साहित्य

क्योंकि सारा #मुद्दा पैसे का ही है ………….BY-Versha Varshney

क्योंकि सारा #मुद्दा पैसे का ही है ………….
Versha Varshney
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###जरूरी #नहीं कि आप मेरी बात से #सहमत हों क्योंकि सारा #मुद्दा पैसे का ही है ………….
✍️✍️आपने कभी नहीं सुना होगा कि ससुर बहू पर भड़कता है । लड़ाई हमेशा सास बहू में ही होती है क्योंकि दोनों ही एक जैसी परिस्थितियों का सामना करती आई हैं । घर में पैसा लाने वाला बेटा होता है तो दोनों ही चाहती हैं कि कहीं वो मेरे हाथ से न निकल जाए और सारा झगड़ा ही इस बात का होता है । यदि सास भी आत्मनिर्भर है और बहू भी तो वहाँ पर ये झगड़े कम दिखाई देते हैं । सारा मुद्दा ही पैसे का है । एक और गहरी बात सास अपना सारा बदला अपनी बहू से निकालना चाहती है कि मेरी सास ने मेरे साथ ऐसा किया तो मैं भी यही करुंगी और ये कहानी पीढ़ी दर पीढ़ी चलती ही रहती है क्योंकि न कभी बहू को अच्छी सास मिली न सास को कभी अच्छी बहू । आज भी भारत के अधिकतर घरों में मुख्य मुद्दा ही यही है । न सास बहू को बेटी मानना चाहती न बहू सास को माँ । अगर सास बहू से कुछ कहती है तो उसे भी समझना होगा कि क्या मेरी माँ मुझे नहीं डाँटती ,इसी तरह अगर बहू से कुछ गलती होती है तो सास को भी समझना चाहिए कि मेरी बेटी से भी तो गलतियाँ होती हैं लेकिन नहीं दोनों ही अपनी जिद पर अड़ी रहती हैं और ताउम्र इन सबके बीच में घर के पुरुष पिसते ही रहते हैं । प्रेम ही इन सब बातों का समाधान है वरना लड़ाईयां सिर्फ कड़वाहट को ही जन्म देती हैं ।
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़
Versha Varshney