देश

#कैथल, साइबर अटैक अथवा साइबर अपराधों को रोकने में उपभोक्ता की भी बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी : डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल

Ravi Press
==================
साइबर अटैक अथवा साइबर अपराधों को रोकने में उपभोक्ता की भी बहुत बड़ी जिम्मेदारी :- डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल
कैथल हरियाणा
03 जनवरी
( रवि प्रेस )
डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने बताया कि बढ़ते हुए साइबर अटैक अथवा साइबर अपराधों को रोकने में सरकार ही नहीं बल्कि उपभोक्ता की भी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसे हमलों को रोकने में उपभोक्ताओं की सजगता और सतर्कता की बहुत बड़ी भूमिका होती है। साइबर अटैक के॒ लिए आवश्यक है कि उपभोक्ता, फोरम या वेबसाइट्स पर अपनी संवेदनशील जानकारी ईमेल आईडी, पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड की डिटेल शेयर न करें। अपना पासवर्ड मजबूत रखें, कोई भी लिंक क्लिक करने से पहले देखें कि वह वेबसाइट ठीक है।
डीसी ने बताया कि सिस्टम की सुरक्षा के लिए अपने सिस्टम को अपडेट करते रहें और भरोसेमंद सॉफ्टवेयर इंस्टाल करें। भेजे जाने वाले स्पैम मेसेज को खोलने से बचें, ओपन वाई-फाई का इस्तेमाल न करें। साथ ही एक वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का प्रयोग करें। आप एक सुरक्षित नेटवर्क से जुडक़र और थोड़ी सी सतर्कता और सजगता बरत कर साइबर हमले अथवा अपराध की गिरफ्त में आने से बच सकते हैं। पुलिस विभाग ने साइबर अपराधों से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 शुरू किया है। डीसी ने बताया कि अटैकर्स कमजोर सिस्टम पर हमला करने और उस पर नियंत्रण करने के लिए मैलिसस कोड का सहारा लेते हैं। साइबर सिक्योरिटी पर अटैक अनेक प्रकार से किए जा सकते हैं। इसके लिए मॉलवेयर, फिशिंग अटैक, डिनायल ऑफ सर्विस, मैन इन द मिडिल के माध्यम से किया जा सकता है। इसको सिस्टम को हैक करने, क्रिप्टोकरेंसी के रूप में पैसे की मांग के लिए या फिर डार्क वेब पर डेटा बेचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह के हमलों में संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण जानकारी जो उपयोगकर्ता के वेबसाइट पर उपलब्ध है, उसे बिना किसी वेबसाइट या यूजर्स के ज्ञान के हाईजैक कर लिया जा सकता है।
क्या होती है साइबर सिक्योरिटी
डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने बताया कि साइबर सिक्योरिटी का मतलब एक तरह की इंटरनेट सिक्योरिटी से है, जो आपको मैलवेयर, ब्लैक हैट हैकर्स या किसी अन्य तरह के साइबर हमलों से बचाती है। साइबर सुरक्षा में कंप्यूटर और नेटवर्क में उपलब्ध किसी भी प्रकार की सूचनाओं और डाटा को सुरक्षित और गोपनीय रखने का अभ्यास किया जाता है। जब आप इंटरनेट का प्रयोग करते है या इंटरनेट से जुड़े होते है तब कई प्रकार का खतरा आप पर बना रहता है क्योंकि हैकर्स अलग-अलग तरीकों से साइबर सुरक्षा का उल्लंघन करके आपके सिस्टम तक पहुंच सकते है और आपके पर्सनल डाटा का गलत इस्तेमाल कर सकते है। इसी खतरे को रोकने के लिए साइबर सिक्योरिटी का उपयोग किया जाता है।
साइबर सिक्योरिटी टिप्स
डीसी ने बताया कि यदि आप इंटरनेट का उपयोग बैंकिंग से जुड़ी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए करते हैं, तो आपको अपने डिवाइस में साइबर सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए एंटीवायरस को जरूर इंस्टॉल करना चाहिए. एक अच्छा एंटीवायरस आपको मैलवेयर और डाटा सिक्योरिटी बीच के खतरे से बचाने का काम करता है। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि बैंक आपसे कभी भी एटीएम कार्ड नंबर, सीवीवी, ओटीपी, यूपीआई पिन आदि की मांग नहीं करता है। सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट करें। हमेशा मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें। पासवर्ड ऐसा रखें जिसका कोई भी व्यक्ति आसानी से अनुमान ना लगा सके। अपने पासवर्ड को हमेशा गुप्त रखें और किसी को ना बताएं। किसी अज्ञात ईमेल से आयी ईमेल अटैचमेंट को कभी भी ना खोलें, क्योंकि इसमें वायरस भी हो सकता है और यह साइबर अपराधियों द्वारा आपका डाटा चुराने की एक साजिश भी हो सकती है। अज्ञात ईमेल में लिंक पर क्लिक न करें। असुरक्षित नेटवर्क का इस्तेमाल ना करें। गृह मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल शुरू किया गया है। यहां आप साइबर क्राइम के बारे में रिपोर्ट कर सकते हैं।