दुनिया

ग़ज़ा-इस्राईल जंग के 32वें दिन की ख़बरें : ग़ज़्ज़ा के कई इलाक़े में भयानक लड़ाई जारी : रिपोर्ट

फ़िलिस्तीन की दुनिया से अपील, ग़ज़्ज़ा की मदद के लिए आगे बढ़ें

फ़िलिस्तीनी रेड क्रिसेंट सोसाइटी ने सोमवार रात एक बयान जारी कर स्वास्थ्य और सहायता एजेंसियों और संगठनों से ग़ज़्ज़ा और फिलिस्तीन के उत्तरी प्रांत में आवश्यक वस्तुएं और राहत सामग्री भेजने के लिए तत्काल क़दम उठाने का आह्वान किया है।

फ़िलिस्तीन रेड क्रिसेंट सोसाइटी के बयान में कहा गया है कि हमलावर ज़ायोनी शासन एम्बुलेंस और आपातकालीन विभाग की गतिविधियों को जारी रखने के लिए आवश्यक उपकरणों और संसाधनों के प्रवेश में बाधा डाल रहा है।

ज़ायोनी शासन लगातार आवश्यक उपकरणों की आपूर्ति में रुकावटें पैदा कर रहा है जिसके परिणामस्वरूप इस अस्पताल में बेघर लोगों की सहायता और सेवाएं पूरी तरह से बंद होने का ख़तरा है।

बयान में कहा गया है कि अस्पताल का अनिवार्य ईंधन टैंक अगले अड़तालीस घंटों में खत्म हो जाएगा और इसके परिणामस्वरूप वेंटिलेटर, बाल चिकित्सा वार्ड और गहन देखभाल इकाइयां भी काम करना बंद कर देंगी।

दूसरी ओर फ़िलिस्तीनी इन्फ़ारमेशन सेन्टर ने सोमवार रात एक रिपोर्ट में कहा है कि इस्राईली हमले की शुरुआत के बाद से ग़ज़्ज़ा के मुर्दाघर में हर घंटे 15 शव लाए जा रहे हैं, जबकि हर मिनट एक घायल व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है।

यह बयान हमास आंदोलन के राजनीतिक कार्यालय के सदस्य ओसामा हमदान की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के कुछ घंटों बाद जारी हुआ है जिसमें ओसामा हमदान ने कहा कि ग़ज़्ज़ा युद्ध की शुरुआत से अब तक ज़ायोनी ने 45 हज़ार लोगों को नुक़सान पहुंचाया है। ग़ज़्ज़ा की जनता पर टनों बम गिराए गए हैं जो प्रतिदिन 1 हज़ार टन से अधिक विस्फोटकों के बराबर है।

ग़ज़्ज़ा में शहीद होने वालों की संख्या 11 हज़ार से बढ़ी

ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल के पाश्विक हमलों में शहीद होने वालों की संख्या 11 हज़ार से अधिक हो गयी है।

ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल के पाश्विक हमलों को 32 दिन हो गये हैं और इस्राईली युद्ध विमान लगातार ग़ज़्ज़ा के आवासीय क्षेत्रों पर बमबारी कर रहे हैं।

ग़ज़्ज़ा इस्राईल के हमलों के दौरान शहीद होने वाले फ़िलिस्तीनियों की संख्या बढ़कर 11 हज़ार 165 हो गयी हैं जिनमें 5104 बच्चे और लगभग 3 हज़ार महिलाएं शामिल हैं। ग़ज़्ज़ा पर हमले से लेकर अब तक 48 पत्रकार मारे जा चुके हैं।

इस्राईल के हमलों में घायल होने वाले फ़िलिस्तीनियों की संख्या 27 हज़ार हो गयी है जिनमें लगभग 2 हज़ार 350 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं जिनमें 1300 बच्चे हैं। पश्चिम के समर्थन ने इस्राईल को अधिक दुस्साहसी बना रखा है जिसके बूते वह फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध खुलकर अत्याचार कर रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं का कहना है कि आम नागरिकों का ख़िलाफ़ इस्राईल का जारी अत्याचार, सामूहिक सज़ा और मानव त्रासदी है जिसे युद्ध अपराध कहा जाता है।

ग़ज़्ज़ा युद्ध में बड़ा बदलाव, सीआईए और मोसाद प्रमुख की मुलाक़ात

 

एक अमेरिकी अधिकारी ने ज़ायोनी शासन के अधिकारियों से मिलने के लिए सीआईए के प्रमुख के अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन की यात्रा की सूचना दी है।

एक अमेरिकी अधिकारी ने अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में अमेरिकी राजनयिक और सीआईए प्रमुख विलियम बर्न्स की यात्रा की पुष्टि की है।

मिडिल ईस्ट मॉनिटर के मुताबिक, विलियम बर्न्स पश्चिम एशिया की अपनी यात्रा के दौरान राजनेताओं और ख़ुफ़िया अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे और पूरे क्षेत्र में खुफिया सहयोग जारी रखने के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

कहा जाता है कि विलियम बर्न्स राजनीतिक अधिकारियों के साथ ग़ज़्ज़ा मुद्दे और बंधकों की रिहाई तथा सरकारी और ग़ैर सरकारी अधिकारियों से बातचीत और इस्राईल व हमास के बीच युद्ध को बढ़ने से रोकने की अमेरिकी प्रतिबद्धता पर चर्चा करने वाले हैं।

अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, विलियम बर्न्स की यात्रा इस्राईल के ख़ुफ़िया सहयोग के प्रति अमेरिकी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है खासकर आतंकवाद और सुरक्षा के खिलाफ युद्ध जैसे मुद्दों में ।

वाइ नेट न्यूज़ के अनुसार अवैध अधिकृत क्षेत्रों में प्रवेश करने से पहले विलियम बर्न्स ने मोसाद प्रमुख डेविड बर्निया से मुलाकात की थी।

विदेशमंत्री ने अमरीका को दिखाया आईना, इस्राईल के अपराधों का भागीदार न बनो

इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि वाइट हाउस इस बात को प्राथमिकता देता है कि वह इस्राईल के अपराधों का भागीदार बना रहे और बिखराव का शिकार इस्राईल का हर क़ीमत पर विश्व जनमत के सामने समर्थन करे।

इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने सोशल मीडिया पर फ़िलिस्तीनी जनता की हत्या में ज़ायोनी शासन के लिए अमेरिका के निरंतर समर्थन के बारे में लिखा कि ग़ज़्ज़ा में युद्ध रोकने के लिए 120 से अधिक देशों ने किया है।

उन्होंले सोशल नेटवर्क एक्स पर लिखा कि अमरीका सहित दुनिया के विभिन्न शहरों में लाखों लोग फ़िलिस्तीन के समर्थन और ज़ायोनी शासन के युद्ध अपराधों की निंदा के लिए लोग सड़कों पर उतरे हैं लेकिन वाइट हाउस तबाह ज़ायोनी शासन का सहयोगी बने रहने और विश्व जनमत के मुक़ाबले में हर क़ीमत पर उसका समर्थन करने को प्राथमिकता देता है।

ग़ज़्ज़ा के कई इलाक़े में भीषण झड़पें जारी

फ़िलिस्तीनी सूत्रों का कहना है कि केन्द्रीय और पश्चिमी ग़ज़्ज़ा में स्थित अल-ज़वाएदा और अल-नुसैरात में फ़िलिस्तीन के प्रतिरोधकर्ता गुटों और ज़ायोनी सैनिकों के बीच भयंकर झड़पें हो रही हैं जबकि अल-मगाज़ी में भी झड़पें जारी हैं।

इस बीच, फ़िलिस्तीनी संघर्षकर्ताओं ने उत्तरी ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनी शासन के एक टैंक को नष्ट कर दिया। उधर फ़िलिस्तीन की रेड क्रिसेंट सोसाइटी ने घोषणा की है कि अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन के युद्धक विमानों ने अल-कुद्स अस्पताल पर दो मिसाइलों से हमला किया है। दूसरी ग़ज़्ज़ा में अल-अवदा अस्पताल के प्रमुख का कहना है कि ईंधन खत्म होने के कारण अस्पताल कल से काम करना बंद कर देगा।

ग़ज़्ज़ा की घटना को जनसंहार मानने को तैयार नहीं है अमरीका

 

ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल के हमलों को एक महीने का समय बीच चुका है।

एक महीने के दौरान ग़ज़्ज़ा में 10000 से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद हुए हैं जबकि 24000 से अधिक घायल हो चुके हैं। शहीद होने वाले फ़िलिस्तीनियों में बड़ी संख्या बच्चों की है। इसके अतरिक्त इस्राईल की बमबारी में ग़ज़्ज़ा को जो आर्थिक नुक़सान हुआ है वह अलग है।

इतना होने के बावजूद अमरीका इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है कि ग़ज़्ज़ा में इस्राईल के हाथों जनसंहार और जातीय सफाया किया जा रहा है। इसी बीच अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जान केरबी ने कहा है कि वर्तमान समय में ग़ज़्ज़ा में जो कुछ हो रहा है वह जनसंहार नहीं है। उन्होंने कहा कि ग़ज़्ज़ा के घटनाक्रम पर दृष्टि डालने से एसा नहीं लगता की वहां पर जनसंहार किया जा रहा है। जान केरबी का कहना था कि ग़ज़्ज़ा में घटने वाली घटना को जनसंहार कहना बहुत ही ग़ैर ज़िम्मेदारी की बात है।

यहां पर सवाल यह पैदा होता है कि जनसंहार किसे कहते हैं और जातीय सफाया कौन सी चीज़ है। जब किसी एक ही जाति और उसके नागरिकों को लक्ष्य बनाकर व्यापक स्तर पर उनकी हत्याएं की जाएं तो इस काम को क्या कहा जाएगा?

अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ने ग़ज़्ज़ा में घटने वाली घटनाओं को जनसंहार की संज्ञा देने से एसे में इन्कार किया है कि जब अमरीका के ही रक्षामंत्रालय पेंटागन ने माना है कि फ़िलिस्तीनियों की व्यापक स्तर पर हत्याएं की जा रही हैं।

ग़ज़्ज़ा में न केवल निर्दोष फ़िलिस्तीनियों की बहुत बड़े पैमाने पर हत्याएं की जा रही हैं बल्कि इस क्षेत्र पर अबतक इतना अधिक विस्फोटक पदार्थ डाला गया है जिसकी तुलना नहीं की जा सकती। बताया जा रहा है कि दूसरे विश्व युद्ध में अमरीका ने जापान के हिरीशिमा और नागासाकी नगरों पर एटमबम के रूप में जितना विस्फोटक पदार्थ प्रयोग किया था उससे कहीं ज़्यादा इस्राईल अबतक ग़ज़्ज़ा में प्रयोग कर चुका है। ग़ज़्ज़ा पर पर इस्राईल की ओर से अबतक 35 हज़ार टन से अधिक विस्फोटक पदार्थ प्रयोग किया जा चुका है।

यह इतना अधिक है कि जिसे देखकर इस्राईल के पश्चिमी समर्थकों तक की चीख़ निकल पड़ी है। बेल्जियम के अन्तर्राष्ट्रीय मामलों के संयोजक कैरोलीन जेनीज़ ने सोमवार को कहा है कि इस्राईल ने जो युद्ध अपराध किये हैं उसके कारण उसके विरुद्ध जांच की जानी चाहिए। हालांकि जो बाइडेन प्रशासन की ओर से ग़ज़्ज़ा युद्ध को लेकर इस्राईल के खुले समर्थन से अमरीका के भीतर बहुत से लोग नाराज़ है जिनकी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इसके बावजूद बाइडेन प्रशासन पूरी बेहयाई के साथ इस्राईल का समर्थन करते हुए उसके लिए 320 मिलयन डालर मूल्य के बम भेजने के कार्यक्रम की समीक्षा कर रहा है।

Robin Monotti
@robinmonotti
MY TAKE ON THE ISRAEL-GAZA WAR
Other regional powers got Hamas to start a war to prevent BOTH Palestine’s huge gas reserves off Gaza being stolen by Netanyahu AND the Ben Gurion canal from being built. It’s got NOTHING to do with the resistance of Palestinians. You have to be a romantic and naïve resistance mythologist to believe it has.

Netanyahu allowed the October 7th attacks if not encouraged them because he wants a simple land grab in order to save his political career and himself from jail. The US also want the land so that all the Palestinian gas would go to Israel, and be what is used to supply the whole of Europe: Israel as the new Russia becoming the main supplier of gas to Europe. That is why the war for the US-UK-EU has to be quick, meaning immense numbers of civilian casualties on the Gaza side, nothing to do with “human shields”, that’s a clear misrepresentation for the real reason why the war has to be quick.

The Ben Gurion canal’s actual route in diagrams does not make sense. It would make much more sense if it cut through Gaza, and would make it much cheaper, and separate Gaza from Israel: another wall. Netanyahu therefore will only move into the north of Gaza, or as far as he can go, and that will be where the canal will be built over time.

The problem for me is that our own governments are actively encouraging and participating in ethnic cleansing, and thousands of civilians and children are being killed, and our governments are highly complicit, if not directly participating in ETHNIC CLEANSING and therefore under the GENEVA CONVENTION and the ROME STATUTE deserve a Nuremberg 2.0 trial for this alone. They can’t remain in power after this.

Gaza Report – اخبار غزة
@gaza_report

The #Gaza Interior Ministry urges residents not to share photos of the civilians moving south with white flags along Salah a Din road as they dismiss it as Israeli propaganda and urge them to remain in their homes in the north

 

Visegrád 24
@visegrad24

BREAKING:

Palestinian civilians have reached the Israeli Army lines south of Gaza City.

They are walking along the humanitarian corridor created for civilians moving south & are carrying white flags

The Israeli Army is letting them through to South Gaza

יוסף חדאד – Yoseph Haddad
@YosephHaddad
In Gaza on October 7th, they celebrated and rejoiced at the massacre of innocents, the monstrous murder of families, and the kidnapping of babies.
On November 7th in Gaza, people flee and wave a white flag of surrender as the IDF operates inside Gaza.
We’ll see who has the last laugh!!! And we just started🇮🇱💪

https://twitter.com/i/status/1721869830746165600

‏Martyrs of Gaza
@GazaMartyrs

The martyrs Dana Al-Saqa and her husband Tawfiq Al-Fara, she was a lawyer and he was a dentist. They got married at the beginning of this year and were expecting their first child. Their home was bombed, and they were martyred along with the unborn baby.

#Gaza 💔

Kim Dotcom
@KimDotcom

It’s official: Israel will take over Gaza according to Netanyahu. No peace and no two-state-solution.

X Posterity
@NewXPosterity
🚨 #BREAKING: Israeli PM Netanyahu stated that if and when after the war ends, #Israel may control fr ‘indefinite period’ the ‘overall security responsibility in Gaza’.

Could Israeli be considering absorbing Gaza eventually? Or even preventing the return of the Palestinian population?

Rev Laskaris
@REVMAXXING
Hamas: “Our people will not allow the United States to pass its plans to create a leadership [in Gaza] that suits it and the Israeli occupation. Our people will not accept a new ‘Vichy’ government, or someone who comes to us on an Israeli-American tank.

There is no guardianship over our great Palestinian people, and they are the only ones who decide who will rule them, and neither America nor the occupation nor any external party has any mandate over the will of our people.”

WikiLeaks
@wikileaks

Committee to Protect Journalists: As of 7 November: 37 journalists killed: 32 Palestinian, 4 Israeli, 1 Lebanese; 8 injured, 3 missing

 

COMBATE |🇵🇷
@upholdreality
Hamas: “Our people will not allow the United States to pass its plans to create a leadership [in Gaza] that suits it and the Israeli occupation. Our people will not accept a new ‘Vichy’ government, or someone who comes to us on an Israeli-American tank.

There is no guardianship over our great Palestinian people, and they are the only ones who decide who will rule them, and neither America nor the occupation nor any external party has any mandate over the will of our people.”