग के बारे में बात करते हुए आरोप लगाया कि 19 लाख वोटिंग मशीनें खो गई हैं. इसका जवाब चुनाव आयोग को देना चाहिए? या उनके प्रतिनिधियों द्वारा दिया जाना चाहिए? मतदान प्रणाली के बारे में सार्वजनिक रूप से विपक्ष समर्थक बहसें हुई हैं. ईवीएम से मतदान शुरू होने के बाद से ही कुछ शंकाएं सभी को सता रही हैं. चुनाव आयोग और सरकार को इन शंकाओं को दूर करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है.

सोर्स : https://www.etvbharat.com/

मधुसूदन जोशी
@madhusu96504117
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Jan 8
RTI से फिर मांगा गया जवाब?????
EVM मशीन कहां गायब हुई उसकी खोज कर
निकाला जाए , फिर उसकी जांच हो ,, लेकिन
चुनाव आयोग कोई जवाब नहीं दे रहा है??\

Vikas Bansal
@INCBANSAL
·
Jan 19
टोटल 11 करोड़ वोट गायब हो गए थे

2019 के चुनाव में 5 करोड़ मुसलमान की और 6 करोड़ दलित की वोट काट दी गई थी

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील भानू प्रताप सिंह ने की EVM मशीन पर बेन लगाने की मांग,

बोले- “2024 का लोकसभा चुनाव बैलेट पेपर से ही होना चाहिए”
#EVM_हटाओ_लोकतंत्र_बचाओ

 

 

 

ILYAS BEG
@beg_ilyas
·
May 1
मोदीजी बोले हैं तो ठीक ही होगा पर ये भी सत्य है कि
*गुजरात में 1मिनट में 58 वोट पड़े थे
*लाखों EVM गायब हैं जिसका जवाब ECI ने आजतक नही दिया
*अक्सर बूथ की कैपेसिटी से ज्यादा वोट पड़ जाते हैं
*2019में 300से अधिक सीटों पर वोट polled और वोट काउंटेड में अंतर था जवाब ECI ने नही दिया\

संदीप देव #SandeepDeo
@sdeo76
प्रथम चरण का चुनाव 19 अप्रैल को हुआ और चुनाव आयोग बार-बार आंकड़े बदल कर, एप से फिर आंकड़े गायब कर आज ११ दिन बाद आंकड़े जारी कर रहा है! आखिर इतने हाईटेक #EVM वाले आयोग को इतना समय क्यों लगा? क्यों आंकड़े में बार-बार विचलन प्रदर्शित किया गया?
@ECISVEEP
आखिर क्या मैनेज करने का प्रयास कर रहा है?