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”चांद बर्क़” अपने ज़माने की मशहूर एक्ट्रेस थीं ”रणवीर सिंह” की दादी, लाहौर से लेकर मुंबई तक चलता था सिक्का!

Raj Manoj Narang
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अपने जमाने की मशहूर एक्ट्रेस थीं रणवीर सिंह की दादी, लाहौर से लेकर मुंबई तक चलता था सिक्का….
आज हम आपको रणवीर सिंह यानी हिंदी सिनेमा के पावर हाउस के परिवार के एक खास सदस्य से मिलवाने वाले हैं. रणवीर जिन्होंने कम समय में इंडस्ट्री में अपना नाम बना लिया उन्हें दर्शकों का दिल जीतने का हुनर इन्हें विरासत में मिला है.

लाखों लोगों के चहेते बॉलीवुड स्टार रणवीर सिंह एक मल्टी टैलेंटेड एक्टर के तौर पर देखे जाते हैं. वह इंडस्ट्री के सबसे एनर्जेटिक एक्टर्स में से एक हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनका परिवार लंबे समय से फिल्म बिजनेस का हिस्सा रहा है? रणवीर सिंह की दादी चांद बर्क 1940 के दशक की मशहूर एक्ट्रेस थीं. उनका जन्म 1932 में हुआ था और वह 1940 के दशक की एक बड़ी अदाकारा थीं. लोग उन्हें स्क्रीन पर देखना पसंद करते थे क्योंकि उनकी स्क्रीन प्रेजेंस बेहद शानदार थी. चांद बर्क ने अपने टैलेंट और कड़ी मेहनत के दम पर हिंदी और पंजाबी दोनों फिल्मों में नाम कमाया. उन्होंने एक्टिंग में 20 साल से ज्यादा समय बिताया और उन्हें पहला बड़ा ब्रेक लीजेंड्री स्टार राज कपूर से मिला. 1954 की फिल्म बूट पॉलिश में उन्होंने बेबी नाज और रतन कुमार की मतलबी चाची की अहम भूमिका निभाई.


1932 में पैदा हुई चांद बर्क एक ईसाई परिवार से थीं और बारह भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं. वह वास्तव में होशियार थीं और स्कूल में अच्छा परफॉर्म करती थीं. वह एक महान डांसर थीं! उनके भाई सैमुअल मार्टिन बर्क भारतीय सिविल सेवा में एक बड़े अधिकारी और एक राजनयिक थे. उन्होंने विदेश नीति के बारे में कुछ किताबें भी लिखीं. चांद ने अपने एक्टिंग के सफर की शुरुआत 1946 में माहेश्वरी प्रोडक्शंस के बैनर तले बनी और निरंजन के डायरेक्शन में फिल्म ‘कहां गए’ से शुरू की. उन्होंने लाहौर में बनी कई पंजाबी फिल्मों में काम किया. इससे उन्हें डांसिंग लिली ऑफ पंजाब का टाइटल मिला. ऐसा कहा जाता है कि चांद ने 1945 में अपने डायरेक्टर निरंजन से शादी की लेकिन 1954 में वे अलग हो गए.

बताया जाता है कि भारत के विभाजन और चांद बर्क के बंबई बसने की वजह से उनके करियर पर बहुत असर पड़ा. उनके जीवन में एक ऐसा दौर भी आया था जब हमारी मंजिल (1949) की रिलीज के बाद भी चांद बर्क गुमनामी में चले गई थीं. हालांकि राज कपूर ने उन्हें खोजा और उन्होंने उन्हें शोबिज में दूसरा मौका दिया. राज ने उन्हें बूट पॉलिश (1954) में बेबी नाज और रतन कुमार की सताती चाची के रूप में कास्ट किया.