कैराना लोकसभा हुक्म सिंह के निधन के बाद खाली हुई पर उपचुनाव हुए थे जिसमें बीजेपी ने हुक्म सिंह की पुत्री मृगांका सिंह को प्रत्याशी बनाया था तो दूसरी तरफ़ महागठबंधन ने पूर्व साँसद मुनव्वर हसन की पत्नी और सपा विधायक नाहिद हसन की माँ तबस्सुम हसन को प्रत्याशी बनाया था।
काँटे की टक्कर के इस चुनाव में रालोद के सिम्बल पर चुनाव लड़ी तबस्सुम ने जीत दर्ज करी है और उत्तर प्रदेश से साँसद में मुस्लिम समाज नुमाइंदगी दर्ज कराई है तबस्सुम हसन ने बीजेपी की मृगंका सिंह को पराजित कर दिया है,बस्सुम 55 हजार से ज़्यादा वोट से चुनाव जीती है ,मतों की गिनती पूरी हो चुकी है,लेकिन अभी फाइनल लिस्ट बनायीं जा रही है जिसके बाद चुनाव आयोग अधिकृत घोषणा कर देगा,तबस्सुम हसन के आवास पर जीत का जश्न शुरू हो गया है ,रालोद के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी भी कैराना पहुँच चुके है जहाँ उनका जोरदार स्वागत किया जा रहा है।
सबसे ज्यादा चर्चा कैराना लोकसभा सीट की हो रही है. उत्तर प्रदेश में राजनीतिक रूप से अहम कैराना सीट पर बीजेपी का मुकाबला संयुक्त विपक्ष उम्मीदवार से है. राष्ट्रीय लोकदल की प्रत्याशी तबस्सुम हसन को सपा, कांग्रेस और बसपा का समर्थन हासिल है जबकि बीजेपी ने हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है।
यह सीट हुकुम सिंह के निधन के बाद खाली हुई है. 2014 के लोकसभा चुनाव में हुकुम सिंह ने यहां करीब 3 लाख वोटों के अंतर से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को हराया था. ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद यूपी की कैराना लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के बाद बुधवार को 73 बूथों पर फिर से वोटिंग कराई गई।
कैराना के नकुड़ और गंगोह क्षेत्र में सबसे ज्यादा ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें की गई थीं. इन इलाकों के कई पोलिंग बूथों पर आधी रात तक वोटिंग हुई. नकुड़ क्षेत्र के खजुरहेड़ी, दौलतहैड़ी, मुबारकपुर ऐसे बूथ थे, जहां देर रात तक वोटिंग हुई. प्रशासन ने लाइट और सुरक्षा के खास इंतजाम भी किए थे, ताकि अंधेरा न रहे और न ही किसी तरह की कोई अनहोनी न हो सके।
रमजान का महीना होने के चलते मुस्लिम मतदाता रोजा रखे हुए थे. उनके लाइन में लगे रहने के दौरान ही रोजा इफ्तार का वक्त हो गया. इसके बावजूद वो लाइन में लगे रहे और पोलिंग बूथ पर ही इफ्तार किया. कैराना में कुल 54 फीसदी मतदान हुआ था।