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क्या इस्लाम धर्म, क्रिश्चियन धर्म, बौद्ध धर्म, सिख धर्म इत्यादि हिन्दू धर्म से पैदा हुए है, सरदार मेघराज सिंह का एक ख़ास विश्लेषण!

Meghraj Singh
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क्या इस्लाम धर्म क्रिश्चियन धर्म बौद्ध धर्म सिख धर्म इत्यादि यह धर्म हिन्दू धर्म से पैदा हुए है इस विषय पर एक ख़ास विश्लेषण ——-
मनुवादी हिंदुओं को सबसे बड़ी ग़लतफ़हमी यह है कि इस्लाम धर्म क्रिश्चियन धर्म बौद्ध धर्म सिख धर्म यह सब हिंदू धर्म से पैदा हुए हैं ।
इस्लाम धर्म क्रिश्चियन धर्म बौद्ध धर्म सिख धर्म किसी भी धर्म से पैदा नही हुए हैं इन सभी धर्मों का अपना अपना वजूद है और यह सब एक रब ने पैदा किए हैं और यह सभी धर्म रब की मर्ज़ी से पैदा हुए हैं ।

जैसे की उदाहरण के तौर पर —-
जैसे कि पूरे विश्व के अंदर फूलों के पौधे अलग अलग हैं और फूल भी अलग अलग रंग के हैं कोई भी फूल किसी भी फूल का हिस्सा नहीं है या किसी भी फूल से कोई भी फूल पैदा नहीं हुआ है उनका अपना अपना वजूद है पर सभी फूलों के पौधे हैं एक ही धरती पर पैदा हुए हैं ।

वैसे ही पूरे विश्व के अंदर इस्लाम धर्म क्रिश्चियन धर्म बौद्ध धर्म सिख धर्म इत्यादि धर्मो के रीति रिवाज़ अलग अलग है धर्मो के नियम अलग अलग है सभी धर्मों का अपना अपना वजूद है पर सभी धर्म एक ही रब ने पैदा किए हैं ।

जैसे पूरे विश्व के अंदर जितने भी पेड़ है वह सब अलग अलग है कोई भी पेड़ किसी भी पेड़ का हिस्सा नहीं है पर तक़रीबन सब पेड़ों के पत्ते हरे हैं और उनकी बक्कल भूरी है पर कोई भी पेड़ किसी पेड़ से पैदा नहीं हुआ है उन सबका अपना अलग अलग वजूद है पर वह सभी एक ही धरती से पैदा हुए हैं ।
वैसे ही पूरे विश्व के अंदर इस्लाम धर्म क्रिश्चियन धर्म बौद्ध धर्म सिख धर्म इत्यादि इन सभी धर्मों के लोगों की सोच अलग अलग है बोल चाल अलग अलग है धर्म के कर्म अलग अलग है पर उन धर्म ग्रंथों में सच्चाई का ज्ञान है और यह सभी धर्म ग्रंथ एक रब का गुणगान करते हैं इसीलिए सभी धर्मों का वजूद अलग अलग है पर सभी धर्म एक रब के पैदा की हुए है ।

जब विश्व के अंदर कोई भी फूल किसी दूसरे फूल से पैदा नहीं हो सकता ।

तब कोई भी धर्म किसी दूसरे धर्म से कैसे पैदा हो सकता है ।

जब कोई भी पेड़ किसी दूसरे क़िस्म के पेड़ से पैदा नहीं हो सकता ।

तब कोई भी धर्म किसी भी धर्म से कैसे पैदा हो सकता है ।

कुछ महत्वपूर्ण शायरी
जिस धर्म के अंदर ऊंच नीच भेदभाव और नफ़रत है वह धर्म नहीं है अधर्म है ।
जिस धर्म के अंदर समानता है अपनापन और मोहब्बत है वही धर्म है ।
जिन ग्रंथों में बेगुनाहों के ऊपर ज़ुल्म करना दूसरो का हक़ मारना लिखा हुआ है वह धार्मिक ग्रंथ नहीं है ।
जिन ग्रंथों में जुर्म के खिलांफ लड़ना सच्चाई का रास्ता दिखाना और बेगुनाहों को बचाना लिखा हुआ है वही धार्मिक ग्रंथ है ।
नोट—इस्लाम धर्म क्रिश्चियन धर्म बौद्ध धर्म सिख धर्म यह सब धर्म हिन्दू धर्म से बिलकुल भी पैदा नहीं हुए है और नाही यह सब धर्म हिन्दू धर्म का हिस्सा है अगर कोई भी इंसान इन धर्मों को हिंदू धर्म का हिस्सा साबित कर देगा उसको हम 10, लाख रुपये इनाम के देंगे इनाम जीतने के लिए और विचार चर्चा करने के लिए इस नंबर पर संपर्क करें ।
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( M S Khalsa)