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केंद्र सरकार ने देश के जाने माने थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया

केंद्र सरकार ने पब्लिक पॉलिसी पर देश के जाने माने थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ (सीपीआर) का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया है.

इसका मतलब ये हुआ कि अब इस संस्था को विदेश से कोई आर्थिक मदद नहीं मिल पाएगी.

विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन क़ानून यानी एफसीआरए के तहत लाइसेंस पाने के बाद ही कोई संस्था या व्यक्ति विदेशों से आर्थिक मदद ले सकते हैं.

सीपीआर की अध्यक्ष यामिनी अय्यर की ओर से बुधवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर जारी एक बयान में संस्था का पक्ष रखा गया है.

संस्था ने केंद्र सरकार के इस फ़ैसले की वजह को ‘अबूझ’ और ‘असंगत’ क़रार दिया है.


बयान में बताया गया है कि 10 जनवरी, 2024 को उसे केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से एक नोटिस मिला जिसमें उसका एफसीआरए स्टेट्स रद्द कर दिया गया है.

सीपीआर ने बताया है कि संस्था का पिछले 50 सालों का इतिहास काफी गौरवपूर्ण रहा है, जहां देश के जाने माने विद्वानों, राजनयिकों और नीति निर्माताओं ने काम किया है.

यामिनी अय्यर कांग्रेस नेता मणि शंकर अय्यर की बेटी भी हैं.

क्या है मामला

आयकर विभाग ने सितंबर 2022 में सीपीआर के परिसरों में कथित तौर पर ‘आयकर सर्वेक्षण’ किया था. सरकार ने उसके बाद 27 फरवरी, 2023 को संस्था का एफसीआरए लाइसेंस निलंबित कर दिया था.

सीपीआर ने सरकार के उस फ़ैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट की ओर से जारी नोटिस पर केंद्र सरकार ने निलंबन की वजह बताई थी.

सरकार ने संस्था पर आरोप लगाया कि यह विदेशी मदद के लिए बताए गए उद्देश्यों से अलग और अवांछित उद्देश्यों के लिए धन हासिल कर रही थी.