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छत्तीसगढ़ आगज़नी और हिंसा, पुलिस ने दो सौ से अधिक लोगों को गिरफ़्तार किया!

छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार-भाटापारा ज़िले में कलेक्टर और एसपी कार्यालय समेत कई सरकारी दफ़्तरों में आगज़नी के मामले में पुलिस ने दो सौ से अधिक लोगों को गिरफ़्तार किया है.

पुलिस का कहना है कि अभी बड़ी संख्या में संदिग्ध लोगों से पूछताछ चल रही है. संदिग्धों की तलाश के लिए पुलिस की 12 टीमें बनाई गई हैं.

पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने बीबीसी से कहा, “सोमवार को हुई हिंसा की घटना में दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी और दूसरे सरकारी अधिकारी भी घायल हुए हैं. आगजनी और हिंसा की इस घटना में अब तक सात एफआईआर दर्ज किए गए हैं. मामले की जाँच में मदद के लिए पड़ोसी ज़िलों से भी पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा.”

इधर, ज़िले के कलेक्टर केएल चौहान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार समीक्षा बैठक चल रही है. संयुक्त कार्यालय भवन में मिलने वाली सेवाओं को बुधवार से बहाल कर दिया जाएगा.

कलेक्टर ने कहा कि नुकसान को लेकर एनडीआरएफ की टीम जांच में जुटी हुई है. अभी आकलन चल रहा है. राज्य के उच्चाधिकारी भी जांच कर रहें है.

ग़ौरतलब है कि धार्मिक प्रतीक जैतखाम में तोड़फोड़ करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं होने से नाराज़ सतनामी समाज के लोगों ने सोमवार को बलौदा बाजार-भाटापारा जिले के कलेक्टर, एसपी, पंचायत समेत कई सरकारी कार्यालयों में आग लगा दी थी.

इसके अलावा 77 गाड़ियों को आग लगा दी गई थी. यहाँ तक कि आग बुझाने के लिए पहुँची दमकल की दो गाड़ियों को भी भीड़ ने आग के हवाले कर दिया था.

उग्र भीड़ इस बात के लिए अड़ी हुई थी कि उनके धार्मिक प्रतीकों को तोड़ने के मामले में राज्य सरकार द्वारा घोषित न्यायिक जाँच के बजाय, सीबीआई से जाँच कराई जाए.

छत्तीसगढ़ में सतनामी समाज का दबदबा रहा है. राज्य में अनुसूचित जाति की सर्वाधिक आबादी इसी समाज से है.