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गुजरात के नौ नागरिक अमेरिका की यात्रा के दौरान अचानक लापता हो गए : रिपोर्ट

गुजरात के नौ नागरिक अमेरिका की यात्रा के दौरान अचानक लापता हो गए जिनका अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। इस मामले में जुड़े एजेंटों के खिलाफ गुजरात पुलिस ने कार्रवाई करना शुरू कर दिया है, एक एजेंट को पहले ही पकड़ लिया गया है पुलिस ने कहा कि शनिवार को दो एजेंटों के खिलाफ जल्द ही लुकआउट नोटिस जारी किया जाएगा।

महिला की शिकायत के बाद आव्रजन रैकेट का पता चला
संदिग्ध आव्रजन रैकेट तब सामने आया जब एक महिला ने बुधवार को साबरकांठा जिले में प्रांतिज पुलिस से संपर्क किया और शिकायत की कि उसके पति भरत रबारी फरवरी में नीदरलैंड और कैरीबियाई क्षेत्र के माध्यम से अमेरिका भेजे गए थे जिनसे एक महीने बाद भी कोई संपर्क नहीं हो पाया है। जांच में मेहसाणा के रहने वाले एजेंट दिव्येश उर्फ जॉनी पटेल को गिरफ्तार किया गया और यह पाया गया कि उसके द्वारा विदेश भेजे गए नौ लोग लोग लापता हो गए थे।

अमेरिका के आव्रजन एजेंटों के खिलाफ जल्द जारी होगा लुकआउट नोटिस
प्रांतिज पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर प्रदीपसिंह वाघेला ने शनिवार को कहा कि अमेरिका स्थित आव्रजन एजेंट धवल पटेल और विजय पटेल को उन सभी लोगों को रिसीव करना था जो अज्ञात हैं, उन्होंने कहा कि दोनों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि महिला की शिकायत के आधार पर दर्ज प्राथमिकी में नामित एक अन्य एजेंट महेंद्र बलदेवभाई पटेल हैं, जो गांधीनगर जिले का डिंगुचा गांव का मूल निवासी हैं।

गुजरात का अन्य एजेंट महेंद्र की पुलिस को तलाश
उन्होंने कहा कि एजेंट महेंद्र पटेल को पकड़ने के प्रयास जारी हैं। महेंद्र पटेल, जिसे ‘एमडी’ के नाम से भी जाना जाता है, जगदीश पटेल के बड़े भाई हैं, जो पिछले साल कनाडा से संयुक्त राज्य अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश के दौरान अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ मौत के मुंह में चले गए थे। पुलिस ने उस समय कहा था कि डिंगुचा के रहने वाले चारों लोग की जनवरी 2022 में भीषण ठंड में मौत हो गई थी, जब वे बर्फीले तूफ़ान के बीच कनाडा से अमेरिका की ओर जा रहे थे।

जॉनी ने भरत से अमेरिका भेजने का वादा किया था ऐंठ लिए थे 20 लाख
जॉनी ने भरत से वादा किया था कि वह उसे वर्क परमिट पर अमेरिका भेज सकते है। इसके लिए एजेंट ने 20 लाख रुपये एडवांस लिए और बाकी रकम वहां पहुंचने के बाद देने के लिए कहा। भरत जनवरी में नीदरलैंड पहुंचे थे। फरवरी में पोर्ट ऑफ स्पेन से डोमिनिका पहुंचे। लेकिन चार फरवरी के बाद से भरत का कुछ पता नहीं चला। परिवार ने भी कई बार संपर्क की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। एजेंट जॉनी को हमने पकड़ा, पूछताछ की तब पता चला कि भारत के अलावा और आठ लोग भी लापता हैं। बता दें, भरत पेशे से एक किसान है।