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केन्द्र सरकार ने अमेरिकी व्यवसायी दर्शन सिंह धालीवाल को प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार से नवाज़ा!

भारत की केन्द्र सरकार ने अमेरिकी व्यवसायी दर्शन सिंह धालीवाल को प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार से नवाज़ा है।

यही वह धारीवाल हैं जिनको को किसान आंदोलन के दौरान सबसे बड़ा लंगर चलाने की वजह से अक्टूबर 2021 में दिल्ली हवाई अड्डे से निर्वासित कर दिया गया था।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस के 17वें संस्करण के दौरान धालीवाल को पुरस्कार प्रदान किया। विस्कॉन्सिन के मिल्वौकी में रहने वाले धालीवाल भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं, उन्हें व्यवसाय और सामुदायिक कल्याण में उनके योगदान के लिए पहचाना जाता है।

केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ साल भर लंबे चले किसान आंदोलन के दौरान जब धालीवाल भारत आए तो इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने उनसे और उनके परिवार के अन्य सदस्यों से आंदोलन को समर्थन देने या देश में प्रवेश करने के विकल्पों में से एक का चयन करने के लिए कहा था।

उन्होंने अपने पिता की याद में सिंघू बॉर्डर पर लंगर का आयोजन किया था।

दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरते ही धालीवाल को देश में प्रवेश करने से मना करने के बाद पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था और उनसे मामले में निजी हस्तक्षेप करने के लिए कहा था।

सम्मान प्राप्त करने के बाद मीडिया ने धालीवाल के हवाले से लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी भारत के अंदर और बाहर दोनों जगह सिख समुदाय के साथ काम करने के लिए वास्तव में बहुत अधिक प्रयास कर रहे हैं, वह देश के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं और मुझे नहीं मालूम है कि वह और क्या कर सकते हैं?

दर्शन सिंह धालीवाल के भाई पंजाब के पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुरजीत सिंह रखड़ा हैं। धालीवाल 1972 में अमरीका चले गए थे, वे अमेरिका के छह राज्यों में 100 से अधिक पेट्रोल और गैस स्टेशन के मालिक हैं, उनका नाम परोपकारी कार्य करने वालों में गिना जाता है। धालीवाल ने कहा कि उन्हें प्रवासी भारतीय सम्मान के संबंध में तीन हफ्ते पहले एक पत्र मिला था।

उन्होंने कहा कि मैं अपनी पत्नी और बेटी के साथ पुरस्कार लेने भारत आया हूं, मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने मुझे किसी भी एनआरआई या पीआईओ को मिलने वाले सर्वोच्च स्तर के पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने दावा किया कि मुलाक़त के दौरान मोदी ने उनसे कहा था कि हमसे ग़लती हो गई थी, जो हमने आपको वापस भेजा, आपका बड़प्पन है कि हमारे कहने पर आप फिर आए।