पंजाब पुलिस कस्टडी से फरार खालिस्तानी अमृतपाल का मेरठ से कनेक्शन जुड़ रहा है। माना जा रहा है कि उसे मेरठ में बेगमपुल पर टेंपो से जाते देखा गया है। इसकी जानकारी लगने पर पंजाब पुलिस चार दिन पहले मेरठ में आई और टेंपो चालक अजय निवासी डबल स्टोरी पल्लवपुरम से घंटों पूछताछ की।
पता चला है कि अमृतपाल मेरठ से दौराला जाने वाले टेंपो में बैठा था। टेंपो चालक का कहना है कि जांच करने आई पंजाब पुलिस ने अमृतपाल का फोटो दिखाकर पूछताछ की और यह भी कहा कि एक सप्ताह पहले उसके टेंपो में अमृतपाल बैठकर गया था। यह भी पूछा कि वह बेगमपुल से दौराला के बीच कहां उतरा। हालांकि टेंपो चालक ने कोई जानकारी नहीं होने की बात कही है।
टेंपो चालक ने बताया कि पांच दिन पहले वह अपने परिवार के साथ टेंपो गंगा स्नान करने के गया था। वापस लौटते समय टेंपो का एक्सीडेंट हो गया। उसके अगले दिन उसके मोबाइल पर फोन आया।
फोन करने वाले ने खुद को पंजाब पुलिस का बताकर उसे बेगमपुल पर बुलाया। उसके मना करने पर पंजाब पुलिस उसके घर पहुंच गई और वह पंजाब से भागे खालिस्तानी अमृतपाल सिंह के बारे में पूछते रहे।
टेंपो चालक अजय का कहना है कि मुझे कुछ याद नहीं है, जबकि पंजाब पुलिस दावा करती रही कि अमृतपाल मेरे ही टेंपो में बैठकर गया है। फिलहाल टीम मेरठ में डेरा डाले हुए है।
पंजाब में कुछ धर्मस्थल बने अमृतपाल सिंह और पप्पलप्रीत के लिए पनाहगाह
पंजाब में धार्मिक डेरे अमृतपाल सिंह और पप्पलप्रीत सिंह की पनाहगह बन गए हैं। यही वजह है कि पंजाब पुलिस के लंबे हाथ दोनों की गिरेबां तक नहीं पहुंच पाए हैं। हाल ही में पप्पलप्रीत सिंह की सीसीटीवी फुटेज भी वायरल हुई है, जो धार्मिक स्थल की डीवीआर से ली गई है। इतना ही नहीं, अमृतपाल सिंह ने जो वीडियो दो दिन पहले जारी की है, उसमें भी आखिर में धार्मिक स्थल से कीर्तन की आवाज आ रही थी।
अमृतपाल सिंह जब 18 मार्च को फरार हुआ था तो वह नंगल अंबियां गांव में एक धार्मिक स्थल में गया था, जहां पर उसने कपड़े बदले थे और बाइक ली थी। इसके बाद पीलीभीत में एक धार्मिक स्थल पर शरण ली और वहां से वापस कपूरथला आकर एक डेरे में रूके।
इससे पहले की पुलिस पहुंचती अमृतपाल सिंह व साथी वहां से निकलकर होशियारपुर के इलाके में एक धार्मिक स्थल में चले गए। वहां पर पनाह ली और वहां पर पुलिस पहुंचती, अमृतपाल सिंह व पप्पलप्रीत सिंह वहां से निकल गए।
पुलिस को इनपुट मिल रहे हैं कि अमृतपाल सिंह किसी धार्मिक स्थल पर ही शरण लेकर बैठा है। उसके साथ उसका एक पुराना ड्राइवर है जबकि पप्पलप्रीत अलग निकल चुका है। लिहाजा पुलिस की सादी वर्दी में कई टीमों का गठन किया गया है। कई धार्मिक स्थल पर सादी वर्दी में तैनात मुलाजिम धार्मिक स्थलों में गए और इसकी चेकिंग की।
पुलिस की तरफ से नाकेबंदी जारी
वहीं कई धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों ने मना कर दिया है, इसलिए उनके बाहर सादी वर्दी में सुरक्षा कर्मचारी तैनात कर दिए गए हैं। जालंधर के डीआईजी स्वप्न शर्मा का कहना है कि पुलिस की तरफ से नाकेबंदी जारी है और छानबीन की जा रही है। अमृतपाल व उसके साथी धार्मिक स्थलों की शरण ले रहे हैं, इसलिए पुलिस उन पर नजर रख रही है।
पीलीभीत का गुरकीरत गिरफ्तार, अमृतपाल सिंह को लेकर आया था पंजाब
जालंधर पुलिस ने अमृतपाल सिंह के ड्राइवर गुरकीरत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। गुरकीकरत सिंह मलूरूप से पीलीभीत का रहने वाला है और वहां से अमृतपाल सिंह को लेकर पंजाब आया था। गुरकीरत सिंह मूल रुप से साहनेवाल लुधियाना का रहने वाला है। वह परिवार सहित पीलीभीत धार्मिक स्थल पर चला गया था, जहां पर गाड़ी चलाने का काम करने लगा था। गुरकीरत सिंह ही उत्तराखंड की गाड़ी में अमृतपाल सिंह को लेकर पंजाब आया था।
अमृतपाल का जत्थेदार को सरबत खालसा बुलाने का आदेश पंथ विरोधी : राजासांसी
सिख पंथक बुद्धिजीवि व शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व सचिव रघुबीर सिह राजासांसी ने कहा कि सिख पंथ के समक्ष अगर कोई बहुत बड़ी चुनौतियां आ जाए और उसका हल निकला न दिखाई दे तो दुनिया भर के सिख संगठनों और जत्थेबंदियों का सरबत खालसा बुला कर मुश्किल का हल निकाला जाता है।
किसी एक व्यक्ति के कहने पर इतना बड़ा कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सकता, वह भी किसी व्यक्ति की निजी मर्जी पर।
श्रीअकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह को भी यह देखना चाहिए कि अमृतपाल सिर्फ एक निजी स्वार्थ के लिए सरबत खालसा बुलाने के लिए सिंह साहिब को एक वीडियों के माध्यम से आदेश दे रहा है। जो एक सिख के लिए ऐसा करना सही नही है। हर सिख श्री अकाल तख्त साहिब से आदेश लेता है नाकि अकाल तख्त साहिब पर तैनात सिंह साहिब को आदेश देता है।
रघुबीर सिंह राजासांसी कहते है कि जब श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह अमृतपाल को आत्मसमपर्ण करने को कहते है तो अमृतपाल सरेंडर करने की जगह अकाल तख्त के सरबत खालसा बुलाने का आदेश दे रहा है।जो कि सिख परंपराओं के खिलाफ है। दूसरा अमृतसर राज्य के सैंकडे युवाओं को पुलिस के पकडवा कर खुद फरार होकर, अपनी फरारी को सच साबित करने के लिए अपनी तुलना श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के साथ करता है कि गुरू साहिब भी किला छोड़ कर चले गए थे।
‘गुरू साहिब कहनी व करनी के पक्के थे’
यह अमृतपाल की एक निहायत ही घटिया सोच वाला बयान है। गुरू साहिब कहनी व करनी के पक्के थे। गुरू साहिब को कोई अमृतपाल जैसे साधारण व्यक्ति मुकाबला नही कर सकता। अमृतपाल तो अपनी कहनी व करनी का भी पक्का नहीं है। अपने भाषणों में अमृतपाल जो बोलता रहा, उस पर वह कायम ही नही रहा तो पंथ के युवा उस पर विश्वास कैसे करें। अमृतपाल का सरबत खालसा बुलाने का मक्सद अपना निजी है।
पंजाब से लेकर पीलीभीत तक अमृतपाल की तलाश
सीआईए स्टाफ और काउंटर इंटेलिजेंस की टीमें कई राज्यों में उसे खंगाल रही हैं। अमृतसर के श्री हरिमंदिर साहिब के आसपास और परिसर के अंदर 100 से अधिक पुलिस कर्मचारी सादे कपड़ों में तैनात किए गए हैं।
इनमें महिला पुलिसकर्मी भी हैं। गोल्डन प्लाजा में अतिरिक्त जवान तैनात किए गए हैं। अंदर जाने वाले सभी रास्तों पर केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान नजर रखे हुए हैं। जगह-जगह नाके लगाकर वाहनों की तलाशी ली जा रही है।
अमृतसर के 10 डेरों में दबिश, होटलों में भी जांच
अमृतपाल की तलाश में रविवार को अमृतसर के बाजारों और होटलों में जांच की गई। जिले में करीब 10 डेरों पर पुलिस ने दबिश दी। पुलिस पंजाब व आसपास के राज्यों के 320 डेरों व धार्मिक स्थलों पर लगातार नजर रख रही है। कुछ डेरों में तो सादे कपड़ों में 24 घंटे पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
श्री हरिमंदिर साहिब परिसर में बने गुरुद्वारा शहीदा साहिब में भी अतिरिक्त जवान लगाए गए हैं। वहीं, होशियारपुर में भी रविवार को तलाशी अभियान जारी रहा।
पीलीभीत के मोहनापुर गुरुद्वारे में छानबीन
वहीं, पंजाब की एसटीएफ ने पीलीभीत के मोहनापुर गुरुद्वारे में छानबीन की। जांच में गुरुद्वारा परिसर के 16 कैमरों में चार बंद मिले। रिकार्डिंग से छेड़छाड़ हुई है। एसटीएफ गुरुद्वारे से कैमरों की डीबीआर ले गई। पुलिस की एक टीम ने हिमाचल में छापे मारे हैं।
पंजाब की एसटीएफ का अमरिया व पूरनपुर में डेरा
सूत्रों ने बताया कि पिछले तीन दिन से पंजाब पुलिस की एसटीएफ अमरिया व पूरनपुर में डेरा जमाए है। एसटीफ को शक है कि फगवाड़ा से बरामद स्कॉर्पियो में ही अमृतपाल सवार होकर पंजाब पहुंचा है। गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर उत्तराखंड का था। गाड़ी पीलीभीत जिले के गुरुद्वारे के मुख्य ग्रंथी बाबा मोहन सिंह के नाम पंजीकृत थी।
गुरवंत सिंह हो चुका गिरफ्तार
मुख्य ग्रंथी बाबा मोहन सिंह ने बताया कि यह गाड़ी मोहनापुर गुरुद्वारे के सेवादार जोगा सिंह को दे रखी थी और वह ही सप्ताह भर पहले यह गाड़ी लेकर पंजाब गया था। उसके साथ ड्राइवर पंजाब के सानेवाल निवासी गुरवंत सिंह भी था। गुरवंत सिंह को पंजाब में गिरफ्तार किया जा चुका है।
केंद्रीय एजेंसियों से मांगी मदद
फरार होने के बाद अमृतपाल के जारी दो वीडियो के बारे में पंजाब पुलिस कोई खास सुराग नहीं जुटा पाई है। पंजाब पुलिस ने अब केंद्र से मदद मांगी है। जांच में पता चला है कि ये वीडियो दुबई, कनाडा, यूके व अन्य देशों से डाले गए हैं। पंजाब पुलिस ने इनके आईपी एड्रेस केंद्रीय जांच एजेंसियों को सौंप दिए हैं।
अमृतपाल को नेपाल नहीं भागकर पाकिस्तान जाना चाहिए था : सांसद सिमरनजीत सिंह
ख़ालिस्तान और उसके समर्थकों का समर्थन करने वाले यह भारत के सांसद है। pic.twitter.com/hsN273gj91
— Shobhna Yadav (@ShobhnaYadava) March 31, 2023
अमृतपाल सिंह का एक और नया CCTV
दिल्ली की सड़कों पर बिना पगड़ी घूमता दिखा
वीडियो 21 मार्च का, फुटेज में सहयोगी पापलप्रीत सिंह भी आ रहा नजर
कहा जा रहा है कि ये दोनों कुरुक्षेत्र के रास्ते दिल्ली आए #AmritpalSingh #AmritpalMisleadingPunjab #Amritpal_Singh pic.twitter.com/AZ9iyTw4Ar
— Ashwani Mishra🇮🇳 (@kashmirashwani) March 28, 2023