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कड़कड़ाती धूप में भूखे प्यासे किसानों के लिये मसीहा बने मुंबई के मुसलमान-मान ली सरकार ने माँगे

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में कर्जमाफी की मांग और सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान नासिक से मुंबई पहुंच चुके हैं। अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे 30,000 से अधिक किसान आज मुंबई में विधानसभा का घेराव करेंगे। यहां तक पहुंचने में उनको बेशक कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है। लेकिन दृणसंकल्प से चले इन किसानो ने हार नहीं मानी और चलते रहे। इन किसानो को मदद करने के लिए मुंबई के मुसलमानों का एक समूह आगे आया है। मुसलमानों ने इन हजारों किसानों के लिए भोजन और अन्य जरूरत के सामानों की आपूर्ति की।

ये किसान 200 किलीमीटर की पद यात्रा कर मुंबई पहुंचे

एक फेसबुक यूजर ने इस समूह से बातचीत कर जानकारी जुटाने की कोशिश की। उन्होंने इससे जुडी तस्वीरें और वीडियो भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया। अपने मांगों को मनवाने के लिए ये किसान 200 किलीमीटर की पद यात्रा कर मुंबई पहुंचे हैं।

राहुल गांधी का बयान

वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए इसे पूरे देश की समस्या बताया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि यह केवल महाराष्ट्र के किसानों की मांग नहीं, बल्कि समूचे देश के किसानों की आवाज है।

सरकार ने मानी माँग

विधान भवन के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा, ‘कृषि उपयोग में लाई जाने वाली वन भूमि आदिवासियों और किसानों को सौंपने के लिए हम समिति बनाने पर सहमत हो गए हैं. विधान भवन में आज किसानों और आदिवासियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई. हम कृषि भूमि आदिवासियों को सौंपने के लिए समिति बनाने पर सहमत हो गए हैं बशर्ते वे 2005 से पहले जमीन पर कृषि करने के सबूत मुहैया कराएं. हमने उनकी लगभग सभी मांगें मान ली हैं.’इससे पहले सोमवार को फडणवीस ने कहा था कि उनकी सरकार किसानों के मुद्दे के प्रति संवेदनशील और सकारात्मक है. किसानों के लंबे मार्च पर विधानसभा में चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, ‘इसमें हिस्सा लेने वाले करीब 90 से 95 फीसदी लोग गरीब आदिवासी हैं।

वे वन भूमि पर अधिकार के लिए लड़ रहे हैं. वे भूमिहीन हैं और खेती नहीं कर सकते. सरकार उनकी मांगों के प्रति संवेदनशील और सकारात्मक है.’महाराष्ट्र के कई हिस्से में सूखे की स्थिति है और गांवों में कर्ज के चलते लोग आत्महत्याएं करते हैं. उन्होंने कहा, ‘प्रदर्शनकारियों की मांगों पर चर्चा करने के लिए एक मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया गया है. हम उनकी मांगों को समयबद्ध तरीके से हल करने का निर्णय करेंगे.’

माकपा से जुड़ा संगठन अखिल भारतीय किसान सभा प्रदर्शन की अगुवाई कर रहा है. किसानों ने बिना शर्त ऋण माफ करने और वन भूमि उन आदिवासी किसानों को सौंपने की मांग की है जो वर्षों से इस पर खेती कर रहे हैं.माकपा नेता अशोक धावले ने कहा कि किसान स्वामीनाथन समिति की अनुशंसा को लागू करने की भी मांग कर रहे हैं जिसने कृषि लागत मूल्यों से डेढ़ गुना ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने की अनुशंसा की है।

किसानों ने नासिक, ठाणे और पालघर जिले में नदियों को जोड़ने की योजना में बदलाव की भी मांग की है ताकि आदिवासियों की जमीन नहीं डूबे और इस योजना से जल इन इलाकों और अन्य सूखाग्रस्त जिलों को मुहैया कराई जा सके.वे हाई स्पीड रेलवे और सुपर हाईवे सहित परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण करने का भी विरोध कर रहे थे. किसानों का समर्थन कांग्रेस, एनसीपी, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और शिवसेना भी कर रही थी जो राज्य और केंद्र में बीजेपी नीत सरकार में शामिल