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दुखी क्यों हो यशोदा, दूसरे की बस्तु पर अपना क्या अधिकार?
R. S. Gupta ================== नंद बाबा चुपचाप रथ पर कान्हा के वस्त्राभूषणों की गठरी रख रहे थे। दूर ओसारे में मूर्ति की तरह शीश झुका कर खड़ी यशोदा को देख कर कहा- दुखी क्यों हो यशोदा, दूसरे की बस्तु पर अपना क्या अधिकार? यशोदा ने शीश उठा कर देखा नंद बाबा की ओर, उनकी आंखों […]
घर का रास्ता!
Harish Yadav ========== घर की रहिया/घर का रास्ता! दोनों तरफ हरे भरे अन्न से लदे खेतों के बीच जाता वो कच्चा सा रास्ता जो हर बारिश में सिर्फ एक लीक बनकर रह जाता है। सर्दियों में जब ओस की बूंदे उस राह में उगी दूब पर मोतियों सदृश टक जाती है तो उस राह से […]
जोरू का गुलाम
Madhu Singh ============== #पति_पत्नी_का_प्रेम एक सेठ जी थे उनके घर में एक गरीब आदमी काम करता था जिसका नाम था रामलाल जैसे ही राम लाल के फ़ोन की घंटी बजी रामलाल डर गया। तब सेठ जी ने पूछ लिया ?? “रामलाल तुम अपनी बीबी से इतना क्यों डरते हो?” “मै डरता नही सर् उसकी कद्र […]