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ग्लासगो के गुरु ग्रंथ साहिब गुरुद्वारा ने ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त का रास्ता रोके जाने की घटना की निंदा की

ग्लासगो के गुरु ग्रंथ साहिब गुरुद्वारा ने ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी का रास्ता रोके जाने की घटना की निंदा की है.

स्कॉटलैंड में ग्लासगो गुरुद्वारा ने एक प्रेस रिलीज़ जारी कर भारतीय उच्चायुक्त के साथ हुए व्यवहार की कड़ी निंदा की है और कहा है कि गुरुद्वारा हर समुदाय और पृष्ठभूमि के लोगों के लिए खुला है. वो अपने धार्मिक विश्वास के आधार पर हर किसी का खुले मन से स्वागत करता है.

विक्रम दोरईस्वामी जब अपनी स्टॉकलैंड यात्रा के दौरान राजधानी ग्लासगो के इस गुरुद्वारे में जा रहे थे तो उनका रास्ता खालिस्तान समर्थक माने जाने वाले आंदोलनकारियों ने रोक दिया था.

दोरईस्वामी अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, ग्लासगो के अलबर्ट ड्राइव पर स्थित गुरुद्वारा गुरु ग्रंथ साहिब जाने वाले थे. लेकिन ‘सिख यूथ्स यूके’ के सदस्यों ने गुरुद्वारा के अधिकारियों के साथ हुई अपनी बहस का वीडियो इंटरनेट पर पोस्ट किया है जिसमें उनमें से कुछ लोग उच्चायुक्त की कार की तरफ़ बढ़ते और उन्हें वहां से जाने के लिए कहते हुए दिखाई दे रहे हैं.

भारतीय उच्चायोग ने इस घटना को अपमानजनक और शर्मनाक करार दिया है.

विक्रम दोरईस्वामी के साथ ये घटना कनाडा की संसद में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान के बाद घटी है.

जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की संसद में बताया था कि खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारतीय एजेंटों का हाथ हो सकता है.

भारत सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है और इसे ‘बेतुका और प्रेरित’ बताया है.