

Related Articles
क़ाशिफ़ अहसन क़ाश कन्नौजी की एक ग़ज़ल : ज़र्द चेहरे पे मर मिटा था मैं….
काशिफ अहसन काश कन्नौजी ================ ___________💐💐ग़ज़ल // غزل💐💐_________ जब बुरा वक़्त टल गया मेरा दिल ज़रा में उछल गया मेरा جب برا وقت ٹل گیا میرا دل ذرا میں اچھل گیا میرا बेवफाई तो उसने की लेकिन पर ये चेहरा बदल गया मेरा بے وفائی تو اس نے کی لیکن پر یہ چہرہ بدل گیا […]
पंच भी आ गये सभी पंच ब्राह्मण ही थे…
Analp chandra @analp_chandra यह रही पूरी कहानी- छोटा सा गांव था, पच्चीस-तीस घर ब्राह्मणों के और आठ-दस झोपड़ियाँ कुम्हारों की थी। घड़े बनाते और गधों पर लादकर गांव-गांव बेंचकर अपनी गुजर-बसर करते। वैद्यनाथ और दीनानाथ दो ब्राह्मण थे दोनों ही एक नम्बर के कामचोर। कुछ काम-धंधा करते नहीं थे। बस इधर-उधर दूसरों की बहू-बेटियों पर […]
*हर घर में शबरी*….By-Mukta Tripathi
Mukta Tripathi ========== *हर घर में शबरी* पति के लिए जूस बनाया और जूस पीने से पहले ही पति की आंख लग गई थी। नींद टूटी, तब तक एक घंटा हो चुका था। पत्नी को लगा कि इतनी देर से रखा जूस कहीं खराब ना हो गया हो। उसने पहले जरा सा जूस चखा और […]