स्मारक में उनका नाम देखकर मेरा हृदय गर्व से भर जाता है। स्मृति वन एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना को हमेशा के लिए संरक्षित स्मृति में बदल देगा। यह एक विरासत स्थल होगा: कच्छ चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राजेश भट्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कच्छ के भुज में भुजिया डूंगर पर बनाए गए स्मृति वन का रविवार को लोकार्पण करेंगे. यह स्मृति वन 26 जनवरी 2001 के उस कच्छ के भूक की याद दिलाता है, जो यहां के लोग कभी भूल नहीं पाएंगे. भूकंप के बाद कैसे कच्छ फिर खड़ा हुआ, उसकी जिंदादिली को भी स्मृति वन में म्यूजियम के तौर पर दिखाया गया है. स्मृति का सपना नरेंद्र मोदी ने तब देखा था, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस विशेष म्यूजियम का लोकार्पण करेंगे.
भुज के इस म्यूजियम का मकसद आज के युवाओं में सीस्मोलॉजी को लेकर रुचि को पैदा करना है. साथ ही भूकंप की स्मृति को अलग-अलग गैलरी के जरिए और आधुनिक टेक्नोलॉजी के जरिए दर्शाया गया है. 2001 में आए हुए भूकंप की अनुभूति करवाता एक विशेष थिएटर भी बनाया गया है. यहां एक स्टिम्युलेटर भी बनाया गया है जो यहां आने वाले लोगों को भूकंप की उस कंपन के साथ ध्वनि और रोशनी के जरिए अनुभव कराएगा. इस म्यूजियम में 8 ब्लॉक बनाए गए हैं, जिसका कॉन्सेप्ट रिबर्थ, रिडिस्कवर, रिस्टोर, रिबिल्ड, रिथिंक, रिलाइव और रिन्यू पर बनाया गया है.