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कैथल, ट्रैफिक पुलिस का स्कूलों को लेकर विशेष जागरुकता अभियान : रवि जैस्ट की रिपोर्ट

Ravi Press
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ट्रैफिक पुलिस का स्कूलों को लेकर विशेष जागरुकता अभियान
ट्रैफिक पुलिस स्कूल बसों को समय- पर चेक करेगी उच्च न्यायालय द्वारा जारी किये गये निर्देशों की उल्लंघना करने पर होगी सख्त कार्यवाही ।
कैथल

06 दिसंबर
( रवि प्रेस )
पुलिस प्रवक्ता प्रदीप नैन ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस अधीक्षक मकसूद अहमद के नेतृत्व में स्कूल के बच्चों को रोड सेफ्टी हेतु जागरूक करने के लिए एक विशेष अभियान तहत मंगलवार को ट्रैफिक एसएचओ रमेश चंद्र की टीम द्वारा चीका में मिलेनियम वर्ल्ड स्कूल विजिट करके स्कूल के बच्चों को, टीचर को तथा वैन ड्राइवर, कंडक्टर को रोड सेफ्टी हेतु यातायात के नियमों की पालना करने बारे जानकारी दी गई और स्कूल टीचर को भी जानकारी दी गई व बच्चों को ट्रैफिक सिग्नल (रेड,येलो, ग्रीन) बारे, रुको, देखो, फिर सड़क पार करो, रोड सेफ्टी हेतु एक्टिविटी, गेम्स के माध्यम से जानकारी देने बारे अवगत करवाया गया।

एसएचओ ने बताया कि दिन ब दिन सड़क दुर्घटना के मामलें सामनें आ रहे है, जो सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने को जिला पुलिस के लगातार प्रयास जारी है। ये तभी सभंव है जब हम यातायात के नियमों के प्रति जागरुक होगें। सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए एसएचओ द्वारा स्कूल में उपस्थित बच्चों टीचरों तथा स्कूल बस के (चालक, परिचालको) को मोटर व्हीकल अधिनियम 1988 के नियमों बारे समझाया गया।

इसके साथ ही एसएचओ ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्कूल चालक व परिचालक के लिये विशेष दिशा निर्देश जारी किये गये है अगर इन नियमों बारे किसी भी प्रकार से लापरवाही पाई गई तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त एक्सन लेकर कडी कानूनी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि पेरेंट्स नाबालिग बच्चों की जिद पर स्कूटी, स्कूटर और बाइक खरीद कर दे देते है जो मोटर व्हीकल अधिनियम 1988 के तहत कानून जुर्म है और बच्चे सुरक्षित नही है। कोई भी दुपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट व चौपहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट लगाना ना भूले।

स्कूल मैनेजमेंट को एसएचओ ने बताया कि आपके स्कूल का वाहन का मोटर वाहन अधिनियम के तहत परमिट, फिटनेस सर्टिफिकेट, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र, बीमा इत्यादि होना चाहिए। स्कूल बस के आगे पीछे ‘स्कूल का नाम तथा टेलीफोन नंबर लिखा हो और बस में बैठने की क्षमता से अधिक बच्चो ना बैठे हों। स्कूल बस में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, अग्निशमन यंत्र, तथा पानी की व्यवस्था हो। चालक परिचालक को पता हो कि बच्चा कहां से चढाना व उतारना है। अंत में एसएचओ ने कहा कि यातायात के छोटे छोटे नियमों की पालना करके हम बडी दुर्घटना को रोक सकते है।