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केन्द्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में कहा, समलैंगिक विवाह या व्यक्तियों के बीच संबंध गैरक़ानूनी नहीं हैं!

नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) समलैंगिक विवाहों या व्यक्तियों के बीच संबंधों को हालांकि मान्यता प्राप्त नहीं है, लेकिन वे गैरकानूनी नहीं हैं। केन्द्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में यह बात कही है।.

समलैंगिक विवाह को कानूनी वैधता प्रदान करने का अनुरोध करने वाली तमाम याचिकाओं का विरोध करते हुए एक हलफनामे में सरकार ने कहा है कि जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों में समलैंगिक विवाह की मंजूरी को अंतर्निहित नहीं माना जा सकता।.

केंद्र ने सामाजिक मूल्यों का हवाला देकर न्यायालय में समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का विरोध किया

नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय में केंद्र सरकार ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के अनुरोध से संबंधित याचिकाओं का यह कहते हुए विरोध किया कि इससे व्यक्तिगत कानूनों और स्वीकार्य सामाजिक मूल्यों में संतुलन प्रभावित होगा।.

उच्चतम न्यायालय में सोमवार को इस मामले पर सुनवाई होगी। उच्चतम न्यायालय के समक्ष दाखिल हलफनामे में सरकार ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के जरिये इसे वैध करार दिये जाने के बावजूद, याचिकाकर्ता देश के कानूनों के तहत समलैंगिक विवाह के लिए मौलिक अधिकार का दावा नहीं कर सकते हैं।.