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कैसी कैसी बातों पर बैन हुईं फिल्में ; ड्रैकुला के 9 फ़िल्मी अवतार

नोसफेरातू (1921)
1921 में जब जर्मन डायरेक्टर फ्रीडरीष विलहेम मुरनाउ ने नोसफेरातू की शूटिंग शुरू की तो उस वक्त “हॉरर मूवी” जैसी कोई चीज नहीं थी. माक्स श्रेक ने इसमें वैम्पायर यानी पिशाच काउंट ओर्लोक की भूमिका निभाई थी. मूक फिल्मों के दौर में वह उस वक्त का सबसे डरावना किरदार था. चमगादड़ जैसे कान और घुटे सिर वाले मनहूस किरदार की मोटी भौंहें और लंबे दांत देखकर ऐसा लगा जैसे सीधे नर्क के कुएं से निकला हो.


ड्रैकुला (1931)
अभिनेता बेला लुगोसी पहले शख्स थे जिन्होंने काउंट ड्रैकुला का अभिनय पर्दे पर किया. हंगरी में जन्मे लुगोसी ने ब्रॉडवे के अलग-अलग शो में इस पिशाच का किरदार जितनी बार निभाया उतना और किसी ने नहीं किया. 4 फरवरी 1931 को टोड ब्राउनिंग की फिल्म ड्रैक्युला का अमेरिका में प्रीमियर हुआ. इसमें लुगोसी ने ट्रांसिल्वियाई काउंट को सुसभ्य बनाया जो बात करते-करते खून पी जाता.

ड्रैकुला (1958)
कई बार ड्रैकुला बनने वालों में हॉलीवुड के अभिनेता क्रिस्टोफर ली भी हैं. ड्रैकुला के 1958 के संस्करण की इस तस्वीर में नजर आ रहे ली को तब टेरेंश फिशल ने निर्देशित क्या था. ली ने खून चूसने वाले शैतान की भूमिका कम से कम 10 फिल्मों में निभाई है.


नोसफेरातु द वैंपायर (1979)
फिल्म निर्देशक वेर्नर हर्जोग ने मुरनाउ की नोसफेरातू को इसकी रिमेक बना कर श्रद्धांजली दी. जर्मन में इस फिल्म का नाम था- नोसफेरातूः फैंटम ऑफ द नाइट. ड्रैकुला की भूमिका में क्लाउस किंस्की माक्स श्रेक की भंगिमाओं से काफी प्रेरित नजर आए, जिन्होंने मुरनाउ की फिल्म में पिशाच की भूमिका निभाई थी. 1988 में किंस्की ने एक बार फिर इटैलियन हॉरर फिल्म नोसफेरातू इन वेनिस में पिशाच का रोल किया.

ड्रैकुला (1992)
काउंट ड्रैकुला को फ्रांसिस फोर्ड कोपोला की 1992 में आई फिल्म से एक नया जीवन मिला. ब्रिटिश एक्टर गैरी ओल्डमैन पिशाच बने थे, जबकि अभिनेत्री विनोना राइडर उनकी शिकार, मीना. तस्वीर में नजर आ रहे एंथनी हॉपकिंस ने डॉ वेन हेल्सिंग की भूमिका निभाई थी जो उस पिशाच को हमेशा के लिए खत्म कर देना चाहता है. कॉस्ट्यूम के दीवानों के लिए यह फिल्म जबरदस्त थी.

ड्रैकुला डेड एंड लविंग इट(1995)
अमेरिकी अभिनेता मेल ब्रुक्स ने इस फिल्म में पिशाच की भूमिका निभाने के साथ ही इस फिल्म का निर्देशन भी किया है. फिल्म में स्टोकर के उपन्यास का मजाक बनाया गया. इस फिल्म का ड्रैकुला बिल्कुल भी डरावना नहीं है बल्कि एक बेढंगा व्यभिचारी है.

शैडो ऑफ द वैम्पायर (2000)
मुरनाउ को एक और श्रद्धांजलीः निर्देशक एलियास मेहरिगे की ये फिल्म मेकिंग ऑफ नोसफेरातू के बारे में डॉक्यूमेंट्री है जिसमें कल्पना का भी सहारा लिया गया है. विलेम दाफो ने इसमें माक्स श्रेक का किरदार निभाया जिसने पिशाच को वास्तविक रूप में दिया जबकि जॉम मैल्कोविच ने जर्मन निर्देशक का किरदार निभाया.


वेस क्रेवेन प्रेजेंट्स ड्रैकुला (2000)
निर्देशक पैट्रिक लुजियर ने ड्रैकुला थीम को अपनी फिल्म के लिये चुना और इस किरदार को न्यू ऑर्लियांस लेकर गये. वैंपायर के शिकारी डॉ वेन हेल्सिंग गेरार्ड बटलर यानी ड्रैकुला को हमेशा के लिये खत्म करने की कोशिश करते हैं लेकिन नाकाम रहते हैं और इस दौरान वो पिशाच का खून अपनी शिरामों में भी डाल लेते हैं. लुजियर ने दो और फिल्में पिशाचों पर बनाई है.

द ट्विलाइट सागा
ट्विलाइट फिल्मों ने ट्रांसिल्वाई पिशाचों पर एक बिल्कुल अलग रुख अपनाया. रॉबर्ट पैटीसन इसमें पिशाच बने और किस्टेन स्टीवार्ट उनकी प्रेमिका. ट्विलाइट सीरीज की फिल्में मोटे तौर पर एक युवा के बारे में है जो प्यार और किशोरावस्था की समस्याओं के बीच फंसा है. कहानी में थोड़ा खूनी पेंच भी है.

रिपोर्ट: साबिने ओएल्जे

कैसी कैसी बातों पर बैन हुईं फिल्में

किस के कारण बैन
‘लाइटईयर’ नाम की नई फिल्म को संयुक्त अरब अमीरात समेत कई मुस्लिम देशों में प्रतिबंधित कर दिया गया है. वजह है एक सीन जिसमें दो महिला किरदारों को किस करते दिखाया गया है.

हटाना चाहा था सीन
फिल्म निर्माता कंपनी पिक्सर ने अलिशा और एक अन्य महिला किरदार के बीच किसिंग का यह सीन हटाने पर भी विचार किया था. लेकिन कंपनी के कर्मचारियों ने इस कदम का विरोध किया जिसके बाद सीन को ना हटाने का फैसला किया गया. हालांकि यूएई ने हाल ही में ऐलान किया था कि वह फिल्मों को सेंसर नहीं करेगा, लेकिन ‘लाइटईयर’ को फिर भी बैन कर दिया. वहां समलैंगिक संबंध अपराध हैं.

चीन में ‘फैंटैस्टिक बीस्ट्स 3’ में बदलाव
चीन में भी फिल्मों में समलैंगिकता दिखाने पर सख्ती है. इसकी मिसाल तब मिली जब ‘फैंटैस्टिक बीस्ट्स 3’ फिल्म में दो लाइन के एक डायलॉग को चीनी अधिकारियों की संतुष्टि के लिए हटाया गया

तिब्बत पर भी टेढ़ी निगाहें
तिब्बत को लेकर भी चीन अत्याधिक संवेदनशील रहता है. यही वजह है कि ब्रैड पिट की फिल्म ‘सेवन ईयर्स इन तिब्बत’ (1997) को चीन में बैन कर दिया गया था. यह फिल्म एक ऑस्ट्रियाई पर्वतारोही हाइनरिष हारेर और दलाई लामा की दोस्ती की कहानी है. ना सिर्फ इस फिल्म को बैन कर दिया गया बल्कि फिल्म के हीरो ब्रैड पिट की अन्य फिल्मों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया.

बोहेमियन रैप्सडी
म्यूजिक बैंड ‘क्वीन’ के गायक फ्रेडी मर्करी के बारे में फिल्म ‘बोहेमियन रैप्सडी’ जब चीन में रिलीज हुई तो उसमें ऐसी हर बात लापता थी जिससे गायक की समलैंगिकता का संकेत मिलता था. यहां तक कि कहानी के लिए बेहद अहम बातें जैसे मर्करी का खुलकर यह कहना कि वह समलैंगिक हैं या फिर उन्हें एड्स हो जाना भी हटा दिया गया.

रूस में क्या है सीन
रूस में भी समलैंगिकता से जुड़े सीन फिल्मों से हटाए जाते रहे हैं. ‘रॉकेटमैन’ के कई सीन हटाए गए थे, जिसका एल्टन जॉन ने विरोध भी किया था. हालांकि रूस में समलैंगिक संबंधों पर रोक नहीं है लेकिन समलैंगिकता के बारे में प्रॉपेगैंडा फैलाना अवैध है.

जर्मनी में भी बैन
जर्मनी में कई फिल्मों को प्रतिबंध झेलना पड़ा है. मसलन, राष्ट्रीय समाजवाद, हिंसा या नस्लवादी हिंसा भड़काने वाली फिल्मों को प्रतिबंधित किया जा सकता है. पीटर जैक्सन की फिल्म ‘ब्रेनडेड’ को जर्मनी में बैन कर दिया गया था क्योंकि इसमें अत्याधिक हिंसा दिखाई गई थी.