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“घरों में हथियार रखो”, चाकू तेज कर के रखो,,,आतंकवादी धमाकों की आरोपी बीजेपी सांसद प्रज्ञा के ख़िलाफ़ कर्नाटक पुलिस ने FIR दर्ज की : रिपोर्ट

कर्नाटक पुलिस ने भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ उनके द्वारा दी गई कथित हेट स्पीच के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है. प्रज्ञा ठाकुर ने हाल ही में हिंदू समुदाय से कहा था “घरों में हथियार रखो.”

अपने विवादित बयानों के लिए जानी जाने वाली बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने हाल ही में हिंदू समुदाय से कहा था “घरों में हथियार रखो, कुछ नहीं तो सब्जी काटने वाला चाकू तेज रखो.” उन्होंने तर्क दिया था कि सभी को अपनी रक्षा करने का अधिकार है.

भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने 25 दिसंबर को कर्नाटक के शिवमोगा में हिंदू जागरण कार्यक्रम में यह बयान दिया था. उन्होंने हिंदू कार्यकर्ता हर्षा की हत्या के बारे में बात करते हुए कहा कि लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए घर में इस्तेमाल होने वाले चाकुओं को तेज करना होगा.

प्रज्ञा के भड़काऊ बोल
इस कथित भड़काऊ बयान के कई दिनों के बीतने और सियासी हंगामे के बाद आखिरकार बुधवार को शिवमोगा पुलिस ने बीजेपी सांसद के खिलाफ एएफआई दर्ज कर ली है. पुलिस के मुताबिक प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें 153ए (धर्म और नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295ए (जानबूझकर किसी भी धर्म या धर्म की भावनाएं आहत करना) शामिल हैं.

हिंदू जागरण कार्यक्रम में उन्होंने कहा था, “अपनी लड़कियों को सुरक्षित रखो. अपनी लड़कियों को संस्कारी बनाओ, घरों में हथियार रखो. यदि और कुछ नहीं है, तो कम से कम सब्जियों को काटने के लिए इस्तेमाल होने वाले चाकू तेज रखो, इसे स्पष्ट रूप से कह रही हूं. उन्होंने हिंदू वीरों, बजरंग दल, भाजपा के कार्यकर्ताओं के खिलाफ चाकुओं का इस्तेमाल किया है. सब्जियों को काटने के लिए इस्तेमाल होने वाले चाकुओं को भी हमें तेज रखना चाहिए. हम नहीं जानते कि कब और कौन सी स्थिति आ जाए. अगर हमारी सब्जियां अच्छे से काटी जाएंगी तो हमारे दुश्मनों के सिर और मुंह भी अच्छे से कटेंगे.”

 

Imran Khan
@KeypadGuerilla
·
22h
#BREAKING #Karnataka #BJP government registers #FIR against #Sadhvipragya Singh for her controversial statement in #Shivamogga. The police has registered case under 153A. Based on local congress leader’s complaint FIR regd. Investigation is on.

Mohammed Zubair
@zoo_bear
·
22h
Finally FIR registered against Sadhvi Pragya Thakur under IPC 153A and 506. Why not 253B, 295A?

उन्होंने आगे कहा कि देश या घर पर किसी भी हमले का जवाब देना उनका “फर्ज” है. प्रज्ञा ने कहा, “सभी को आत्मरक्षा का अधिकार है. अगर कोई हमारे घर और देश में घुसपैठ करता है और हम पर हमला करता है तो उसका जवाब देना हमारा फर्ज है.”

पुलिस ने देर से क्यों दर्ज की एफआईआर
जब मीडिया ने पुलिस से सवाल किया कि मामला दर्ज करने करने में इतनी देरी क्यों हुई तब शिवमोगा के पुलिस अधीक्षक जीके मिथुन कुमार ने कहा, “प्राथमिकी दर्ज करने के लिए हमें शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर की जरूरत होती है. इस पर हस्ताक्षर करने के लिए व्यक्ति को शारीरिक रूप से हाजिर होना होता है. यही कारण है कि हम ऑनलाइन शिकायतों के आधार पर पहले प्राथमिकी दर्ज नहीं कर सके.”

इससे पहले टीएमसी प्रवक्ता साकेत गोखले और राजनीतिक ऐक्टिविस्ट तहसीन पूनावाला ने अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कथित हेट स्पीच के संबंध में प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. पूनावाला ने सोशल मीडिया के जरिए शिवमोगा के एसपी से शिकायत दर्ज कराई थी. इसी तरह से साकेत गोखले ने भी शिकायत की थी. अब पुलिस ने दोनों को ही नोटिस जारी कर पेश होने के लिए कहा है.

Saket Gokhale
@SaketGokhale

Shocking:

How @Shivamogga_SP & Karnataka Police are protecting BJP’s Pragya Thakur:

Shivamogga Police issued a notice on my complaint for a hate speech FIR against BJP MP Pragya Thakur & have illegally said that FIR can be registered only if I’m physically present.

कौन हैं प्रज्ञा ठाकुर
प्रज्ञा ठाकुर 2008 के महाराष्ट्र के मालेगांव बम धमाके मामले में आरोपी हैं. 29 सितंबर, 2008 को उत्तरी महाराष्ट्र के एक सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर मालेगांव में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल में रखे बम में धमाके के बाद छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हो गए थे. हालांकि वह अब जमानत पर हैं और अदालत ने उन्हें दोषमुक्त नहीं माना है.

प्रज्ञा ठाकुर महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त तक कह चुकी हैं. उन्होंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान गोडसे को देशभक्त कहा था. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था, “साध्वी प्रज्ञा ने महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे को लेकर जो भी बातें कही हैं, वो बातें पूरी तरह से आलोचना के लायक हैं. सभ्य समाज में इस प्रकार की बातें नहीं चलती हैं. उन्होंने माफी मांग ली है, लेकिन मैं अपने मन से उन्हें कभी माफ नहीं कर पाऊंगा.”

लेकिन प्रज्ञा ठाकुर का विवादित बयान एक बार फिर संसद में सुनाई दिया जब उन्होंने गोडसे को दोबारा देशभक्त कहा था. सिर्फ प्रज्ञा ठाकुर ही नहीं बीजेपी के कई सांसदों, विधायकों और केंद्रीय मंत्रियों पर हेट स्पीच के आरोप लगते रहे हैं. अब देखना होगा कि क्या प्रज्ञा के खिलाफ ठोस तौर पर कानूनी कार्रवाई हो पाती है या वह दूसरे नेताओं की तरह कार्रवाई का सामना करने से बच जाती हैं.

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आमिर अंसारी