न्यूयॉर्क, 27 मार्च (भाषा) भारत में फरार अलगाववादी अमृतपाल सिंह के समर्थन में अमेरिका में न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर बड़ी संख्या में खालिस्तान समर्थकों ने प्रदर्शन किया।.
Ashok Swain
@ashoswai
Mar 27
Punjab police are still looking for him in India, but Amritpal Singh’s photo in New York’s Times Square.
https://twitter.com/i/status/1640009399996653569
प्रदर्शनकारियों ने रिचमंड हिल इलाके में स्थित बाबा मखान शाह लुबना सिख सेंटर से एक कार रैली निकाली जो रविवार दोपहर को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मैनहट्टन शहर के प्रसिद्ध टाइम्स स्क्वायर पर खत्म हुई।.
World Times
@WorldTimesWT
Amid tight security, a significant number of Khalistan supporters held a protest in Times Square, demonstrating their backing for the fugitive radical preacher Amritpal Singh. The protesters initiated a car rally from the Baba Makhan Shah Lubana Sikh Centre situated in the…
https://twitter.com/i/status/1640313192629825536
अमृतपाल सिंह के नेपाल में छिपे होने की आशंका, भागने न देने का भारत का नेपाल से अनुरोध
काठमांडू, 27 मार्च (भाषा) भारत ने नेपाल सरकार से अनुरोध किया है कि वह भगोड़े कट्टरपंथी अलगाववादी अमृतपाल सिंह को किसी तीसरे देश में भागने की अनुमति न दे और यदि वह भारतीय पासपोर्ट या किसी अन्य फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके भागने का प्रयास करता है, तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाये। मीडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी गयी है।.
ऐसा माना जा रहा है कि अमृतपाल नेपाल में छिपा है।
Another billboard of #Khalistani #AmritpalSingh on Times Square, NY. pic.twitter.com/83vAmQFvzE
— Stop Hindu Hate Advocacy Network (SHHAN) (@HinduHate) March 27, 2023
अमेरिका के गुरुद्वारे में दो लोगों को गोली मारी
न्यूयार्क (अमेरिका), 27 मार्च (भाषा) अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में स्थित एक गुरुद्वारे में दो लोगों को गोली मार दी गई है। अधिकारियों ने घटना का संबंध ‘नफरती अपराध’ से होने से इनकार किया है।.
सैक्रामेंटो काउंटी शेरिफ कार्यालय के प्रवक्ता सार्जेंट अमर गांधी के मुताबिक, गोलीबारी गुरुद्वारा सैक्रामेंटो सिख सोसाइटी में रविवार दोपहर ढाई बजे हुई। घटना गुरुद्वारे में पहले नगर कीर्तन के दौरान हुई।.
Rahul Gandhi
@RahulGandhi
LIC की पूंजी, अडानी को!
SBI की पूंजी, अडानी को!
EPFO की पूंजी भी, अडानी को!
‘मोडानी’ के खुलासे के बाद भी, जनता के रिटायरमेंट का पैसा अडानी की कंपनियों में निवेश क्यों किया जा रहा है?
प्रधानमंत्री जी, न जांच, न जवाब! आख़िर इतना डर क्यों?