विशेष

“कोई मरने के लिए आ ही रहा तो जिंदा कहां से हो जाएगा”

Parvez Ahmad
@parvezahmadj
आज संघ के एक बुजुर्ग पूर्व दायित्वधारी मिले.संवाद के दौरान हमने पूछा कि आखिर भाजपा हमेशा सपा को अपना मुख्य प्रतिदव्न्दी क्यों बताती है , बसपा को क्यों नहीं ??
लम्बी सांस लेकर वह बोले-भाजपा जब चाहेगी, सपा को ख़त्म कर देगी, इसलिए वह सपा को मुख्य प्रतिद्व्न्दी बताती है ?
हमने कहा कैसे ?
वह बोले सपा के पास विचारधारा नहीं है, सोशलिस्ट डॉ लोहिया हमेशा जनसंघ के करीब रहे.अबकी सपा 90% मुसलमान, 60/70% यादव का समूह है.इस दौर का मुसलमान भाजपा विरोध में सियासी शून्य हो गया है. बाकी सपा के साथ सियासी लाभ की लालसा वाला वर्ग है, जिसे किसी समय भी अलग किया जा सकता है…इस ताकत से वह कुछ सीटें जीत लेगी लेकिन सत्ता में नहीं आ सकती !!!
अब अगर बसपा को मुख्य प्रतिद्व्न्दी बताया गया तो वह विचारधारा की पार्टी है, अम्बेडकर, कांशीराम , मायावती के नाम पर दलित एकजुट हो जाएगा. भाजपा की ओर से मुख्य प्रतिवंदी का प्रचार होते ही मुसलमान, सत्ता की लालसा और सत्ता से नाराज लोग बसपा से जुड़ जाएंगे. भाजपा हार जायेगी.इसलिए हम कभी भी बसपा को भाजपा का मुख्य प्रतिद्व्न्दी नहीं बनाते.बल्कि प्रयास रहता l बसपा पर भाजपा की ‘बी’ टीम होने का आरोप खत्म न हो पाए. सुश्री मायावती जी की उम्र हो गई है. वह जन संवाद से दूर है , उसका लाभ भाजपा को मिलता है!!!
बात समझ आई ??
उनके इस सवाल पर हम चौके …और लगा यह सच हो सकता है !!

Wasim Akram Tyagi
@WasimAkramTyagi
पांच साल पहले यूपी में नस्लवादी क़ानून (CAA) के ख़िलाफ हो रहे आंदोलन में हिंसा हुई। इस हिंसा में 23 मुसलमान मारे गए, जिसका सीधा आरोप
@Uppolice
पर लगा। दो दर्जन के क़रीब इंसानों की मौत पर यूपी के मुख्यमंत्री
@myogiadityanath
ने कहा, “कोई मरने के लिए आ ही रहा तो जिंदा कहां से हो जाएगा!” योगी का इतना कहना था कि विधानसभा स्पीकर से लेकर सत्ताधारी दल के विधायक ठहाका लगाने लगे। क्योंकि मरने वाले ‘दूसरे’ थे। अब बहराइच का एक वीडियो देखो सीओ साहब के सामने दंगाई आग लगा रहे हैं, हिंसा कर रहे हैं, लूट कर रहे है लेकिन सीओ साहब इतने बेबस हैं कि ‘टियर गन’ तक नहीं चला पा रहे हैं। क्योंकि दंगा करने वाले ‘अपने ही बच्चे हैं’ और जिन्हें नुकसान पहुंचाया जा रहा है वो ‘दूसरे’ हैं। भारत अगर विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है तो यूपी भी विश्व में सातवें स्थान पर है। लेकिन इतने बड़े राज्य के शासकों का दिल इतना ‘छोटा’ है कि वो निष्पक्ष कार्रावाई तक नहीं करा सकते।


Ali Sohrab
@007AliSohrab

“मुत्ताहिदा कौमियत” जिंदाबाद!
गरीब की झोपड़ी में प्लाटिक पेंट, सिलाई मशीन मशीन बिल्कुल नई, गरीब की झोपड़ीं में हजारों रुपये की हाई मास्ट लाइट, महंगे वाली दरी, एक दम नए नए तकिया कवर, बिल्कुल नए।
गरीब महिला बेचारी घर मे भी आईकार्ड पहनती हैं…
“मुत्ताहिदा कौमियत” जिंदाबाद!

डिस्क्लेमर : ट्वीट में लोगों के निजी विचार/जानकारियां हैं