

Geeta Baisoya ·
Geeta Baisoya
Related Articles
….आख़िर तुम्हारा भाई मरा कैसे”
जल्दी करो, जल्दी करो, देर हो रही है… कितनी देर लगाती हो एक टिफ़िन देने में”…..प्रफुल्ल बाबू ने झल्लाते हुए अपनी पत्नी मीतू से कहा । “आ गई, आ गई….अब आसमान सिर पर मत उठाईये… लीजिए अपना टिफ़िन , ख़ुद सुबह उठने में देर करते हैं औऱ सारा दोष मेरे मत्थे मड़ देते हैं…. इसे […]
*”अनपढ़ जाट पढ़ा जैसा, पढ़ा जाट खुदा जैसा”*
Dr.vijayasingh ============= ,*अनपढ़ जाट पढ़ा जैसा, पढ़ा जाट खुदा जैसा”* जाने और गर्व करें ये कहावत अमीर खुसरो ने क्यों कही थी
यह घटना सन् 1270-1280 के बीच की है । दिल्ली में बादशाह बलबन का राज्य था । उसके दरबार में एक अमीर दरबारी था । जिसके तीन बेटे थे । उसके […]
मेढकी ने लिखा ख़त मेढक को…..हास्य कथा-जयचन्द प्रजापति ’जय’ दुवारा
जयचंद प्रजापति ====== हास्य : मेढकी ने लिखा खत मेढक को ………… आखिर बारिश इतनी तेज हुई कि मेढक अपने मेढकी से बहुत दूर चला गया। अब एक तालाब में मेढकी दूसरे तालाब में मेढक के चले जाने से मेढकी को बहुत चिन्ता है। निराशा छा गयी है। इस भयंकर बारिश को गालियां मेढकी देर […]