Ravi Press
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( रवि प्रेस )
सरकार की वायदाखिलाफ़ी के विरोध में किसान फिर से करेंगे आंदोलन :
24 नवंबर को किसान आंदोलन की दूसरी वर्षागाँठ पर अंबाला में रोकेंगे रेल:विक्रम कसाना
किसान आंदोलन के दौरान हुए रेलवे के मुक़दमे वापिस हो नही तो 24 नवम्बर को रेल जाम :-कर्म सिंह मथाना
24 नवम्बर को मोहड़ा अनाज मंडी में (जंहा से किसान आंदोलन की शुरुवात हुई थी)वहा किसान मसीहा सर छोटू राम की जयंती मनाई जाएगी:महावीर
चहल नरड
कैथल 12 नवबर: भारतीय किसान यूनियन चढुनी की जिलास्तरीय मीटिंग जिला कार्यकारी अध्यक्ष गुरनाम सिंह फरल व जिला अध्यक्ष महावीर चहल नरड की अध्यक्षता मे हनुमान वाटिका कैथल में हुई।जिसमे भाकियू चढूनी के कार्यकारी अध्यक्ष कर्म सिंह मथाना,राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश बैसं,युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना एडवोकेट ने विशेष तौर पर भाग लिया।भारतीय किसान यूनियन चढूनी के नेताओ ने कहा कि दिल्ली में चले 13 महीने 13 दिन चले किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार ने लिखित में हुए समझोते अनुसार केंद्र सरकार ने सभी प्रकार के केस वापिस लेने किसानों की शर्त को माना था परंतु लगभग एक साल का समय बीत जाने पर भी अभी तक रेलवे के केस वापिस नही किए गए भाकियू चढूनी द्वारा मांगी सूचना में रेलवे विभाग ने बताया कि हरियाणा में किसान आंदोलन के दौरान 12 केस दर्ज किए गए थे परंतु इस केसो को वापिस लेने का कोई भी आदेश विभाग को नही मिला है इस प्रकार आंदोलन के दौरान हरियाणा सरकार से हुई मुख्यमंत्री से समझौता वार्ता में भी सभी केस वापिस लेने की बात हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मानी थी और सारे पुराने केस वापिस लेने व आंदोलन के सहायक लोगो को किसी भी प्रकार से पीड़ित न करने का वायदा किया था जबकि कईयो के असला लाईसंस व पासपोर्ट आदि का कार्य सरकार ने जानबूझ कर रोका हुआ है इसी प्रकार 30 मुक़दमे पहले से आंदोलनों के पेंडिग है जोकि सरकार को पहले से लिखित में भेजे जा चुके है इन पर कोई कार्यवाही नही हुई है अभी तक कई केस वापिस नही लिए गए जैसे एफ़.आई.आर. 206/2021 व एफ़.आई.आर. 77/2021 अदालतो में चल रहे है ।
Vikram kasana advocate
@Vikramk39811878
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी)की जिलास्तरीय बैठक हनुमान वाटिका कैथल मे हुई।बैठक मे किसानो ने कहा कि सरकार की वायदाखिलाफ़ी के विरोध में किसान फिर से करेंगे आंदोलन ओर 24 नवंबर को किसान आंदोलन की दूसरी वर्षगाँठ पर अंबाला में रोकेंगे रेल। विक्रम कसाना एडवोकेट