Related Articles
तब गुरुजी हंसे और उन्होंने दर्पण का रुख शिष्य की ओर कर दिया, शिष्य दंग रह गया….By-B B Singh
B B Singh Lives in Jaunpur, Uttar Pradesh संवाददाता at Jaunpur City News =========== सभी मानव जाति में अवगुण से भरे है उनकी अवगुणों को नजरअंदाज कर सगुण को स्वीकार करे एक गुरुकुल के आचार्य अपने शिष्य की सेवा से बहुत प्रभावित हुए । विद्या पूरी होने के बाद जब शिष्य विदा होने लगा तो […]
“तुम कितने रुपये लोगे मुझे घर तक छोड़ने का?
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय ============= एक व्यक्ति अपने स्कूटर से घर जा रहा था। कुछ दूर जाने के बाद उसे सड़क पर एक बूढ़ी औरत दिखाई दी। जो कि बहुत ही थकी हुई सी लग रही थी और उसके चेहरे से मानों ऐसा लग रहा था कि वह उस सड़क पर बहुत समय से किसी यातायात […]
वो रात इत्तेफाक़ से ख़्वाबों में आ गए…..By-शकील सिकंद्राबादी
Shakeel Sikandrabadi ============== · ग़ज़ल हम ये समझ रहे थे के फूलों में आ गए लेकिन वफाएँ कर के तो काँटों में आ गए हक़ का सवाल पूछने झूटों में आ गए आईना ले के आप भी अन्धों में आ गए मग़रूर हुस्न वालों की चालों में आ गए आशिक़ मिज़ाज लौग थे बातों में […]