इसराइली डिफ़ेंस फ़ोर्सेज़ (आईडीएफ़) ने दावा किया है कि हिज़्बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह मारे गए हैं.
आईडीएफ़ ने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर पोस्ट किया है, ”हसन नसरल्लाह अब दुनिया को आतंकित नहीं कर पाएंगे.”
हालांकि हिज़्बुल्लाह की ओर इस ख़बर को लेकर न तो पुष्टि और न ही खंडन का बयान आया है.
हसन नसरल्लाह पर ये स्टोरी 5 नवंबर 2023 को पहली बार प्रकाशित की गई थी.
हसन नसरल्लाह एक शिया आलिम (धार्मिक विद्वान) हैं जो लेबनान में हिज़बुल्लाह ग्रुप के प्रमुख हैं. इस ग्रुप को इस समय लेबनान के सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक दलों में गिना जाता है जिसकी अपनी सशस्त्र विंग भी है.
हसन नसरल्लाह को, जो लेबनान और दूसरे अरब देश दोनों जगह लोकप्रिय हैं, हिज़बुल्लाह का केंद्रीय चेहरा माना जाता है. उन्होंने इस समूह के इतिहास में निर्णायक भूमिका निभाई है.
उनके ईरान और अली ख़ामनेई के साथ बहुत निकट के और विशेष संबंध हैं. इस वास्तविकता के बावजूद कि हिज़बुल्लाह को अमेरिका की ओर से आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल किया गया है, न तो ईरान के नेताओं और न ही नसरल्लाह ने अपने निकट संबंधों को कभी छिपाया.
हसन नसरल्लाह के जितने उत्साही समर्थक हैं उतने ही उनके दुश्मन भी हैं. इसी वजह से वह इसराइल के हाथों मारे जाने के भय से वर्षों से सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आए. लेकिन इसी वजह से उनके समर्थक उनके भाषणों से वंचित रहते हैं.
ऐसे भाषण वास्तव में ताक़त के इस्तेमाल के लिए नसरल्लाह का महत्वपूर्ण हथियार हैं और इस तरह वह लेबनान और दुनिया की विभिन्न समस्याओं पर टिप्पणी करते हैं और अपने प्रतिद्वंद्वियों पर दबाव डालने की कोशिश करते हैं.