ravish kumar
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जीएसटी को लेकर व्यापारी वर्ग किन दिक़्क़तों का सामना कर रहा है, इस पर बहस नहीं है। व्यापारी अब कैमरे पर बोल भी नहीं पाते हैं। जहां बोल पाते हैं वहाँ उनकी ख़बर सिटी एडिशन में भी भीतर छपती है। मेन अख़बार में तो छपती भी नहीं है। दूसरी ख़बर है कि 1700 उद्यमियों को सितंबर में शोधित पानी मिलेगा। क्या इन मुद्दों का मतदान से कोई संबंध है? ज़ीरो संबंध है। दोनों ख़बरें ग़ाज़ियाबाद के अमर उजाला में छपी है।
कई पत्रकार कैमरा लेकर इलाक़ों में घूम रहे हैं। वे कभी जलेबी खाते हुए दिखाते हैं तो कभी किसी जगह की थाली। इसका चुनाव से क्या संबंध है? आप चुनाव में मुद्दे, समीकरण, धनबल का इस्तेमाल कैसे हो रहा है, चुनाव आयोग को लेकर लोग क्या बात कर रहे हैं, इस पर जानना चाहते हैं कि कहाँ का डोसा अच्छा है और कहाँ की चाट। मतलब टीवी का इतना पैसा फूंकने से तो अच्छा है कि चैनल स्ट्रिंगर का बिल डबल कर दे दें। दुआ देंगे। स्ट्रिंगर डिबेट शो और दिल्ली वाले संपादक को घुमाने के नाम पर अपना पैसा लगा दे रहे हैं। इन लोगों से यह भी नहीं होता कि स्ट्रिंगर को पैसा दिलवा दें।
चैनल पर इस तरह का कवरेज मुद्दों को ग़ायब करने के लिए किया जाता है। हम लोगों ने भी शुरू में किया लेकिन तुरंत समझ आ गया कि ये चुनावी कवरेज के नाम पर फ़ालतू की पत्रकारिता है। कुछ लोग आज तक इसी को पत्रकारिता समझे बैठे हैं। गोदी मीडिया देखना बंद कीजिए।
ravish kumar
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इंडियन एक्सप्रेस में पारुल कुलश्रेष्ठ ने राजस्थान से रिपोर्ट की है। अग्निपथ योजना के बाद से कूचामन क़स्बा में कोचिंग और ट्रेनिंग संस्थान बंद हो गए। पहले यहाँ प्रदेश भर से नौजवान कोचिंग और ट्रेनिंग के लिए आते थे। पारुल की रिपोर्ट बताती है कि बड़ी संख्या में नौजवानों ने सेना में जीवन बनाने का सपना छोड़ दिया है। यह ख़बर पहले पन्ने पर छपी है । तो नौजवान कर क्या रहे हैं? जहां एक हॉस्टल में पंद्रह सौ लड़के तैयारी करते थे वहाँ अब 150 रह गए हैं। चार साल की नौकरी का यह फ़ार्मूला वाक़ई ग़ज़ब का है। पूर्व सेनाध्यक्ष की जो किताब आ रही थी, जिसमें अग्निवीर के बारे में काफ़ी कुछ कहा गया था, उस किताब का क्या हुआ? पूर्व सेनाध्यक्ष को भी अपनी किताब की फ़िक्र नहीं? नवंबर से अप्रैल आ गया। उन्हें तो बोलना चाहिए।
"बीजेपी अपने लोगों की चेकिंग नहीं करेगी, अभी INDIA गठबंधन के सहयोगी दल के नेता का हेलिकॉप्टर चेक किया लेकिन चेकिंग की मंशा ये नहीं होनी चाहिए कि किसी को बदनाम करना। आज जो महंगाई और भ्रष्टाचार दिख रहा है ये वसूली के कारण है।"
– माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी,… pic.twitter.com/3ZzlPlpZXO
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) April 15, 2024