इतिहास

जंग-ए-आज़ादी के महान क्रांतिकारी मौलाना सैय्यद मोहम्मद मियां बिजनौरी उर्फ़ राशिद मियां!

Ataulla Pathan
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21 जुलै यौमे वफात(पुण्यतिथी)
जंग ए आजादी के क्रांतिकारी मौलाना सैय्यद मोहम्मद मियां बिजनौरी उर्फ राशिद मियां (र.अ.)
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मौलाना सैय्यद मोहम्मद मियां उर्फ राशिद मियां (र.अ.)सन् 1856 में इलाहाबाद में पैदा हुए। आपके वालिद का नाम मौलाना जाहिद मिया (र.अ.)था, जो दाराशाह अजमल दरगाह के सज्जादानशीन थे। आपने दीनी और दुनियावी तालीम मुकामी मदरसों और स्कूलों में हासिल की, उसके बाद दरगाह में आनेवाले जायरीनों को मुल्क की आज़ादी के बारे में तबलीग करने लगे। कुछ दिनों बाद आप दिल्ली चले गये जहां सन् 1912 से 1919 तक जंगे-आज़ादी के लिए होनेवाले हर जद्दोजहद में आगे-आगे रहते थे। आपकी तकरीर से अंग्रेज़ अफसरों को बहुत शिकायत थी। आप जहां तकरीर करते, वहां मौजूद लोग जोश में आकर अंग्रेज़ी हुकूमत के खिलाफ़ नारेबाज़ी करने लगते। जलियांवाला बाग़ की वारदात ने आपको बहुत असरंदाज़ किया। इस हादसे के बाद आप मुल्क-भर में घूमकर जोशीली तकरीरों से मुसलमानों को अंग्रेज़ों से जंग के लिए जोश भरने का काम करते थे ।

आपकी तकरीर के चलते आपको 18 मई सन् 1920 को दफ़ा 108 के तहत गिरफ़्तार कर लिया गया और एक साल कैद बा-मशक्कत की सज़ा देकर इलाहाबाद की जेल में कैद कर दिया गया। दौराने-कैद आप पर ब्रिटिश हुकूमत के ख़िलाफ़ साजिश, गद्दारी और इन्कलाबियों को असलहा सप्लाई करने का भी इल्ज़ाम लगाया गया और सजा बढ़ा दी गयी। साथ ही डण्डा बेड़ी भी डाल दी गयी। इलाहाबाद की जेल से आपको गोरखपुर की जेल में भेज दिया गया। मुसलसल पैरों में वज़नदार बेड़ी की वजह से आपके पैर में ज़ख्म हो गया, जिसका इलाज न होने से आप पैर से आहिस्ता-आहिस्ता माजूर होने लगे। अंग्रेज़ अफ्सरों ने अपील के बाद भी मशक्कत की आपकी सज़ा भी नहीं कम की और न तो बेड़ियां ही खोली, सो आप चलने फिरने से भी माजूर हो गये। सेहत खराब होती देख आपको सन् 1921 में गोरखपुर की जेल से वापस इलाहाबाद की जेल में भेज दिया गया और सेहत की वजह से रिहा कर दिया गया।

छूटने के बाद भी आप घर में बैठे-बैठे ही इंकलाबियों को मदद करते रहे और पूरी उम्र जद्दोजहदे आज़ादी में गुज़ार दी। ख़राब सेहत की वजह से 21 जुलाई सन् 1930 को आप इन्तकाल कर गये आपकी कब्र दाराशाह अजमल में आपके वालिद के बराबर में बनायी गयी।

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संदर्भ- 1)लहू बोलता भी है
लेखक -सय्यद शाहनवाज अहमद कादरी,कृष्ण कल्की

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संकलक – *अताउल्ला खा रफिक खा पठाण सर टूनकी तालुका संग्रामपूर जिल्हा बुलढाणा महाराष्ट्र*
9423338726