देश

ख़ालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के ख़िलाफ़ जारी कार्यवाही पर कनाडा और अमेरिका से आ रही प्रतक्रिया : रिपोर्ट

‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उनके साथियों को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस का अभियान जारी है.

पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को ‘भगोड़ा’ करार दिया है. पुलिस ने बताया है कि अब तक उनके 78 साथी पकड़े जा चुके हैं. पुलिस कार्रवाई में हथियार भी बरामद किए गए हैं.

गिरफ़्तार लोगों में से चार को पुलिस असम के डिब्रूगढ़ लेकर पहुंची है.

पुलिस ने अमृतपाल सिंह के साथियों के पास से आठ रायफल समेत नौ हथियार बरामद किए हैं, जिनमें एक रिवाल्वर भी शामिल है.

पंजाब में प्रशासन ने सोमवार दोपहर 12 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं. कई ज़िलों में धारा 144 लागू है

इस अभियान की शुरुआत पंजाब पुलिस ने शनिवार को जालंधर से की थी.

इस घटनाक्रम पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रियाएं आई हैं.

अमेरिका और कनाडा की राजनीति में सक्रिय कुछ सिख नेता पंजाब के हालात पर ‘चिंता’ जता रहे हैं और ‘मानवाधिकारों को बचाने’ की अपील कर रहे हैं.

कनाडा-अमेरिका में प्रतिक्रिया
कनाडा में न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह ने आरोप लगाया है कि भारत में ‘नागरिकों के अधिकारों का हनन हो रहा है और पंजाब में इंटरनेट बंद कर दिया गया है.’

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “मैं नागरिक अधिकारों के हनन और बाहर रह रहे कनाडा के लोगों की सुरक्षा को लेकर जस्टिन ट्रूडो (कनाडा के प्रधानमंत्री) और लिबरल सरकार से बात कर रहा हूं कि वे भारतीय समकक्षों से जल्द बात करें और उनके सामने इसे लेकर चिंता व्यक्त करे.”

कनाडा की कंजरवेटिव पार्टी के सांसद टिम एस. उप्पल ने अमृतपाल पर की जा रही कार्रवाई को लेकर ट्वीट किया है.

उन्होंने लिखा,”भारत के पंजाब से आ रही खबरों को लेकर चिंतित हूं. सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया है और कुछ इलाकों में चार से ज्यादा लोगों के एक साथ जमा होने पर पाबंदी लगा दी है. हम पंजाब के हालात पर नजर बनाए हुए हैं.”

क्या है मामला?
शनिवार को पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए जालंधर के शाहकोट इलाके में छापेमारी की थी.
पंजाब पुलिस अब तक ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के 78 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
अमृतपाल सिंह पुलिस की पकड़ से अभी भी बाहर हैं. उनकी तलाश के लिए पुलिस की कई टीमें काम कर रही हैं.
पंजाब के कई जिलों में धारा 144 लागू की गई है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है.
प्रशासन ने सोमवार दोपहर 12 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं.
जगह-जगह पर फ्लैग मार्च निकाला जा रहा है.

कनाडा के मिसिसॉगी-माल्टन से सांसद इकविंदर एस गहीर ने भी पंजाब से आ रही रिपोर्टों पर चिंता जाहिर की है.

उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “भारत के पंजाब में बड़े पैमाने पर इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है और चार से ज्यादा लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध लगा दिया है. लोकतंत्र में नागरिकों के अधिकार और स्वतंत्रता की सुरक्षा की जानी चाहिए.”

अमेरिका के न्यूयॉर्क में रविवार (19 मार्च) को अमृतपाल सिंह के समर्थन में रैली की गई. इस रैली के लिए जारी पोस्टर में अमृतपाल सिंह को ‘रिहा करने’ की मांग की गई है. हालांकि, अभी अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस की पकड़ से दूर हैं.

साथ ही लोगों से न्यूयॉर्क में 3ई 64 स्ट्रीट पर जमा होने की अपील की गई है.

यूनाइटेड सिख नामक एक संगठन ने ट्वीट किया है, “मानवाधिकार किसी भी लोकतंत्र का आधार होते हैं.”

संगठन ने आरोप लगाया है, “भारतीय राज्य मानवाधिकार उल्लंघन का नया रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है.”

संगठन ने पूछा, “अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी का आधार क्या है?”

अमृतपाल सिंह के खिलाफ कौन-कौन से मामले दर्ज हैं?
पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने बताया है कि ‘वारिस पंजाब दे’ के लोग चार आपराधिक मामलों में शामिल हैं. इनमें समाज में अस्थिरता पैदा करना, पूर्व नियोजित हत्या, पुलिसकर्मियों पर हमला और सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालना शामिल है.

पुलिस ने कहा कि पंजाब के अजनाला थाने पर हमले को लेकर ‘वारिस पंजाब दे’ के लोगों के खिलाफ 24 फरवरी को मुकदमा संख्या 39 दर्ज किया गया था.

अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों ने अपने सहयोगी तूफ़ान सिंह को रिहा कराने के लिए अमृतसर के अजनाला थाने का घेराव किया था.

तब अमृतपाल सिंह अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ थाने पहुँचे थे. इनमें कुछ के पास बंदूकें और तलवारें भी थीं.

विवादों में रहे हैं अमृतपाल सिंह

अमृतपाल सिंह अपने बयानों और मांगों को लेकर लगातार विवादों में रहे हैं.

अमृतपाल सिंह दावा करते हैं कि खालिस्तान की उनकी मांग “बिल्कुल जायज़ है, क्योंकि सिख भारत में आज़ाद नहीं हैं.”

अपनी दस्तारबंदी के समय उन्होंने कहा, “यह वादा है आपसे कि हमारे शरीर में जो लहू है उसका एक-एक क़तरा आपके चरणों में बहेगा, पंथ की आज़ादी के लिए बहेगा.”

अमृतपाल पर आरोप है कि वो ऐसा कहकर सिखों की भावना को भड़काते हैं. वैसे वो नशे के ख़िलाफ़ भी बहुत बात करते हैं और युवाओं से इसे छोड़ने की बात करते हैं.

एक भाषण में वो महिलाओं को फैशन के पीछे न भागने की सलाह देते सुनाई देते हैं.

वो कहते हैं, “बहनों और महिलाओं से अपील है. जो यह फ़ैशन है, वो आता-जाता रहता है और वो बदलता रहता है. 10 साल पहले पटियाला सूट का फैशन था, वो अब बदल गया, लेकिन महाराज की वाणी 350 साल से चल रही है, वो नहीं बदली.”

पंजाब में पिछले सालों में ऐसी कई घटनाएँ हुई हैं, जहाँ प्रदर्शनकारियों के सामने पुलिसकर्मी बेबस नज़र आए हैं.

कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था, ‘धरना देने का तो चलन बनता जा रहा है. इससे लोगों को परेशानी भी हो रही है.’

अमृतपाल सिंह कौन हैं?
29 साल के अमृतपाल सिंह ‘खालिस्तान समर्थक’ माने जाते हैं. पिछले साल एक्टर-एक्टिविस्ट दीप सिंह सिद्धू की मौत के बाद ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन की कमान संभालने वो दुबई से लौटे थे.

पिछले साल ही अमृतपाल सिंह को दीप सिंह सिद्धू की ओर से गठित संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख चुना गया था.

मशहूर पंजाबी एक्टर दीप सिंह सिद्धू किसान आंदोलन के दौरान चर्चा में आए थे. बाद में एक सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी.

मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में अमृतपाल सिंह ने बताया कि उनका जन्म और पालन-पोषण अमृतसर के जादू खेड़ा गांव में हुआ है. उनकी शादी 10 फरवरी 2023 को बाबा बकाला में हुई थी.

निजता का हवाला देते हुए उन्होंने अपनी पत्नी और परिवार के बारे में नहीं बताया और कहा कि मीडिया को भी उनकी निजी जिंदगी में दखल देने से बचना चाहिए.

अमृतपाल सिंह के मुताबिक़ स्कूली शिक्षा के बाद वे रोज़गार की तलाश में दुबई चले गए थे. उनका कहना है कि वे आसानी से लोगों से घुलते-मिलते नहीं हैं और न ही उनके ज़्यादा दोस्त हैं.

एक इंटरव्यू के मुताबिक़, उन्होंने दावा किया कि दुबई में रहते हुए उन्होंने वहां की वो मशहूर इमारतें भी नहीं देखीं, जिन्हें देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं.

पढ़ाई के बारे में उनका कहना है कि स्कूल के दौरान उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता था और इसके बाद वे दुबई चले गए जिसके बाद उन्हें दोबारा समय नहीं मिला.

हालांकि, एक दूसरे इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज में भी तीन साल बिताए लेकिन कभी इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल नहीं की.

PM Narendra Modi ⚪️
@ModiIndianFans
RT
@AskAnshul
: 5) Remember toolkit during farmers’ protest? It was made by Poetic Justice Foundation (PJF) PJF founder Mo Dhaliwal from Canada said that the battle of Khalistan movement begins with the repeal of farm laws. Now, he’s running propaganda ov…

D-Intent Data
@dintentdata
Politicians and Khalistan separatists from Canada setting up their propaganda to defend the Khalistanis sympathizer Amritpal Singh. One such is NDP’s Jagmeet Singh, whose brother-in-law donated $13,000 to group organizing Canada trucker’s freedom convoy

Abhishek Singhvi
@DrAMSinghvi
Mar 18
If the news of arrest of Amritpal Singh in Punjab is correct I would like to congratulate the AAP government for taking necessary action. It is important that this Khalistan movement is nipped in the bud at the earliest possible. Let Australia & Canada make Khalistan.