“हमें बहुत डर लग रहा है, हम ये सोच रहे हैं कि आगे की अपनी पढ़ाई हम कैसे पूरी करेंगे?” – बीबीसी संवाददाता रॉक्सी गागडेकर छारा से बातचीत में एक विदेशी छात्र ने अपनी चिंता कुछ इस तरह बताई.
शनिवार रात गुजरात विश्वविद्यालय के हॉस्टल में कथित तौर पर नमाज़ पढ़ने को लेकर विदेशी छात्रों पर हुए हमले के बाद छात्रों में फ़िलहाल डर का माहौल है.
यूनिवर्सिटी हॉस्टल के ए ब्लॉक में अफ़ग़ानिस्तान, उज़्बेकिस्तान, अफ्रीका और दूसरे देशों से आए छात्रों पर 25 लोगों के एक समूह ने शनिवार रात हमला किया, जिसमें दो छात्र घायल हो गए. छात्रों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाना पड़ा.
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी और गुजरात कांग्रेस के नेता ग्यासुदीन शेख़ ने इस घटना पर सवाल उठाए हैं.
भारत के विदेश मंत्रालय ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह गुजरात सरकार के संपर्क में है और भरोसा दिलाया कि दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी.

छात्रों का आरोप- पहले भी हुई बदसलूकी
जब बीबीसी गुजराती की टीम मौके़ पर पहुंची तो हॉस्टल ब्लॉक में हर जगह पुलिस और यूनिवर्सिटी के अधिकारी नज़र आए.
इसके अलावा घटनास्थल पर हमें पत्थर नीचे बिखरे पड़े मिले और कई टूटी हुई गाड़ियां मिलीं जो वहां हुए पथराव का संकेत दे रही थीं. हॉस्टल के छात्र भी डरे हुए थे और उदास थे.
अफ़ग़ानिस्तान से आए छात्रों में से एक नोमान ने बीबीसी से बात करते हुए कहा, “हम जैसे बाहर से आने वाले छात्रों के लिए अब यहां रहना बड़ी चुनौती है. यह अंतरराष्ट्रीय छात्रों का छात्रावास है. इसक पर जांच होनी चाहिए कि ये लोग यहां झुंड बनाकर कैसे आये. ऐसे लोग अक्सर यहां आते हैं और कहते हैं ‘जय श्री राम बोलो’ नहीं तो चाकू मार देंगे. ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं. दूसरे देशों के छात्रों के लिए यहां बहुत जोखिम है.”
इस पूरे मामले में अहमदाबाद पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज की है. हालांकि, अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है.
पुलिस ने कहा है कि इस मामले में एक शख़्स की पहचान कर ली गई है और जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी.
शनिवार रात को सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो सामने आए, जिन्हें इस घटना का बताया जा रहा है. इनमें हमलावर भीड़ छात्रों के वाहनों पर पथराव करती नज़र आ रही है.
वीडियो में इन हमलावरों को धार्मिक नारे लगाते हुए भी सुना गया.