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ग़ज़ा जंग 66वां दिन : #याहिया सिनवार चकमा देकर इस्राइली सेना की गाड़ी से पहुंचे ग़ज़ा : वीडियो एंड रिपोर्ट

जिस याहिया सिनवार को इस्राइली सेना, ख़ुफ़िया एजेंसियां तलाश रही हैं वो इस्राइली सेना की गाड़ी से भेष बदल कर ख़ान यूनुस से ग़ज़ा पहुँच गए, इस्राइल दुनियांभर में अपनी टेक्नोलॉजी, ख़ुफ़िया एजेंसियों, टैंकों की ताकत का बखान करता रहता है हमास ने उसकी सारी ताकात की हवा निकाल दी है, जंग के 66 दिन बीत जाने के बाद भी इसराइल अपनी बंधकों का पता नहीं लगा सका है, अब ख़बर ये है कि इसराइल के पास जंग लड़ने के लिए हथियार, गोला बारूद, रॉकेट, मिसाईलों की कमी हो गयी है, ऐसे में इस्राईल ने एक लम्बी लिस्ट अमेरिका के सामने रख दी है कि हमें ये हथियार तत्काल दो वार्ना हमास हमें जंग में हरा देगा, उधर यूक्रेन के राष्ट्रपति भी अमेरिका से हथियारों की मांग कर रहे हैं कि हमें तत्काल हथियार चाहिए वार्ना रूस हमैं जंग में हरा देगा, अमेरिका के लिए संकट का समय है, वो दो जंगों को समर्थन देकर फँस गया है, इन दोनों जंगों में उसकी हार तै है, रूस ने यूक्रेन में नेटो और अमेरिका को रगड़ कर रख दिया है, वहीँ हमास ने इसराइल की चीखें निकाल दी हैं

7 अक्तूबर को हमास का हमला शून्य से नहीं हुआ : रूस

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने भी संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरस जैसा बयान देते हुए कहा है कि 7 अक्तूबर को हमास का हमला शून्य से नहीं हुआ यानी यह पिछले घटनाक्रमों का नतीजा है।

लावरोफ़ ने कहा कि मास्को का हमास की राजनैतिक शाखा से संपर्क है और इसके नतीजे में उन क़ैदियों को रिहाई दिलाने में सफलता मिली जो हमास के पास थे।

लावरोफ़ ने कहा कि हमास की राजनैतिक शाखा के साथ हमारा संपर्क है, हमने दोहा में हमास के प्रतिनिधियों से संपर्क किया और रूसी नागरिकों का हाल जाना जो 7 अक्तूबर के हमले के दौरान क़ैदी बना लिए गए थे, इसी तरह रूस के पड़ोसी देशों और अन्य देशों के नागरिकों के बारे में भी हमने हमास से बात की थी जिसके नतीजे में सहमति बनी और इस पर इस्राईल ने भी सार्थक रुख़ अपनाया था।

रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि उनका देश ग़ज़ा पट्टी में संघर्ष विराम के लिए राजनैतिक दबाव बनाए हुए है। इससे पहले लावरोफ़ ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्तावों के अनुसार फ़िलिस्तीनी स्टेट का गठन होना चाहिए।

फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों की सहायता और रोज़गार के लिए कार्यरत संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्थना अनरवा के अधिकारी फ़िलिप लाज़ारीनी ने कहा कि ग़ज़ा में त्रास्दी के हालात हैं, तत्काल संघर्ष विराम किया जाना चाहिए ताकि ग़ज़ा में जो भयानक हालात हैं उन्हें क़ाबू किया जा सके।

लाज़ारीनी ने कहा कि मैंने अपनी ज़िंदगी में कभी इतनी बुरी स्थिति नहीं देखी थी और केवल मैं नहीं बल्कि जिसने भी ग़ज़ा के हालात देखे हैं उसका यही एहसास है।

उन्होंने कहा कि वहां बहुत बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं, इसे हम किस परिप्रेक्ष्य में देख सकते हैं? संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी का कहना था कि 10 लाख से अधिक लोग भारी भीड़ वाले शरण स्थलों में रहने पर मजबूर हैं। लोग मदद मांगने हमारे पास आते हैं और हमारे पास मदद करने की संभावना नहीं है।

हमास के लड़ाकों के हौसले बुलंद हैं, इस्राईल जहां घुसेगा, हारेगा

हमास कहना है कि इस्राईल, आम नागरिकों से अंधाधुंध बदला ले रहा है।

हमास की सैन्य शाखा इज़्ज़ुद्दीन अल-क़स्साम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू ओबैदा का कहना है कि अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन आम नागरिकों से अंधाधुंध बदला ले रहा है और पाश्विक युद्ध के माध्यम से बुनियादी ढांचों को नष्ट कर रहा है।

इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार हमास की सैन्य शाखा के प्रवक्ता ने इस बात पर बल दिया कि दुश्मन जो हासिल कर रहा है वह अंधाधुंध विनाश और हत्या के ज़रिए है।

अबू ओबैदा का कहना है कि ज़ायोनी दुश्मन, ग़ज़्ज़ा पट्टी के उत्तर और दक्षिण में हार गया है और जब भी वह किसी अन्य क्षेत्र में प्रवेश करेगा तो उसे एक और हार का सामना करना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि अल-क़स्साम के संघर्षकर्ताओं की पोज़ीशन अच्छी और उनके हौसले बुलंद हैं और हज़ारों संघर्षकर्ता युद्ध में भूमिका निभाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

अल-क़स्साम बटालियन के सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि हमारे लड़ाके पुराने और नए क्षेत्रों में इस्राईली सेनाओं पर हमला करने में सक्षम हैं।

मौसम गर्म हैः फ़िलिस्तीनी क़ैदियों के कपड़े उतरवाने के बारे में नेतनयाहू के सलाहकार का बेशर्मी भरा बयान

ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू के सलाहकार ने बेहद बेशर्मी भरा बयान देते हुए कहा है कि ग़ज़ा में पकड़े गए फ़िलिस्तीनी क़ैदियों के कपड़े ज़ायोनी सैनिकों ने इसलिए उतरवाए कि यह मध्यपूर्व का इलाक़ा है और आजकल बड़ी गर्मी पड़ रही है।

ज़ायोनी सैनिकों ने हालिया दिनों विस्थापित फ़िलिस्तीनियों को पकड़कर उनके कपड़े उतरवाए थे और उन्हें केवल अंडरवेयर में ज़मीन पर बिठाया था। यह वीडियो वायरल होने के बाद ज़ायोनी शासन को दरिंदा और बेशर्म कहा जा रहा था जिसपर ज़ायोनी प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया आई है और प्रतिक्रिया भी बेहद बेशर्मी वाली है।

ब्रिटेन के स्काई न्यूज़ के इंटरव्यू देते हुए नेतनयाहू के सलाहकार ने कपड़े उतरवाने के बारे में पूछे गए सवाल का यह जवाब दिया तो इस पर भारी आक्रोश फैल गया है।

इंटरव्यू में नेतनयाहू के सलाहकार रेग़ीव बार बार बदज़बानी करते सुनाई दिए, उन्होंने ज़ायोनी सैनिकों की इस घटिया हकरत का बचाव करते हुए कहा कि क्या इससे जेनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन हो गया? जब एंकर ने उन्हें सवालों के ज़रिए घेरा और बताया कि यह जेनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन है तो रेग़ीव ने कहा कि उन्हें अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों की जानकारी नहीं है।

इस्राईली सेना की मीडिया इकाई ने गुरुवार को एक वीडियो जारी किया जिसमें दर्जनों फ़िलिस्तीनियों को ज़मीन पर बैठे दिखाया गया था। इन लोगों को ज़ायोनी सैनिकों ने पकड़ा था और उनके कपड़े उतरवा लिए थे।

ज़ायोनी सेना ने पहले दावा किया था कि यह सब हमास के सदस्य हैं लेकिन फिर साबित हुआ कि इन लोगों का हमास से कोई संबंध नहीं है।

ग़ज़ा पर संघर्ष विराम का प्रस्ताव वीटो किए जाने के बाद गुटेरस का संकल्पः मैं हार नहीं मानूंगा

संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि ग़ज़ा में संघर्ष विराम के बारे में प्रस्ताव को अमरीका द्वारा वीटो कर दिए जाने से संयुक्त राष्ट्र संघ की साख कमज़ोर हुई।

गुटेरस ने कहा कि अमरीका की ओर से संघर्ष विराम का प्रस्ताव वीटो किए जाने के मामले पर सुरक्षा परिषद का अधिकार क्षेत्र और उसकी साख बुरी तरह कमज़ोर हुई है।

क़तर में शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैं यह वादा कर सकता हूं कि मैं हार नहीं मानूंगा।

क़तर का कहना है कि वह संघर्ष विराम के लिए काम कर रहा है, इससे पहले भी उसने एक हफ़्ते के संघर्ष विराम के लिए भूमिका निभाई थी जिसके नतीजे में 80 ज़ायोनी और 240 फ़िलिस्तीनी क़ैदी रिहा किए गए थे।

क़तर के प्रधानमंत्री शैख़ मुहम्मद बिन अब्दुर्रहमान ने कहा कि इस्राईल की क्रूरता भरी बमबारी संघर्ष विराम को लेकर हर प्रकार की प्रगति का रास्ता रोक रही है।

अमरीका ने सुरक्षा परिषद में संघर्ष विराम का प्रस्ताव वीटो करने के बाद कहा है कि जब तक हमास जीवित और मौजूद है तब तक संघर्ष विराम से समस्या हल नहीं होगी।

अमरीका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमरीका को इस विवाद की वजह से पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को होने वाले नुक़सान की जानकारी है।