नई दिल्ली: कठुआ और उन्नाव रेप की घटना को लेकर देशभर में बढ़ते बवाल के बाद सरकार की हो रही किरकिरी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य मंत्री अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बोलने लगे हैं. विपक्ष पीएम मोदी की चुप्पी पर लगातार हमला कर रहा था और आज प्रधानमंत्री ने भी इस पर चुप्पी तोड़ दी. पीएम की तरह अन्य मंत्री भी इस प्रकरण पर सामने आने लगे हैं।
जिस तरह की घटनाएं हमने बीते दिनों में देखीं हैं, वो सामाजिक न्याय की अवधारणा को चुनौती देती हैं।
पिछले 2 दिनो से जो घटनाये चर्चा में है वो निश्चित रूप से किसी भी सभ्य समाज के लिये शर्मनाक है। एक समाज के रूप में, एक देश के रूप में हम सब इस के लिए शर्मसार है: PM— PMO India (@PMOIndia) April 13, 2018
देश के किसी भी राज्य में, किसी भी क्षेत्र में होने वाली ऐसी वारदातें, हमारी मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देती हैं।
मैं देश को विश्वास दिलाना चाहता हूँ की कोई अपराधी बचेगा नहीं, न्याय होगा और पूरा होगा।
हमारे समाज की इस आंतरिक बुराई को खत्म करने का काम, हम सभी को मिलकर करना होगा: PM— PMO India (@PMOIndia) April 13, 2018
खासतौर पर जैसे-जैसे कठुआ की घटना का बारे में लोगों को विस्तार से पता चल रहा है कि कैसे 8 साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी की गई, लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है. बृहस्पतिवार की रात दिल्ली में इस घटना के विरोध में राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा के मार्च के बाद सरकार पर दबाव और बढ़ गया है।
शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी गैंगरेप की दोनों घटनाओं पर पहली बार बोले. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से पूरा देश शर्मसार है. बेटियों को न्याय मिलकर रहेगा. न्याय दिलाना हमारी जिम्मेदारी है. उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह की घटनाएं हमने बीते दिनों में देखी हैं, वो सामाजिक न्याय की अवधारणा को चुनौती देती हैं. किसी भी सभ्य समाज के लिए यह शर्मनाक है. एक समाज के रूप में, एक देश के रूप में हम सब इसके लिए शर्मसार हैं।
इससे पहले राहुल गांधी ने शुक्रवार को भी ट्वीट करके मोदी की चुप्पी पर तंज कसते हुए कहा कि देश इस बात का इंतजार कर रहा है कि प्रधानमंत्री अपनी चुप्पी कब तोड़ते हैं और उन्हें इस सवाल पर उनके जवाब का इंतजार है कि हत्या और बलात्कार के आरोपियों को राज्य सरकारें क्यों बचाने में लगी हैं।
बढ़ते दबाव का असर है कि दो दिन पहले तक इस घटना पर बोलने से बचने वाले मोदी सरकार के मंत्री भी अब इसके खिलाफ बयान दे रहे हैं. शुक्रवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए।
महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने तो एक वीडियो संदेश के जरिए कहा कि उनका मंत्रालय 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के लिए फांसी की सजा का प्रावधान करने के लिए कानून में बदलाव का प्रस्ताव कैबिनेट के सामने ले जाएगा।
अपना दल की नेता और मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी मेनका गांधी का समर्थन करते हुए कहा कि जो लोग इस तरह से बच्चों के साथ बलात्कार जैसे घृणित अपराध करते हैं, उनकी तुलना सिर्फ किसी जानवर और राक्षस से ही की जा सकती है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के मन में कानून का डर तभी बैठेगा, जब इसके लिए कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान होगा जिसमें फांसी शामिल है. उन्होंने कहा कि पॉक्सो एक्ट में बदलाव का फैसला संबंधित मंत्रालय को करना है लेकिन एक महिला मंत्री होने के नाते वह इसका पूरा समर्थन करती हैं।
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