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कभी तक़दीर का मातम कभी दुनियाँ से गिला
मधुसूदन उपाध्याय =============== कभी तकदीर का मातम कभी दुनियाँ से गिला _____________________________________ इस शीर्षक से शकील बंदायूनी की एक गजल के एक मकते को आधार बना कर यह लिख रहा हूँ। शुद्ध मन से तथा ईश्वर को साक्षी रखकर । जो लोग भाग्य नहीं मानते उनके लिए यह सब कुछ एक बार सोचने का विषय […]
चार लोग क्या कहेंगे????
चार लोग क्या कहेंगे मैंने देखा है अपने घर को पिसते हुए, कितनी अपनी सहेलियों को हर दिन रिसते हुए, कितने अरमानों को घुटते हुए। कि अगर मुस्सल पूरा कर दें, अगर पिट रहे हैं तो बगावत कर दें, पर फिर सोचते हैं— ये चार लोग क्या कहेंगे। “मत आ बेटी घर से, सह हर […]
डे’ वन हंड्रेड नाइन…bY- डा.रंजना वर्मा
Ranjana Verma From Lucknow, Uttar Pradesh ============= · डे’ वन हंड्रेड नाइन ______________ जीवन में कभी भी थकान को वैचारिक स्तर पर हावी नहीं होने देना चाहिए. कुछ थकान तो स्वाभाविक होती हैं जैसे यदि हम शारीरिक थकान की बात करें तो कई बार शारीरिक अस्वस्थता के चलते ऐसा अनुभव होना लाजमी है लेकिन विचारों […]