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जगन मोहन रेड्डी ने NDA सरकार को ”राक्षसों” की सरकार बताया, कहा…..

आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने राज्य की मौजूदा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, कि राज्य में राक्षसों का राज जारी है। सरकार तिरुमाला मंदिर में मेरी आगामी यात्रा में बाधा डालने की कोशिश कर रही है। पुलिस ने मंदिर यात्रा के संबंध में राज्य भर के वाईएसआरसीपी नेताओं को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में कहा गया है कि तिरुमाला मंदिर की यात्रा की अनुमति नहीं है और वाईएसआरसीपी की तरफ से आयोजित कार्यक्रम के लिए आवश्यक मंजूरी नहीं है। नेताओं को उस कार्यक्रम में भाग लेने की अनुमति नहीं है।

‘लड्डू प्रसादम पर सरासर झूठ बोल रहे हैं नायडू’
जगन मोहन रेड्डी ने कहा, एक तरफ वे मेरे मंदिर दर्शन में बाधा डालने के लिए नोटिस दे रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के कार्यकर्ता दूसरे इलाकों से राज्य में आ रहे हैं। मुझे नहीं पता कि बीजेपी नेतृत्व को इस बारे में पता है या नहीं। राजनीतिक ध्यान भटकाने के लिए सीएम चंद्रबाबू नायडू ने लड्डू का मुद्दा उठाया है। सीएम चंद्रबाबू नायडू यह दिखा रहे हैं कि लड्डू प्रसादम के निर्माण में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया है, जो तिरुमाला की पवित्रता और गौरव पर सवाल उठाता है। क्या यह उचित है? चंद्रबाबू नायडू टीटीडी लड्डू प्रसादम पर सरासर झूठ बोल रहे हैं।

घी खरीद ई-टेंडर एक नियमित प्रक्रिया है- जगन
उन्होंने कहा, सीएम चंद्रबाबू नायडू झूठ बोल रहे हैं। घी खरीद ई-टेंडर एक नियमित प्रक्रिया है जो दशकों से हर 6 महीने में होती आ रही है। तिरुपति लड्डू बहुत खास है। बचपन से ही मैं जानता हूं कि यह बहुत खास है। टेंडर प्रक्रिया हर 6 महीने में होती है, यह एक नियमित प्रक्रिया है। यह सालों से होती आ रही है। कोई भी व्यक्ति जो योग्य है, वह इसमें भाग ले सकता है।

टेंडर में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता- जगन
उन्होंने बताया कि लड्डू के लिए जो टेंडर निकाले जाते हैं और जो एल1 कम कीमत बताता है, उसे टीटीडी बोर्ड मंजूरी देता है। इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता। टीटीडी बोर्ड भी बहुत खास है। केंद्रीय मंत्री और दूसरे राज्यों के सीएम भी बोर्ड के सदस्यों की सिफारिश करते हैं। टीटीडी के टेंडर नियमित रूप से निकाले जाते थे और आपूर्तिकर्ताओं को टेंडर नीलामी के अनुसार दिए जाते थे। टीटीडी के पास एक मजबूत तंत्र है। तिरुमाला में आने वाले टैंकरों के पास एनएबीएल प्रमाणपत्र होना चाहिए। आपूर्तिकर्ताओं को टैंकरों को प्रमाणित करवाना चाहिए और प्रमाणपत्र दिखाना चाहिए।

जगन मोहन रेड्डी ने कहा, चंद्रबाबू नायडू के शासनकाल में 2014 से 2019 तक करीब 14-15 बार गुणवत्ता के मुद्दों के कारण घी को खारिज कर दिया गया। इसके लिए एक मजबूत प्रक्रिया है। इसी तरह 2019 से 2024 तक 18 बार इसे खारिज कर दिया गया और वापस भेज दिया गया। मैं जो कुछ भी कह रहा हूं वह सब तथ्य हैं।

अगर घी टैंकर से निकले ही नहीं तो प्रसाद में कैसे इस्तेमाल हुआ?
उन्होंने बताया कि, चंद्रबाबू नायडू के 2024 के कार्यकाल के दौरान जुलाई में 4 टैंकर परीक्षण में विफल रहे। उन टैंकरों के नमूने सीएफटीआरआई मैसूर को भेजे जाने चाहिए थे, लेकिन इसके बजाय, उन्हें पहली बार एनडीडीबी को भेजा गया। टीटीडी ने टैंकरों को अस्वीकार करने के लिए जिम्मेदार कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया। अस्वीकार किए गए टैंकर की सामग्री का उपयोग टीटीडी की तरफ से नहीं किया गया था, फिर भी चंद्रबाबू नायडू का दावा है कि मिलावटी घी का इस्तेमाल किया गया था। मैं सवाल करता हूं कि अगर टैंकर वापस भेजे गए थे तो प्रसाद निर्माण में मिलावटी घी का इस्तेमाल कैसे हो सकता है?

‘YSRCP और हिंदू भावनाओं के बारे में झूठ फैला रहे सीएम’
जगन मोहन रेड्डी ने कहा, चंद्रबाबू नायडू की तरफ से नियुक्त टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी ने 23 जुलाई को पुष्टि की कि वनस्पति वसा तेल यानी वनस्पति तेल शामिल था और आपूर्तिकर्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। टीटीडी ईओ ने बाद में 20 सितंबर को पुष्टि की कि लड्डू प्रसादम बनाने के लिए मिलावटी घी का इस्तेमाल नहीं किया गया था। ईओ की तरफ से रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद भी चंद्रबाबू नायडू हमारी पार्टी और हिंदू भावनाओं के बारे में झूठे आरोप फैला रहे हैं और तिरुमाला प्रसाद और मंदिर की पवित्रता पर सवाल उठा रहे हैं।

‘मेरी जाति को लेकर उठाए गए हैं कई सवाल?’
पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने इस दौरान कहा कि मेरी जाति को लेकर कई सवाल उठाए गए हैं। कि मैं घर पर बाइबिल पढ़ता हूं। लेकिन मैं हिंदू धर्म, इस्लाम और सिख धर्म का सम्मान करता हूं और उनका पालन करता हूं। मैं मानवता के समुदाय से हूं। संविधान क्या कहता है? अगर मुख्यमंत्री के बराबर के व्यक्ति को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं है, तो मैं सवाल करता हूं कि दलितों के साथ कैसा व्यवहार किया जाएगा।