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छावा : आप मध्यकाल के बदले आज लेना चाहते हैं तो हद से हद स्क्रीन फाड़ पायेंगे, सिनेमा उसे और क्रूर बना देता है!
Ashok Kumar Pandey अशोक اشوک @Ashok_Kashmir औरंगज़ेब ने संभाजी के साथ क्रूरता की थी? बिल्कुल की होगी। अगर संभाजी को मौक़ा मिलता तो वह भी ऐसी ही क्रूरता करते औरंगज़ेब के साथ। क्रूरता मध्यकाल की वीरता थी। ——– कल्पना कीजिए एक व्यक्ति दोनों हाथों से तलवार चलाता हुआ लोगों की गर्दन काट रहा है आपके […]
वह शानदार ज़िन्दगी सो गई, किन्तु आन नहीं सोई, वह अब भी जाग रही है…
Jograj Singh Bhati ============== काक नदी की पतली धारा किनारों से विरक्त सी होकर धीरे धीरे सरक रही थी। आसमान ऊपर चुपचाप पहरा दे रहा था और नीचे लुद्रवा देश की धरती, जिसे उत्तर भड़ किवाड़ भाटी आजकल जैसलमेर कहा जाता है, प्रभात काल में खूंटी तानकर सो रही थी। नदी के किनारे से कुछ […]
महिलाओं के लिए जगह रखते हुए….
Sapna Devi =========== महिलाओं के लिए जगह रखते हुए…. जब पुरुषों को स्त्री के साथ अनहील किया जाता है, तो वे अपने मर्दाना कोर से कट जाते हैं और अंतरिक्ष को पकड़ने का क्या मतलब है में अस्थिर हो जाते हैं। वे महिलाओं की भावनाओं की इतनी हद तक पहचान लेते हैं कि वे अपनी […]