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ग़ज़्ज़ा में संघर्ष विराम पर अब क्या होगा अगला क़दम : रिपोर्ट

दुनिया के ज़्यादातर लोग ग़ज़्ज़ा युद्ध को रोके जाने के इच्छुक हैं जबकि इस्राईल के अंदर आमजनम भी इसका पक्षधर है लेकिन नेतन्याहू के कट्टरपंथी मंत्री युद्ध विराम की अवधि बढ़ाए जाने के विरोधी हैं और उन्होंने नेतन्याहू को धमकी दे दी है कि अगर युद्ध विराम की अवधि बढ़ी तो वह सरकार गिरा देंगे।

इस्राईली जनमत विशेषकर अंतर्राष्ट्रीय जनमत के दबाव में आकर ज़ायोनी शासन एक बार फिर युद्ध विराम की अवधि बढ़ाने पर राज़ी हो गया है जिसके बाद ही युद्ध विराम की अवधि बढ़ गयी और क़ैदियों के आदान प्रदान का छठां चरण भी अंजाम पा गया।

इस्राईल के आंतरिक सुरक्षा मंत्री इतमार बेन गुएर ने कहा है कि ग़ज़्ज़ा में संघर्ष विराम से इस्राईली सरकार गिर जाएगी। नेतन्याहू की कैबिनेट के एक अन्य मंत्री बज़ालेल स्मुट्रिज ने भी कहा है कि अगर ग़ज़्ज़ा में इस्राईल और फिलिस्तीनियों के बीच अंतिम संघर्ष विराम होता है, तो वह इस्तीफा दे देंगे, जिससे सरकार गिर जाएगी। नेतन्याहू के मंत्रिमंडल के दो मंत्रियों की यह धमकी उन अटकलों के बीच आई है कि अमेरिका और क़तर के साथ युद्धरत पक्ष अवैध अधिकृत क्षेत्रों में युद्धविराम की अवधि बढ़ाने की मांग कर रहे थे।

उधर अमेरिकी कांग्रेस की मुस्लिम सदस्य रशीदा तलीब ने वाशिंगटन में वाइट हाउस के सामने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अधिकांश अमेरिकी नागरिक युद्ध रोकने और ग़ज़्ज़ा पट्टी में युद्धविराम स्थापित करने के पक्ष में हैं।

अल-जज़ीरा टाइव के अनुसार अमेरिकी कांग्रेस की एक मुस्लिम सदस्य रशीदा तलीब ने वाशिंगटन में वाइट के सामने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि शांति वार्ता की प्रक्रिया ऐसी होनी चाहिए जिसका परिणाम मध्यपूर्व में स्थाई शांति के रूप में सामने आए और ग़ज़्ज़ा में विराम संघर्ष का अर्थ हिंसा की समाप्ति होनी चाहिए।

रशीदा तलीब ने कहा कि हम हिंसा और संघर्ष का अंत चाहते हैं, ग़ज़्ज़ा में अस्थाई युद्ध विराम पर्याप्त नहीं है बल्कि हिंसा रुकनी चाहिए। हम मेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से अपील करते हैं कि उन्हें अधिकांश अमेरिकी लोगों की आवाज और इच्छा सुननी चाहिए।

ग़ज़्ज़ा पट्टी पर इस्राईल के हमले को समाप्त करने की मांग करते हुए अमेरिकी कांग्रेस के कई सदस्य वाइट हाउस के सामने भूख हड़ताल करने वालों में शामिल हो गए हैं।

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के सदस्य जमाल बूमान ने भी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि युद्ध को रोकने और ग़ज़्ज़ा में युद्धविराम स्थापित करने के अनुरोध का मतलब यहूदी विरोधी भावनाओं को भड़काना या यहूदियों की हत्या का आह्वान करना नहीं है।

उन्होंने कहा कि हम ग़ज़्ज़ा में युद्धविराम चाहते हैं और हम जातीय सफाए, नागरिकों की हत्या और बच्चों के नरसंहार के खिलाफ हैं और हमारी इस मांग का मतलब कभी भी यहूदी विरोधी भावना नहीं है।

बहरहाल ग़ज़्ज़ा में दुनिया की इच्छा के अनुरूप युद्ध विराम जारी है जो अभी तो अस्थाई है लेकिन टीकाकारों का कहना है कि इस युद्ध विराम के दौरान ही ग़ज़्ज़ा में मानवीय सहायताएं पूरी तरह से पहुंचे ताकि ज़रूरतमंद औरतों और मर्दों व बच्चों को नया जीवन प्रदान किया जा सके।