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क्या आप लोगों लगता है प्रियंका चतुर्वेदी ने शिवसेना (UBT) को वोट किया होगा, उद्धव ठाकरे को ऐसे नेताओं को बाहर निकालना चाहिए!

Kranti Kumar
@KraantiKumar
क्या BJP के किसी नेता आज तक कहा है : उद्धव ठाकरे या राहुल गांधी महान नेता हैं. या उनके फेवरिट पॉलिटिशियन हैं.

क्या BJP के किसी नेता ने कहा है : बहन मायावती, लालू प्रसाद यादव या मुलायम सिंह यादव महान नेता हैं.

BJP ने नेता ही नही, यहां तक नरेंद्र मोदी और अमित शाह, गांधी परिवार को अपमानित करते हैं.

शिवसेना (UBT) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कुछ महीनों पहले एक पॉडकास्ट में कहा था “MODI जी महान नेता है”

जब BJP के नेता उद्धव ठाकरे या राहुल गांधी या उनके दादी और नाना में महानता नजर नही आती तो प्रियंका चतुर्वेदी को MODI जी में ऐसी कौन सी महानता नजर आयी ?

क्या आप लोगों लगता है प्रियंका चतुर्वेदी ने शिवसेना (UBT) को वोट किया होगा. उद्धव ठाकरे को ऐसे नेताओं को बाहर निकालना चाहिए.

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Kranti Kumar
@KraantiKumar
मंदिर मस्जिद दोनों जरूरी है. धर्म स्थलों की रक्षा के लिए कानून है, न्यायपालिका, संविधान, पुलिस और प्रशासन है.

यह सब काम क्रांति कुमार का नही है. और ना ही आप लोगों का है. मैं आराम से इतिहास पढ़ रहा हूँ.

मेरे दोनों बच्चे घर पर पढ़ाई कर रहे हैं.

आज संडे है, मटन🐐 बनाने का पवित्र दिन है. मुझे एवोकाडो🥑 या रोहू🐟 खाना पसंद नही है.

घर पर मटन🐐 बन रहा है. सांप्रदायिक राजनीति नेताओं के बेटी बेटे आगे आकर करें.

रही बात क्रांति कुमार की तो वो किसी पार्टी का झंडा नही उठाएगा, वो मटन खाएगा और X पर पोस्ट लिखेगा.

कवि क्या कहना चाहता है आप लोग समझ रहे है न ?

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Kranti Kumar
@KraantiKumar
हिन्दू धर्म और मस्जिद बचाने की जिम्मेदारी गरीब हिन्दू और पसमांदा मुसलमानों के कंधों पर ही क्यों ?

नेता व्यापार करते हैं और नेताओं के बच्चे ऑक्सफ़ोर्ड, कैम्ब्रिज और स्विट्जरलैंड में पढ़ते हैं.

क्या हिन्दू धर्म और मस्जिद बचाने की जिम्मेदारी नेताओं के बच्चों पर नही है.

नेताओं के बच्चे क्यों नही गौ रक्षक, कारसेवक बनकर धर्म बचाने के लिए आगे आते हैं.

मंदिर मस्जिद के नाम पर आखिर कब तक केवल,

चंदन गुप्ता
गोपाल मिश्रा
बिलाल
नईम

ही बलि का बकरा बनते रहेंगे.

युवाओं से बिनती सांप्रदायिक विवाद से दूर रहें. अपने पढ़ाई लिखाई और व्यापार पर ध्यान दें.

डिस्क्लेमर : सभी पोस्ट सोशल मीडिया X से प्राप्त हैं, लेखक के निजी विचार हैं, तीसरी जंग का कोई सरोकार नहीं है