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क्यों खड़ा हो रहा है, महाराष्ट्र कर्नाटक सीमा विवाद, भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के बाद से सीमा विवाद के मुद्दे जारी हैं : रिपोर्ट

महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा मुद्दे को उछालने का मकसद ‘मुख्य खबरों’ से ध्यान हटाना तो नहीं : राज ठाकरे

कोल्हापुर, 29 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने मंगलवार को आश्चर्य जताते हुए कहा कि कहीं महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद जैसे मुद्दों को उछालने का मकसद ‘‘मुख्य खबरों’’ से ध्यान भटकाना तो नहीं है।.

1960 के दशक में भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के बाद से सीमा विवाद के मुद्दे जारी हैं।.

महाराष्ट्र सूचना केंद्र
@MahaMicHindi

महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के लिए सांसद
@mpdhairyasheel
को विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति। इस अवसर पर मुख्यमंत्री
@mieknathshinde
जी ने सांसद श्री. माने जी को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया।


महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवादः मंत्री चंद्रकांत पाटिल करेंगे कर्नाटक का दौरा

महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल और शंभुराज देसाई तीन दिसंबर को बेलगाम में मध्यवर्ती महाराष्ट्र एकीकरण समिति के कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और कर्नाटक के साथ दशकों पुराने सीमा विवाद पर उनसे बातचीत करेंगे

नेशनल डेस्कः महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल और शंभुराज देसाई तीन दिसंबर को बेलगाम में मध्यवर्ती महाराष्ट्र एकीकरण समिति के कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और कर्नाटक के साथ दशकों पुराने सीमा विवाद पर उनसे बातचीत करेंगे। दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद पर अदालती मामले के संबंध में कानूनी टीम के साथ समन्वय करने के लिए पाटिल और देसाई को सीमा विवाद के वास्ते समन्वय मंत्री बनाया गया है।

पाटिल ने ट्विटर पर कहा कि मध्यवर्ती महाराष्ट्र एकीकरण समिति की ओर से सीमा मुद्दे पर चर्चा करने की मांग की गई थी। मंत्री ने समिति के एक पत्र के साथ ट्वीट किया, ‘‘इसके अनुसार समन्वय मंत्री शंभुराज देसाई और मैं तीन दिसंबर को बेलगाम का दौरा करेंगे और चर्चा करेंगे। चलिए मुलाकात करते हैं। चर्चा से निश्चित रूप से एक रास्ता निकलेगा।”

हाल के एक सरकारी प्रस्ताव के अनुसार, मंत्री उस समिति के साथ समन्वय के लिए जिम्मेदार होंगे जो कर्नाटक में मराठी भाषी क्षेत्रों का राज्य के साथ विलय चाहती हैं। प्रस्ताव में कहा गया है कि पाटिल और देसाई कर्नाटक के उन 865 गांवों के निवासियों की समस्याओं पर भी गौर करेंगे।

पाटिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता हैं, जबकि देसाई शिवसेना के बालासाहेबंची शिवसेना गुट के सदस्य हैं। दोनों पश्चिमी महाराष्ट्र के निवासी हैं। महाराष्ट्र 1960 में अपनी स्थापना के बाद से, कर्नाटक के साथ बेलगाम (जिसे बेलगावी भी कहा जाता है) जिले और 80 अन्य मराठी भाषी गांवों को लेकर विवाद में उलझा हुआ है। बेलगाम और ये गांव कर्नाटक में हैं।

sanjay kumar sahay
@sksahay
शामिल वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के साथ चर्चा की। बोम्मई ने कहा, ‘‘मैं सीमा विवाद पर रोहतगी से मिला हूं, महाधिवक्ता ने चीजों की जानकारी दी है। मैंने भी महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा मुद्दे की पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी साझा की और हमने कानूनी स्थिति पर चर्चा की।

महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा मुद्दे पर भड़के राज ठाकरे

कोल्हापुर: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने मंगलवार को आश्चर्य जताया कि क्या महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद जैसे मुद्दों को “मुख्य समाचार” से ध्यान हटाने के लिए उठाया जा रहा है। भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के बाद सीमा विवाद 1960 के दशक का है। मामला 30 नवंबर को सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आ रहा है।

“मुझे समझ में नहीं आता कि यह मुद्दा बार-बार और अचानक क्यों उठता है। यह मुद्दा वर्तमान में उप-न्यायिक है। मैंने पढ़ा है कि दिल्ली में कुछ बैठकें चल रही हैं। यह जांचने की आवश्यकता है कि क्या कोई जानबूझकर इस प्रकार के मुद्दों को सामने ला रहा है।” मुख्य समाचार से ध्यान भटकाने के लिए बार-बार आगे आए,” उन्होंने पत्रकारों से दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद के बारे में पूछे जाने पर कहा।

सीमा विवाद महाराष्ट्र के बेलगावी के दावे से संबंधित है जो तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था क्योंकि इसमें मराठी भाषी आबादी का एक बड़ा हिस्सा है। इसने 80 मराठी भाषी गांवों पर भी दावा किया जो वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा हैं।

इस बीच, ठाकरे ने यह भी दोहराया कि मनसे मुंबई में आगामी निकाय चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ेगी।

यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी गठबंधन में बीएमसी चुनाव लड़ेगी, उन्होंने कहा, “हम (बीएमसी) चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ेंगे। मैंने पहले भी इसकी घोषणा की थी।”

महाराष्ट्र के राज्यपाल बीएस कोश्यारी द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज को “पुराने समय का प्रतीक” कहने के बारे में पूछे जाने पर, ठाकरे ने आश्चर्य व्यक्त किया कि क्या “कोई महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए राज्यपाल को एक स्क्रिप्ट देता है”।

“राज्य की एक इंच जमीन भी नहीं जाने देंगे” : महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर बोले एकनाथ शिंदे

25 नवम्बर
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मुंबई: महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद को लेकर चल रहे विवाद के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार महाराष्ट्र की एक इंच जमीन भी किसी की नहीं ले जाने देगी. गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा, “हम सीमावर्ती क्षेत्रों में मराठी लोगों को न्याय दिलाने का काम कर रहे हैं. महाराष्ट्र से एक इंच भी जगह नहीं जाने दी जाएगी.” उन्होंने कहा, “40 गांवों की समस्याओं को हल करना हमारी सरकार की जिम्मेदारी है.”

इससे पहले, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की टिप्पणी की आलोचना की थी. ठाकरे ने शिंदे पर भी कटाक्ष करते हुए कहा था, ‘‘क्या हमने अपना साहस खो दिया है, क्योंकि कर्नाटक के मुख्यमंत्री आसानी से महाराष्ट्र के गांवों पर दावा कर रहे हैं.”

इससे पहले कर्नाटक के सीएम बोम्मई ने पहले कहा था कि सीमा रेखा महाराष्ट्र में एक राजनीतिक उपकरण बन गई है, और सत्ता में कोई भी पार्टी राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस मुद्दे को उठाएगी. बोम्मई ने कहा था कि मेरी सरकार कर्नाटक की सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है और उसने कदम भी उठाए हैं. बोम्मई ने दावा किया कि महाराष्ट्र के सांगली जिले के कुछ गांव, जो पानी के संकट से जूझ रहे हैं, ने कर्नाटक के साथ विलय की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है. इसी के बाद दोनों राज्यों के नेताओं के बीच विवाद शुरू हुआ.

हालांकि, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने बोम्मई के दावों का खंडन किया और कहा कि किसी गांव ने हाल ही में कर्नाटक के साथ विलय की मांग नहीं की है.

AIR News Aurangabad
@airnews_arngbad

#कोल्हापूर – महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमाप्रश्नी सर्वोच्च न्यायालयात उद्या सुनावणी होणार आहे. त्या पार्श्वभूमीवर महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा भागावर पोलीस बंदोबस्त तैनात करण्यात आला आहे. यावेळी पोलिसांकडून भागातील बस वाहकांसह प्रवाशांना पुष्प देवून स्वागत केले जात आहे.


SANDEEP DWIVEDI
@sandeeep_NN

महाराष्ट्र कर्नाटक सीमा विवाद मामले पर सभी राजनैतिक दलो को एक साथ आना चाहिए
कर्नाटक के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि उल्टा चोर कोतवाल को डाटे
महाराष्ट्र कर्नाटक सीमा विवाद मामले पर महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल ने कहा