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ग़ज़ा पट्टी के बेत हानून में इस्राइली सैनिकों के साथ आमने-सामने की भयानक लड़ाई जारी, एक हफ़्ते के दौरान ज़मीनी हमले में इसराइल के 332 से ज़्यादा सैनिक मारे गए!

ग़ज़ा पर ज़मीनी हमले में ज़ायोनी सेना को मिल रही है कड़ी टक्कर

पिछले 17 वर्षों से जारी ग़ज़ा की नाकाबंदी और वेस्ट बैंक में फ़िलिस्तीनियों की बड़ी संख्या में हत्याओं के ख़िलाफ़ 7 अक्तूबर को अवैध अधिकृत इलाक़ों में अल-अक़सा स्टॉर्म ऑप्रेशन करने वाले फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोधी आंदोलन हमास ने कहा है कि उसके लड़ाके ज़ायोनी सेना को ज़मीनी लड़ाई में कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

हमास से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ग़ज़ा पट्टी के उत्तर पूर्वी प्वाइंट बेत हानून में ज़ायोनी सैनिकों के साथ आमने-सामने की लड़ाई जारी है।

पिछले एक हफ़्ते के दौरान, ज़मीनी हमले में ज़ायोनी शासन के 25 और अब तक कुल 332 से ज़्यादा सैनिक मारे गए हैं। हमास के लड़ाके ग़ज़ा के बाहरी इलाक़ों में उसे कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

इस्राईल ने ग़ज़ा में हवाई हमले करके पूरे के पूरे इलाक़ों को खंडहर में ज़रूर बदल दिया है और 10,000 से ज़्यादा लोगों को शहीद कर दिया है, लेकिन वह रॉकेट फ़ायर करने की हमास की क्षमता को कम नहीं कर पाया है।

हमास का कहना है कि उसने कई इस्राईली टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को नष्ट कर दिया है। पहली नवंबर को हमास ने बेत हानून में झड़प के दौरान यासीन-105 एंटी-टैंक मिसाइल का उपयोग करके कम से कम चार ज़ायोनी मर्कवा टैंकों को नष्ट कर दिया था।


क्या ग़ज़ा युद्ध में हमास की रणनीति इस्राईल पर भारी पड़ रही है?

इस्राईल क़रीब पिछले एक महीने से ग़ज़ा पर भीषण हवाई हमले कर रहा है, लेकिन ज़मीनी हमला उसने पिछले ही हफ़्ते शुरू किया है।

ऐसा लगता है कि ज़ायोनी सेना ने ग़ज़ा पट्टी को दो भागों में बांट दिया है और ग़ज़ा सीमा से 9 किलोमीटर तक अंदर घुसने का दावा किया है।

इस बीच, पिछले 17 वर्षों से जारी ग़ज़ा की नाकाबंदी और वेस्ट बैंक में फ़िलिस्तीनियों की बड़ी संख्या में हत्याओं के ख़िलाफ़ 7 अक्तूबर को अवैध अधिकृत इलाक़ों में अल-अक़सा स्टॉर्म ऑप्रेशन करने वाले फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोधी आंदोलन हमास ने कहा है कि उसके लड़ाके ज़ायोनी सेना को जोहर अल-दीक इलाक़े के प्रवेश द्वार पर कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

हमास से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ग़ज़ा पट्टी के उत्तर पूर्वी प्वाइंट बेत हानून में ज़ायोनी सैनिकों के साथ आमने-सामने की लड़ाई जारी है।

ऐसा लगता है कि ग़ज़ा पर ज़मीनी हमले में ज़ायोनी सेना की रणनीति ग़ज़ा के एक-एक इलाक़े को दूसरे इलाक़ों से काटकर, हमास के ख़िलाफ़ कार्यवाही करना है। हालांकि उसके लिए इसे व्यवहारिक बनाना आसान नहीं है, क्योंकि उसने अभी तक के ज़मीनी हमले में अपने 25 और कुल 332 से ज़्यादा सैनिक खो दिए हैं और हमास के लड़ाके ग़ज़ा के बाहरी इलाक़ों में उसे कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

इस्राईल ने ग़ज़ा में हवाई हमले करके पूरे के पूरे इलाक़ों को खंडहर में ज़रूर बदल दिया है और 10,000 से ज़्यादा लोगों को शहीद कर दिया है, लेकिन वह रॉकेट फ़ायर करने की हमास की क्षमता को कम नहीं कर पाया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि हमास का ऑप्रेशन और ग़ज़ा के ख़िलाफ़ इस्राईल का युद्ध, जटिलता के मामले में दोनों के बीच पिछले टकरावों से बहुत अलग हैं।

लुम्सा मास्टर स्कूल-यूनिवर्सिटी में रणनीतिक अध्ययन के प्रोफ़ेसर माटेओ ब्रेसन का कहना है कि 7 अक्टूबर के बाद से हमने जो देखा है, वह एक नए प्रकार का हाइब्रिड युद्ध है।

ब्रेसन का कहना थाः हमास ने 6,000 से ज़्यादा रॉकेट अवैध अधिकृत इलाक़ों पर फ़ायर किए और यह संख्या ऐसी सैन्य क्षमता दिखाती है, जो हमास के पास पहले कभी नहीं थी। सवाल यह है कि यह कैसे संभव हुआ कि हमास ने 20 अलग-अलग इलाक़ों में ऑप्रेशन किए हैं। इसका मतलब है कि हमास के पास ऐसा करने के लिए स्पष्ट प्रशिक्षण और तैयारी थी।

हमास की सैन्य शाख़ा अल-क़स्साम ब्रिगेड का कहना है कि उसने डिमोना में ज़ायोनी शासन के परमाणु रिएक्टर और अनुसंधान संयंत्र को रॉकेटों से निशाना बनाया है, ऐसा उन्होंने पहली बार किया है।

हमास का कहना है कि उसने कई इस्राईली टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को नष्ट कर दिया है। पहली नवंबर को हमास ने बेत हानून में झड़प के दौरान यासीन-105 एंटी-टैंक मिसाइल का उपयोग करके कम से कम चार ज़ायोनी मर्कवा टैंकों को नष्ट कर दिया था।

हमास युद्ध में साहस के साथ ही अपनी बेहतरीन रणनीति का परिचय दे रहा है। 29 अक्टूबर को हमास की सैन्य शाख़ा क़स्साम ब्रिगेड ने बेत हानून क्रॉसिंग पर तैनात ज़ायोनी सैनिकों का पीछे करने के लिए अपने सैनिकों को उतार दिया और उनका पीछा किया।

इस प्रकार, कहा जा सकता है कि ज़ायोनी अधिकारियों के लिए यह युद्ध इतना आसान नहीं होने जा रहा है, जितना वे और उनके अमरीकी आक़ा सोच रहे हैं।