सेहत

कोविड महामारी ने लोगों का औसत जीवन 1.6 साल कम कर दिया, मृत्युदर पुरुषों में 22% और महिलाओं में 17% बढ़ गई : अध्ययन

कोरोना महामारी ने वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य को कई प्रकार से प्रभावित किया है। संक्रमण के दौरान जहां लोगों में गंभीर रोगों का खतरा अधिक देखा गया वहीं ठीक हो चुके लोगों में लंबे समय तक बनी लॉन्ग कोविड की दिक्कतें स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता बढ़ा रही हैं।

अध्ययनों में पाया गया है कि कोविड से ठीक हो चुके लोगों में एक साल से अधिक समय तक भी वायरस के अंश मौजूद हो सकते हैं, इसके अलावा लॉन्ग कोविड में रोगियों में हार्ट, फेफड़ों और ब्रेन से संबंधित दिक्कतें देखी जा रही हैं। कोविड के दुष्प्रभावों को जानने के लिए हाल ही में किए एक अध्ययन में इसके एक और गंभीर स्वास्थ्य जोखिम को लेकर सावधान किया गया है।

अध्ययन में विशेषज्ञों ने कहा कोविड महामारी ने दुनियाभर में लोगों की औसत जीवन प्रत्याशा (लाइफ एक्सपेक्टेंसी) को करीब 1.6 साल तक कम कर दिया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा ये कोविड के सबसे गंभीर दुष्प्रभावों में से एक है।

महामारी ने कम कर दी है जीवन प्रत्याशा

अमेरिका स्थित इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवेल्यूएशन (आईएचएमई) के डेटा की जांच करने वाले शोधकर्ताओं ने बताया, वैश्विक जीवन प्रत्याशा में पिछले कुछ दशकों में काफी सुधार देखा जा रहा था, हालांकि महामारी ने इस वृद्धि में नाटकीय रूप से बड़ा परिवर्तन कर दिया है।

द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में मुख्य लेखक ऑस्टिन शूमाकर कहते हैं, दुनियाभर के वयस्कों के लिए कोविड-19 महामारी दुष्प्रभाव, पिछली आधी सदी में देखी गई किसी भी घटना की तुलना में काफी अधिक है। कोरोना ने न सिर्फ लॉन्ग कोविड में कई बीमारियों के खतरे को बढ़ा दिया है साथ ही ये इंसानों की औसत आयु को भी कम कर रही है।

पुरुषों-महिलाओं में बढ़ी मृत्युदर

साल 2020-2021 के दौरान ये अध्ययन किया गया। विश्लेषण में 204 देशों में लोगों की सेहत पर इसके असर को समझने का प्रयास किया गया। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि इस दौरान 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की मृत्युदर पुरुषों में 22 प्रतिशत और महिलाओं में 17 प्रतिशत बढ़ गई है। मेक्सिको सिटी, पेरू और बोलीविया ऐसे स्थान हैं जहां जीवन प्रत्याशा में सबसे अधिक गिरावट देखी गई है।

क्या कहते हैं शोधकर्ता?

शोधकर्ताओं ने बताया, साल 2019 की तुलना में कोरोना के दौरान 2021 में पांच साल से कम उम्र के करीब पांच लाख बच्चों की मृत्यु हुई। आईएचएमई के शोधकर्ता हम्वे हम्वे क्यू कहते हैं, दुनियाभर में कोरोना महामारी ने विभिन्न देशों में स्वास्थ्य में बढ़ी समस्याओं को लेकर अलर्ट किया है।

शोधकर्ताओं का अनुमान है कि 2020-2021 के दौरान 15.9 मिलियन अतिरिक्त मौतों के लिए कोविड जिम्मेदार था। इस महामारी ने स्वास्थ्य को कई प्रकार से क्षति पहुंचाई है। इसके दीर्घकालिक दुष्प्रभाव अब भी देखे जा रहे हैं। लगभग सभी उम्र के लोगों में कोरोना का जोखिम देखा जाता रहा है।


स्रोत और संदर्भ
Global age-sex-specific mortality, life expectancy, and population estimates in 204 countries and territories and 811 subnational locations, 1950–2021, and the impact of the COVID-19 pandemic

अस्वीकरण: लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर तीसरी जंग हिंदी किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।