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खून का बदला खून होगा : सैयद हसन नस्रुल्लाह

लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन के महासचिव ने कहा है कि सभी प्रतिरोधी गुटों का मूल उद्देश्य इस लड़ाई में जायोनी सरकार को पराजित करना है।

सैयद हसन नस्रुल्लाह ने बल देकर कहा कि हमें व्यापक युद्ध का सामना है और समस्त प्रतिरोधी गुटों का लक्ष्य जायोनी सरकार को पराजित करना है। शुक्रवार को उन्होंने लेबनान में शहीदों होने वालों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि प्रतिरोध का आधार अंतरदृष्टि और उद्देश्य की पहचान है।

उन्होंने दक्षिणी लेबनान पर जायोनी सरकार के हालिया हवाई हमले की ओर संकेत किया और कहा कि इन हमलों को रोका जाना चाहिये क्योंकि जायोनी सरकार ने इन हमलों में आम नागरिकों को लक्ष्य बनाया है और उसके इन हमलों में भारी संख्या में लोग शहीद और घायल हुए हैं और हम कह रहे हैं कि जो कुछ अंजाम दिया गया वह जानबूझ कर किया गया। उन्होंने कहा कि हम एक वास्तविक युद्ध के केन्द्र में हैं और हम एक एसे मोर्चे पर हैं जो 100 किलोमीटर से अधिक है और प्रतिरोध के जियालों की शहादत इस युद्ध का एक भाग है।

सैयद हसन नस्रुल्लाह ने कहा कि दुश्मन शहीद होने वाले निर्दोष बच्चों और महिलाओं के खून की कीमत चुकायेगा, हम जायोनी सरकार से व्यापक युद्ध की हालत में हैं, अब युद्ध का दायरा बढ़ गया है और दुश्मन के सैनिकों को लक्ष्य व निशाना बनाने के लिए हमारी कोई सीमा नहीं है। इसी प्रकार सैयद हसन नस्रल्लाह ने हिज्बुल्लाह की मिसाइल क्षमता की ओर संकेत करते हुए कहा कि हिज्बुल्लाह के पास सटीक मार करने वाली मिसाइले हैं जो अवैध अतिग्रहित फिलिस्तीन के इलात क्षेत्र में स्थित करयात शमूना को निशाना बना सकती हैं।

उन्होंने जायोनी सरकार को संबोधित करते हुए कहा कि आम नागरिकों के खून का बदला खून होगा न कि जायोनी सैनिकों की छावनी, यह विषय हमारे लिए विशेष संवेदनशीलता रखता है। उन्होंने कहा कि आत्म समर्पण कर देना यानी अपमान और गुलामी को स्वीकार करना और यह हमारे बड़ों व बुज़ुर्गों का अपमान है। उन्होंने फिलिस्तीनी जनता की सहायता करने में इस्लामी देशों के मुसलमानों की अक्षमता की आलोचना की और कहा कि क्या यह अपमान और कमज़ोरी नहीं है कि दो अरब मुसलमान गज्जा के लोगों के लिए दवा और खाद्य पदार्थ नहीं भेज सकते?

उन्होंने कहा कि हमारे, मुसलमान राष्ट्रों और दुनिया के स्वतंत्र लोगों के कांधों पर जो दायित्व है वह वास्तविकता को बयान करना है। हिज्बुल्लाह के महासचिव ने कहा कि 7 अक्तूबर से जायोनी सरकार ने फिलिस्तीनी प्रतिरोध के खिलाफ झूठे दावे व प्रचार किये हैं और उसके पास अपने दावों को सही सिद्ध करने के लिए एक भी प्रमाण नहीं है। उन्होंने कहा कि हमास को दोस्त रखने वाले लोगों ने भी जायोनी सरकार के बहुत से झूठों पर विश्वास कर लिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर अमेरिका जायोनी सरकार के व्यापक समर्थन को बंद करता है तो तुरंत जंग बंद हो जायेगी नेतनयाहू चाहें या न चाहें।

इसी प्रकार उन्होंने कहा कि इस्राईल से ज्यादा अमेरिका हमास के खत्म करने पर आग्रह कर रहा है और क्षेत्र में गिरने वाले हर खून के कतरे का ज़िम्मेदार अमेरिका है और इस्राईली अधिकारी केवल संचालनकर्ता हैं। जानकार हल्कों का कहना व मानना है कि अपनी मातृभूमि की आज़ादी के लिए लड़ने वाले फिलिस्तीनी संघर्षकर्ताओं ने इस्राईली की खोखली ताकत की कलई खोल दी है और गज्जा युद्ध को पांचवां महीना आरंभ हो चुका है परंतु अमेरिका और इस्राईल आज तक हमास को खत्म न सके।

सारांश यह कि अमेरिका, ब्रिटेन और पश्चिमी व यूरोपीय देशों ने फिलिस्तीन की मज़लूम जनता के संबंध में अपने कृत्यों से विश्व जनमत के सामने अपनी वास्तविकता स्पष्ट कर दी है।